वो,कर्मचारी,शायद मानने के मूड में नहीं है लेकिन सभी पात्र किसानों के धान की समय पर खरीदी होगी- कृषि मंत्री राम विचार नेताम जनजातीय गौरव दिवस...
रायपुर .
असल बात news.
कृषि मंत्री श्री राम विचार नेताम ने आज यहां धान खरीदी के संबंध में बड़ी बात कही है. उन्होंने कर्मचारियों की हड़ताल के चलते धान खरीदी के प्रभावित होने की आशंका के संबंध में पूछे गए प्रश्न पर उत्तर देते हुए कहा है कि उन कर्मचारियों से बातचीत की गई है लेकिन वे सब शायद अभी मानने के मूड में नहीं है. लेकिन इसके बावजूद धान खरीदी समय पर शुरू होगी और सभी पात्र किसानों के धान की खरीदी होगी. उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी सिर्फ कोचियों के दम पर चलने वाली पार्टी है,चाहे ये कोचिंये,धान खरीदी वाले हो या शराब वाले.
कृषि मंत्री श्री नेताम ने यहां पत्रकारों से बात करते हुए यह उक्ताशय की बातें कही है.उन्होंने इस दौरान समिति के कर्मचारियों के हड़ताल और उससे धान खरीदी के प्रभावित होने की आशंका के सवाल पर कहां से हमने उन आंदोलन कर रहे कर्मचारियों से निवेदन किया है बातचीत की है. उन कर्मचारियों को कहा गया है कि मांगे बनी रहती हैं अभी धान खरीदी का अवसर है. धान खरीदी कर लीजिए. कर्मचारियों की मांगों का पहले भी निराकरण किया गया है. उन्होंने कहा कि उन्हें लगता है कि ये कर्मचारी अभी मनाने के मूड में नहीं है. लेकिन इससे कहीं भी धान खरीदी प्रभावित नहीं होने वाली है. उन्होंने कहा कि पूरे छत्तीसगढ़ में धान खरीदी का कार्य 15 नवंबर से शुरू होने जा रहा है.खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 के लिए धान उपार्जन की तैयारियां अपने अंतिम चरण पर हैं, अधिकारियों को इन सभी धान उपार्जन केंद्रों पर सभी आवश्यक व्यवस्थाएं जैसे बारदाने, तौल मशीनें और नमी मापक यंत्र इत्यादि की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।
मंत्री श्री नेताम ने कहा कि राज्य में सभी पात्र किसानों से धान खरीदा जाएगा. इसकी तैयारी की गई है कि बिचौलिए, कोचिंये इत्यादि धान नहीं बेच पाएंगे.किसानों के एक-एक प्लाट पर जाकर, कहा कितना धान लगाया गया है और कितना उत्पादन हुआ है इसका सर्वे किया गया है. पहले बिना किसी सर्वे के, बैठे-बैठे अंधाधुन खरीदी की जाती थी. तब कोचिंयों और बिचौलियों को संरक्षण दिया जाता था अब यह सब नहीं चलेगा. उन्होंने कहा कि कांग्रेस तो कई तरह के कोचिंयों की ही पार्टी बन गई थी.अभी विभिन्न प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों (लैंपस) पर धान खरीदी के लिए विभिन्न विभागों के अधिकारियों और कर्मचारियों को जिम्मेदारी दी गई है।
जनजातीय गौरव दिवस कार्यक्रम में 20 नवंबर को राष्ट्रपति शामिल होंगी
कृषि मंत्री राम विचार नेताम ने इसी दौरान छत्तीसगढ़ राज्य में मनाये जा रहे जनजातीय गौरव दिवस कार्यक्रम के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी. और बताया कि जनजाति है नर्तक दलों को उचित मंच उपलब्ध कराने व पारंपरिक नृत्य शैली को बढ़ावा देने संरक्षण तथा संवर्धन के उद्देश्य प्रत्येक वर्ष अक्टूबर माह में शहीद वीर नारायण सिंह लोक कला महोत्सव प्रतियोगिता का आयोजन जिला स्तर पर किया जाता रहा है. इस वर्ष राज्य स्तर पर इस प्रतियोगिता का आयोजन 19तथा 20 नवंबर को किया जाएगा.इस प्रतियोगिता में बस्तर संभाग से 7,सरगुजा संभाग से 6,दुर्ग संभाग से तीन रायपुर संभाग से दो एवं विलासपुर संभाग से चार इस प्रकार कुल 22 जनजातीय नाटक दल शामिल होंगे. प्रत्येक नाटक दल में लगभग 35 से 40 सदस्य होंगे. प्रतियोगिता के प्रथम विजेता दल को राष्ट्रपति जी के समाचार नृत्य प्रदर्शन करने का अवसर प्राप्त होगा तथा उन्हें राष्ट्रपति जी के द्वारा पुरस्कार प्रदान किया जाएगा.
जनजातीय गौरव दिवस कार्यक्रम में शामिल होने राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू 20 नवंबर को छत्तीसगढ़ आ रही हैं और वे जनजातीय गौरव दिवस कार्यक्रम में शामिल होंगी. मंत्री श्री नेताम ने कहा कि भारत के समृद्ध सांस्कृतिक विविधता में जनजाति समुदाय का बड़ा योगदान है जिन्होंने राष्ट्र के इतिहास और विकास के सफर में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. जनजातीय समुदाय में बिरसा मुंडा भगवान के रूप में पूज्यनीय है. समाज एवं राष्ट्र के प्रति इनके योगदान को सम्मान देते हुए भारत सरकार द्वारा वर्ष 2021 में बिरसा मुंडा की जयंती को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की गई है तब से प्रत्येक वर्ष भगवान बिरसा मुंडा की जयंती 15 नवंबर को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाया जा रहा है. इस वर्ष धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा की 150वी जयंती के उपलक्षय में पूरे देश में एक नंबर से 15 नवंबर तक जनजाति गौरव वर्ष पखवाड़ा मनाया जा रहा है.
अंतर्राष्ट्रीय आदिवासी दिवस के अवसर पर छत्तीसगढ़ में पिछली सरकार के द्वारा आयोजित किए जाने वाले कार्यक्रमों को बंद कर दिया जाने से संबंधित सवाल पर मंत्री श्री राम विचार नेता ने कहा कि हम लोग छत्तीसगढ़ आदिवासी दिवस और देश का आदिवासी दिवस मना रहे हैं. वह लोग विदेशी आदिवासी दिवस मनाते रहे हम स्वदेशी आदिवासी दिवस मना रहे हैं. हम लोग भारतीय हैं भारत की बात करते हैं.




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