छत्तीसगढ़ सरकार के मुख्य सचिव को नोटिस जारी कर दो सप्ताह के भीतर विस्तृत रिपोर्ट मांगी नई दिल्ली असल बात news. राष्ट्रीय मानवाधिकार आ...
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने अंतिम संस्कार के लिए स्थान निर्धारित न किए जाने के कारण छत्तीसगढ़ के रायपुर ज़िला अस्पताल के शवगृह में कई लावारिस शवों के ढेर लगे होने संबंधी मीडिया रिपोर्ट पर स्वतः संज्ञान लिया है। वहां अंतिम संस्कार एक गैर-सरकारी संगठन द्वारा किया जाता है। बताया गया है कि पिछले सप्ताह से ही तीन अज्ञात शवों को पोस्टमार्टम के लिए भी नहीं भेजा गया है।
आयोग ने अपनी टिप्पणी में कहा कि मीडिया रिपोर्ट सही होने कि स्थिति में यह मानवाधिकार के गंभीर उल्लंघन का मामला है, क्योंकि मृतकों को भी अपने धर्म के अनुसार सम्मानपूर्वक अंतिम संस्कार का अधिकार है। आयोग ने इस सिलसिले में छत्तीसगढ़ सरकार के मुख्य सचिव को नोटिस जारी कर दो सप्ताह के भीतर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने मृतकों की गरिमा और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए वर्ष 2021 में एक परामर्श जारी कर कहा था कि आम स्वीकार्य वैधानिक नियम है कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 के अनुसार जीवन, उचित व्यवहार और गरिमा का अधिकार न केवल जीवित व्यक्तियों पर, बल्कि उनके मृत शरीर पर भी लागू होता है।
मीडिया में 9 सितंबर, 2025 को प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार रायपुर ज़िला प्रशासन ने लावारिस शवों के अंतिम संस्कार के लिए लगभग तीन वर्ष पहले तीन एकड़ ज़मीन आवंटित की थी, जहां गैर-सरकारी संगठन द्वारा 800 से अधिक लावारिस शवों का अंतिम संस्कार किया गया। कहा जा रहा है कि मिट्टी भरकर इस भूमि का दोबारा इस्तेमाल हो सकता है, लेकिन ज़िला प्रशासन ने इस बारे में अब तक कोई कदम नहीं उठाया है।