Bhupendra Yadav as incharge for Bangal Chunav: भाजपा ने गुरुवार को पश्चिम बंगाल, बिहार और तमिलनाडु में विधानसभा चुनाव के लिए प्रभारी और स...
Bhupendra Yadav as incharge for Bangal Chunav: भाजपा ने गुरुवार को पश्चिम बंगाल, बिहार और तमिलनाडु में विधानसभा चुनाव के लिए प्रभारी और सह प्रभारी नियुक्त किए हैं। केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव को पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव का प्रभारी और त्रिपुरा के पूर्व मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब को सह प्रभारी बनाया गया है।बिहार के लिए केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को चुनाव प्रभारी, उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल को सह-प्रभारी बनाया है। वहीं, इसके अलावा तमिलनाडु में भाजपा सांसद बैजयंत पांडा को प्रभारी और मुरलीधर मोहोल को सह प्रभारी नियुक्त किया गया है।
बता दें कि, बिहार में अक्टूबर-नवंबर में विधानसभा चुनाव होने हैं, यहां फिलहाल नीतीश कुमार की JDU और भाजपा गठबंधन की सरकार है। वहीं, 2026 में मार्च से मई के बीच पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु में चुनाव होंगे। बंगाल में ममता बनर्जी की पार्टी TMC और तमिलनाडु में द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK) सत्ता में है।
भूपेंद्र यादव का चुनाव प्रभारी रहते भाजपा का शानदार प्रदर्शन: भाजपा के प्रमुख संगठनात्मक रणनीतिकार माने जाते हैं। इससे पहले बिहार (2020), मध्य प्रदेश (2023), गुजरात (2017), झारखंड (2014) और उत्तर प्रदेश (2017) जैसे राज्यों में चुनाव प्रभारी रह चुके हैं। सभी राज्यों में पार्टी ने सरकार बनाई। पश्चिम बंगाल जैसे जटिल राजनीति वाले राज्य में उनका अनुभव पार्टी की जमीनी स्तर की रणनीति को मजबूत करने में सहायक साबित हो सकता है।
धर्मेंद्र प्रधान को संगठनात्मक और चुनावी मैनेजमेंट का अनुभव: वर्तमान में केंद्रीय शिक्षा मंत्री और भाजपा के एक अनुभवी संगठनकर्ता हैं। मोदी और शाह की टीम के भरोसेमंद सदस्य हैं। लोकसभा समेत ओडिशा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, कर्नाटक में संगठनात्मक मजबूती और उम्मीदवारों के बीच तालमेल बैठाने में अहम भूमिका निभाई है। सभी चुनाव में पार्टी की जीत हुई। बिहार जैसे जटिल जातीय समीकरण वाले राज्य में उनकी संगठन क्षमता और चुनाव प्रबंधन का अनुभव पार्टी के लिए फायदेमंद हो सकता है।
बैजयंत पांडा की साफ छवि भाजपा के लिए फायदेमंद: भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं। दिल्ली (2025), उत्तर प्रदेश (2024 लोकसभा), कर्नाटक (2023) जैसे राज्यों में चुनाव प्रभारी रह चुके हैं। सभी चुनाव में पार्टी ने जीत दर्ज की। अंग्रेजी में प्रभावशाली वक्ता हैं। इससे तमिलनाडु जैसे राज्य में पार्टी को फायदा मिल सकता है। साथ ही वे स्थानीय गुटबाजी से दूर एक गैर-विवादित नेता हैं। इससे तमिलनाडु भाजपा के अलग-अलग धड़ों के बीच संतुलन बैठाकर संगठन को मजबूत कर सकते हैं।