Page Nav

HIDE

Grid

GRID_STYLE

Pages

Classic Header

{fbt_classic_header}

Top Ad

ब्रेकिंग :

latest

Breaking News

Automatic Slideshow


छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने 17 वर्षीय नाबालिग पीड़िता के 21 सप्ताह के गर्भ को समाप्त करने की याचिका को स्वीकार कर लिया

  बलौदाबाजार:   छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने बलात्कार पीड़िता की गर्भपात की अनुमति दे दी है. अदालत ने बलौदाबाजार की 17 वर्षीय नाबालिग पीड़िता ...

Also Read

 बलौदाबाजार: छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने बलात्कार पीड़िता की गर्भपात की अनुमति दे दी है. अदालत ने बलौदाबाजार की 17 वर्षीय नाबालिग पीड़िता के 21 सप्ताह के गर्भ को समाप्त करने की याचिका को स्वीकार कर लिया है. कोर्ट ने आदेश दिया है कि पं. जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज और डॉ. भीमराव अंबेडकर शासकीय चिकित्सालय रायपुर में विशेषज्ञ डॉक्टरों की निगरानी में नाबालिग का गर्भपात कराया जाए



कोर्ट ने याचिका स्वीकार करते हुए कहा कि भ्रूण को रोके रखने से पीड़िता की शारीरिक और मानसिक स्थिति पर गंभीर असर पड़ सकता है. न्यायमूर्ति नरेश कुमार चंद्रवंशी ने अपने आदेश में बताया कि मेडिकल रिपोर्ट के अनुसार पीड़िता एनीमिया और सिकल सेल जैसी जटिल बीमारियों से ग्रसित है, जिससे गर्भपात के दौरान भी उसे जोखिम हो सकता है.

अदालत ने अस्पताल की रिपोर्ट आने के बाद नाबालिग और उसके अभिभावक की सहमति से गर्भपात की अनुमति दी है. कोर्ट ने यह भी निर्देश दिए कि गर्भपात के बाद भ्रूण के ऊतक और रक्त के नमूने रखे जाएं, ताकि वे भविष्य में डीएनए टेस्ट के काम आ सकें.

उल्लेखनीय है कि एमटीपी एक्ट के तहत, कोर्ट ने कहा कि 20 सप्ताह से अधिक गर्भावस्था का गर्भपात मेडिकल बोर्ड के परामर्श से किया जा सकता है. इस मामले में याचिकाकर्ता की ओर से बलौदाबाजार के हाईकोर्ट अधिवक्ता देवाशीष तिवारी ने पैरवी की थी.