Page Nav

HIDE

Grid

GRID_STYLE

Pages

Classic Header

{fbt_classic_header}

Top Ad

ब्रेकिंग :

latest

Breaking News

अखरा विकास: जनजातीय संस्कृति, परंपराओं और अनुष्ठानों के संरक्षण एवं संवर्धन में महत्वपूर्ण पहल

 रायपुर, मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने जनजातियों के श्रद्धा, पुजा स्थलों को अखरा विकास योजना के तहत् विकास करने तथा उनके संस्कृति एवं प...

Also Read

 रायपुर,

 जनजातीय संस्कृति, परंपराओं और अनुष्ठानों के संरक्षण एवं संवर्धन की दिशा में उल्लेखनीय कदम

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने जनजातियों के श्रद्धा, पुजा स्थलों को अखरा विकास योजना के तहत् विकास करने तथा उनके संस्कृति एवं परंपराओं को सहेजने उल्लेखनीय कदम उठाए हैं। राज्य के आदिवासी क्षेत्रों के गांवों की पुरातन संस्कृति, जैसे पारंपरिक कलाओं, लोक कथाओं और अनुष्ठानों को संरक्षित एवं प्रोत्साहित करने हेतु अखरा स्थलों का विकास करने का निर्णय लिया है। इस उद्देश्य से इस योजना के लिए वित्तीय वर्ष 2025-26 में 2 करोड़ 50 लाख रूपए का बजट में भी प्रवाधान किया गया है। 



 राज्य के जनजातीय संस्कृति, परंपराओं तथा अनुष्ठानों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से ही भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जन्म जयंती 15 नवम्बर जनजातीय गौरव दिवस को छत्तीसगढ़ सरकार मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में पूरे उत्साह और सम्मान के साथ मना रही हेै। पिछले वर्ष रायपुर के साइंस कॉलेज मैदान में आयोजित जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री श्री साय ने राज्य के बैगा-गुनिया-सिरहा- हथजोड़ को प्रोत्साहित करने तथा जनजातीय वर्ग के पूजा व सांस्कृतिक स्थल को अखरा विकास योजना के तहत विकसित करने का संकल्प निश्चित रूप से जनजातीय लोग संस्कृति को संरक्षण एवं संवर्धन करने की दिशा में भी सार्थक पहल हैं। 



इसी के साथ ही प्रदेश के आदिवासी सांस्कृतिक दलों को सहायता प्रदान करने के लिए सांस्कृतिक वाद्य यंत्र क्रय करने हेतु अनुदान स्वरूप प्रति दल को 10 हजार रूपए दिए जाने का प्रावधान किया गया है। इस योजना से पिछले 2 वर्षों में 1180 सांस्कृतिक दलों को लाभान्वित किया गया है। इसी तरह आदिवासी संस्कृति का परिरक्षण एवं विकास योजना के तहत् आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रों में आदिवासियों के पूजा एवं श्रद्धा स्थल (देवगुड़ी) के निर्माण एवं मरम्मत हेतु 5 लाख रूपए का प्रावधान किया गया है। इस योजना से विगत 2 वर्षों में आठ सौ देवगुड़ी के लिए 15 करोड़ 97 लाख 50 हजार रूपए स्वीकृति प्रदान की गई है। 



मुख्यमंत्री आदिवासी परम सम्मान निधि योजना के तहत् आदिवासियों के तीज-त्यौहारों संस्कृति एवं परंपरा को संरक्षित करने एवं इन त्यौहारों-उत्सवों को मूल स्वरूप में आने वाले पीढ़ी को हस्तांरित करने के उद्देश्य से प्रारंभ की गई है, वहीं सांस्कृतिक परंपराओं का अभिलेखिकरण भी शुरू किया गया है। इसके लिए प्रत्येक ग्राम पंचायत को 10 हजार रूपए उपलब्ध कराई जा रही है। इन 2 वर्षों में 11266 ग्राम पंचायतों को 11 करोड़ 26 लाख 60 हजार की सहायता प्रदान की गई है।   इस वर्ष धरती आबा बिरसामुंडा की जयंती के उपलक्ष्य में बीते महीने 20 नवंबर को अम्बिकापुर की धरती में राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू पधाकर प्रदेश के जनजातीय समाज के लोगों को जनजातीय पुरोधाओं के शौर्य गाथा को स्मरण कर उनके रास्ते में चलने का आहावन किया। यह छत्तीसगढ़ के लिए गौरव की बात है।



  यह उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने धरती आबा बिरसा मुंडा 150 वीं जयंती पर 15 नवंबर को बिहार के जमुई से देश के जनजातीय पुरोधाओं और स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के योगदान को मान-सम्मान के साथ संरक्षित करने का आव्हान किया था। वहीं पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी ने जनजातीय समुदाय के कल्याण के लिए पृथक से मंत्रालय गठन कर इस समुदाय के विकास को एक नई दिशा दी। 

  प्रधानमंत्री श्री मोदी ने जनजातीय समुदाय के उत्थान के लिए अनेक योजनाएं शुरू की है। प्रधानमंत्री जनमन योजना के तहत 24,000 करोड़ रूपए और धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान के लिए 80,000 करोड़ रूपए का बजट प्रावधान किया है, जिसके चलते जनजातीय इलाकों में तेजी से बुनियादी सुविधाओं का विकास और जनजातियों की बेहतरी के काम हो रहे हैं। 



मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा की 150 वीं जयंती वर्ष समारोह के अवसर पर छत्तीसगढ़ राज्य के जनजातीय समुदाय से ताल्लुक रखने वाले बैगा, गुनिया, सिरहा लोगों के लिए मुख्यमंत्री सम्मान निधि दिए जाने की घोषणा की। इसके तहत उन्हें प्रति वर्ष 5 हजार रूपए की आर्थिक सहायता दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने जनजातीय गांवों में धार्मिक एवं मांगलिक कार्य के लिए अखरा निर्माण विकास योजना शुरू करने और जनजातीय समुदाय के शहीदों की प्रतिमाएं चिन्हित स्थलों पर स्थापित किए जाने की उल्लेखनीय पहल की है। इससे सरकार जनजातीय समाज का विश्वास जीता है, वहीं जनजातियों के संस्कृति और परंपराओं के संरक्षण और संवर्धन की दिशा में मिल का पत्थर साबित हो रहा है।मुख्यमंत्री श्री साय के नेतृत्व छत्तीसगढ़ के जनजातीय समुदाय के विभूतियों, राज्य में हुए जनजातीय विद्रोह के शहीदों एवं स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के परिजनों को सम्मानित करने की योजना भी जनजातियों के सम्मान में एक उल्लेखनीय कदम है। इसके साथ ही राज्य के जनजातीय लोककलाओं और वाचिक परंपराओं के ज्ञानवर्धन के लिए दस्तावेजीकरण की दिशा में कदम बढ़ाकर अनुकरणीय कार्य किया है। 


  मुख्यमंत्री की अखरा विकास घोषणा में जनजातीय समुदाय के विकास एवं सम्मान के प्रति प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की चिंता झलकती है प्रधानमंत्री ने /2047 तक विकसित भारत के संकल्प में देश के हर उन पिछड़े हुए वर्गों के विकास की चिंता की है। इनमें जनजातीय समाज का उत्थान प्राथमिकता में शामिल है। इसी दूरदृष्टि सोच का परिणाम है कि आज प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शुरू किए गए धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान और पीएम जनमन योजना के माध्यम से जनजातीय समुदाय के लोगों का जीवन स्तर बेहतर हो रहा है।   यहां यह भी उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा की जन्म जयंती के अवसर पर देश के दूर दराज के ग्रामीण क्षेत्रों के बुनियादी सुविधाओं के विकास एवं विस्तार वाली 6600 करोड़ की लागत वाली कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं का शुभारंभ किया है। इससे देश के जनजातीय इलाकों और जनजाति समुदाय के कल्याण के लिए पांच गुना बजट खर्च कर रहे हैं। दस साल पहले इसका बजट मात्र 25,000 करोड़ रूपए हुआ करता था, जो अब बढ़कर 1,25,000 करोड़ रूपए हो गया है।   प्रधानमंत्री ने कहा है कि इतिहास में आदिवासी समाज के लोगों को वह स्थान नहीं मिला, जिसके वह अधिकारी थे। आदिवासी समाज वो है, जिसने राजकुमार को मर्यादा पुरूषोत्तम भगवान राम बना दिया। इस समाज ने देश की संस्कृति और परंपरा का मान बढ़ाया है। आदिवासी समाज सूर्य, वायु और पेड़-पौधों, पहाड़-पर्वत को पूजने वाला समाज है। हम सब मिलकर जनजातीय समाज के विचारों को देश की प्रगति का आधार बनायेंगे।