Page Nav

HIDE

Grid

GRID_STYLE

Pages

Classic Header

{fbt_classic_header}

Top Ad

ब्रेकिंग :

latest

Breaking News

धान खरीदी से पहले सहकारी समिति के कर्मचारी और कंप्यूटर ऑपरेटरों ने खोला मोर्चा, 4 सूत्रीय मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल की घोषणा की

  रायपुर। असल बात news. छत्तीसगढ़ में इस बार धान खरीदी 15 नवंबर से शुरू होने जा रही है। प्रशासन ने तैयारियों को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया ...

Also Read

 रायपुर।

असल बात news.

छत्तीसगढ़ में इस बार धान खरीदी 15 नवंबर से शुरू होने जा रही है। प्रशासन ने तैयारियों को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है, लेकिन इस बीच प्रदेशभर के सहकारी समिति कर्मचारी और कंप्यूटर ऑपरेटरों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। अपनी चार सूत्रीय मांगों को लेकर संगठन ने अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का ऐलान कर दिया है।

ब्लॉक और जिला स्तर पर चरणबद्ध आंदोलन के बाद जब शासन-प्रशासन से कोई ठोस समाधान नहीं निकल सका, तब कर्मचारियों ने अब अनिश्चितकालीन आंदोलन शुरू कर दिया है। आंदोलन की चेतावनी पहले ही दी गई थी, लेकिन अब कर्मचारियों ने साफ कर दिया है कि जब तक उनकी मांगों पर ठोस निर्णय नहीं लिया जाता, वे धान खरीदी कार्य में भाग नहीं लेंगे।


चार सूत्रीय प्रमुख मांगें

सहकारी समिति कर्मचारियों और ऑपरेटर संघ की मुख्य मांगें इस प्रकार हैं—

  • सभी कर्मचारियों को नियमित वेतन और 12 माह का भुगतान सुनिश्चित किया जाए।
  • धान खरीदी नीति 2024-25 की कंडिका 11.3.3 के अनुसार आउटसोर्सिंग से नियुक्त कंप्यूटर ऑपरेटरों को नियमित किया जाए।
  • धान खरीदी वर्ष 2023-24 और 2024-25 की सूखत राशि समितियों को तत्काल दी जाए।
  • सेवा नियम 2018 में संशोधन कर भविष्य निधि (PF), ईएसआईसी, महंगाई भत्ता (DA), सीधी भर्ती में प्राथमिकता, परिवहन में देरी न होने और शून्य शॉर्टेज पर प्रोत्साहन राशि देने की व्यवस्था की जाए।

कर्मचारियों ने कहा – अब पीछे हटने का सवाल नहीं

आंदोलनकारी कर्मचारियों ने कहा कि पिछले कई वर्षों से शासन को उनकी मांगों के बारे में अवगत कराया जा चुका है। हर बार सरकार ने आश्वासन दिया, लेकिन अब तक कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया। कर्मचारियों का कहना है कि उनकी मांगे केवल वेतन या लाभ की नहीं हैं, बल्कि यह उनके भविष्य और आजीविका की सुरक्षा से जुड़ी हैं।


आंदोलन का असर पड़ेगा धान खरीदी पर

धान खरीदी प्रक्रिया में सहकारी समितियों और ऑपरेटरों की भूमिका अहम होती है। अगर यह कर्मचारी आंदोलन पर डटे रहे, तो आने वाले दिनों में धान खरीदी कार्य प्रभावित हो सकता है। इससे सीधे तौर पर प्रदेश के लाखों किसानों पर असर पड़ेगा, क्योंकि खरीदी केंद्रों में धान तौल, रिकॉर्ड अपडेट और भुगतान प्रक्रिया इन्हीं कर्मचारियों और ऑपरेटरों के माध्यम से होती है।


सरकार पर दबाव बढ़ा

कर्मचारियों के आंदोलन की वजह से अब सरकार पर दबाव बढ़ गया है। प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार, शासन स्तर पर बातचीत की संभावनाएं तलाशने की कोशिशें की जा रही हैं। हालांकि अभी तक किसी समझौते या वार्ता की आधिकारिक जानकारी सामने नहीं आई है। यदि जल्द ही कोई समाधान नहीं निकला, तो धान खरीदी सीजन की शुरुआत से पहले ही खरीदी केंद्रों पर आंदोलन का असर साफ तौर पर देखने को मिल सकता है।