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छोटे विकासखंडों में बढ़ती सुविधाये, नई परंपराए, नए मूल्य , पटवारी,तहसीलदारों राजस्व अधिकारियों की मनमानी अब छिपाई नहीं जाती, मंत्री और दूसरे जनप्रतिनिधि सार्वजनिक रूप से खुलकर करते हैं उनकी शिकायतों का उल्लेख, नई सरकार..रजिस्ट्री, सीमांकन, बटांकन,ऋण पुस्तिका की समस्या को दूर करने के संकल्प को दोहरा रही

छोटे विकासखंडों में बढ़ती सुविधाये, नई परंपराए, नए मूल्य , पटवारी,तहसीलदारों राजस्व अधिकारियों की मनमानी अब छिपाई नहीं जाती, मंत्री और दूसरे...

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छोटे विकासखंडों में बढ़ती सुविधाये, नई परंपराए, नए मूल्य , पटवारी,तहसीलदारों राजस्व अधिकारियों की मनमानी अब छिपाई नहीं जाती, मंत्री और दूसरे जनप्रतिनिधि सार्वजनिक  रूप से खुलकर करते हैं उनकी शिकायतों का उल्लेख, नई सरकार..रजिस्ट्री, सीमांकन, बटांकन,ऋण पुस्तिका की समस्या को दूर करने के संकल्प को दोहरा रही 

0 जब राज्य का वित्त मंत्री तहसील कार्यालय,पंजीयन कार्यालयों पटवारी कार्यालय की कमियों को स्वीकार करता है तो यह उम्मीद की जा सकती है कि इसमें आगे चलकर सुधार जरूर आएगा.

*वित्त मंत्री श्री चौधरी ने अहिवारा में नवीन उप पंजीयक कार्यालय का किया शुभारंभ

*- क्षेत्र के 56 गांव के लोग होंगे लाभान्वित  

 छत्तीसगढ़   

असल बात news.  

          0 अशोक त्रिपाठी      

          0 विशेष संवाददाता    

यह मान्यता हमेशा से रही है कि सरकारे बदलती जाती हैं,तो नई-नई परंपराएं स्थापित होती हैं,नई सोच जगती है,नए काम होते हैं,कुछ पुराने नियम कानून को बदल भी दिया जाता है. कई नए रास्ते शुरू होते हैं. विकास के अलग रास्तों की शुरुआत होती है.भारत देश की  80% आबादी, अभी भी गांवों में बसती है. ग्रामीणों के जीवकोपार्जन का मुख्य साधन खेती-किसानी ही है.ऐसे में प्रत्येक किसानों को वक्त- बेवक्त भूमि संबंधी कार्यों से भी जूझना पड़ता है. किसानों को अपनी नई ऋण पुस्तिका बनवाने, उसमें सुधार, सीमांकन बटांकन इत्यादि कार्यों के लिए आए दिन तहसील ऑफिस के चक्कर काटना पड़ता है, पटवारी के कार्यालय में जाना पड़ता है.अब यह दिख रहा है कि सरकार के मंत्री भी, पटवारी तहसीलदारों राजा अधिकारियो की मनमानी,हेराफेरी और ग्रामीनों को परेशान करने की शिकायतों के बारे में सार्वजनिक रूप से खुलकर बोलने में हिचकते नहीं है. जब वरिष्ठ मंत्री ऐसी समस्याओं पर खुलकर बोलते हैं, समस्याओं को स्वीकार करते हैं, तो हो सकता है कि ऐसी समस्याओं के निराकरण का रास्ता भी निकलेगा.

जमीन संबंधी समस्याओं के निराकरण के लिए तहसील कार्यालयों, पटवारी कार्यालयों के कई कई दिनों तक चक्कर काटने और उसके बाद भी बिना चढ़ावा दिए काम नहीं होने की शिकायत, छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद से शुरू नहीं है हुई है वरन यह समस्या वर्षोंवर्ष पहले से रही है. शायद आजादी के बाद से और उसके पहले भी यह समस्या बनी रही है. यहां तक समाचार आते रहे हैं कि पटवारी तहसीलदार की मिली भगत से कई-कई सरकारी जमीन अपने नाम कर ली गई. दूसरों की जमीन किसी और के नाम चढ़ा ली गई. बहुत मुश्किल के बाद दौड़ भाग के बाद ऋण पुस्तिका बन भी गई तो जमीन पर कब्जा किसी और का है.. नक़्शे में दूसरी जमीन दिख रही है, और पटवारी दूसरी जमीन बता रहा है. बटांकन तो कर दिया गया है, लेकिन कई सारी जमीन एक ही खसरा नंबर पर दिख रही है. किसी की जमीन का एक बड़ा हिस्सा गायब हो गया है. पहले तो जमीन के कामों से कुछ ही लोग जुड़े होते थे. किसानों को भी कभी-कभी जमीन से संबंधित कागजों के लिए पटवारी कार्य या तहसील कार्यालय का चक्कर काटना पड़ता था. और कई गांव में तो यह परंपरा रही है कि कागजों में कुछ नहीं होता था, लेकिन परिवार की पूरी जमीन भरोसे के आधार पर बांट ली गई रहती है. यह परंपराओं वर्षों वर्षों तक चली आई है और कई गांव में आज भी चल रही है, जहां कि उस गांव के लोगों के द्वारा अपनी भूमि को, तहसील कार्यालय पटवारी कार्यालय जाकर अपने नाम पर चढ़ने की परंपरा नहीं है. ऐसे कार्य को गलत माना जाता है. ऐसा नहीं करने के पीछे यह माना जाता है कि दो भाइयों के बीच जमीन इसलिए नहीं कागजों में बाटी जाती है ताकि उनके बीच जो विश्वास है, समाज में कहीं यह संदेश न जाए कि यह विश्वास टूट रहा है इसलिए इस तरह से कागजो में बंटवारा करवाया जा रहा है. देश में लंबे समय तक एक ही पार्टी की सरकार रही. तो ऐसी आशंकओ, धाँधलियों को बल मिलता रहा की बहुत सारी सरकारी जमीन को प्रभावशाली लोगों के द्वारा सरकारी तंत्र की मिली भगत से  अपने नाम पर करवा लिया. और सच में ऐसा हुआ भी है. अब उन कागजों की परतें खोल पाना आसान नहीं है.

छत्तीसगढ़ राज्य बना. राज्य में सरकारी बदलती रही. तो राज्य में, जमीन बंदोबस्त, पटवारी कार्यालय, तहसील कार्यालयों के कामकाज में सुधार की भी बातें शुरू हुई. जमीन संबंधी विभाग में फंसने की बातें हुई शुरू होती है तो यह भी आमतौर पर कहा जाता है कि एक बड़े मंत्री, जिले के कलेक्टर तक से तो कभी ना कभी मिला जा सकता है,लेकिन पटवारी से बार-बार चक्कर काटने के बाद में मिल पाना आसान नहीं होता है. कई जगहों पर तो पटवारी का तो कार्यालय ही नहीं होता. सरकार की ओर से इन्हें, पहले कोई भवन नहीं उपलब्ध कराया जाता था. तब तो उसे मिल पाना संभव के जैसा था. अब यह कहा जा सकता है कि पटवारी कार्यालय में नहीं मिलते हैं. और जो लोग जानते हैं जिन लोगों ने पटवारी कार्यालय का चक्कर लगाया है, उन लोगों ने देखा होगा कि पटवारी कार्यालय एक बड़ा कार्यालय होता है. वहां इतने सारे कर्मचारी बैठे होते हैं कि आप समझ ही नहीं पाएंगे कि आखिर उनमें से पटवारी है कौन. आज भी आप समझ भले नहीं पाएंगे, के असली पटवारी कौन है लेकिन आपका काम उन्हीं के बीच में से कोई करेगा. यह सब वास्तविकताए हैं. जिन्हें सामान्य वर्ग आये दिन फेस कर रहा है. अब बात करते हैं कि आखिर यह समस्याएं क्या हल हो सकती हैं.... और आखिर इन्हें हल करने के लिए क्या प्रयास हो रहे हैं...

राज्य में आईएएस अधिकारी पद से इस्तीफा देकर चुनाव लड़कर मंत्री युवा आप चौधरी को राज्य में  वित्त, और आवास पर्यावरण वाणिज्यिक कर, योजना, आर्थिक सांख्यिकी मंत्री बनाया गया है. यह सामान्य चर्चा है कि राज्य में भले ही कोई भी काम स्वीकृत हो कहीं भी कोई घोषणा कर दी जाए, लेकिन उसकी फाइनेंशियल स्वीकृति यहीं के टेबल से आकर मिलती है. उन्होंने पिछले दिनों  दुर्ग जिले के अहिवारा में नवीन उप पंजीयक कार्यालय का शुभारंभ किया गया। यह उप पंजीयक के कार्यालय के उद्घाटन का अवसर था, इस अवसर पर जमीन संबंधी विवादों, उसके निराकरण के लिए उपलब्ध सुविधाएं, तहसील कार्यालय और पटवारी कार्यालयों के कार्य प्रणालियों पर भी चर्चा होनी स्वभाविक थी. यहां इस कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को अच्छा लगा होगा कि उनके अतिथियों ने तहसील कार्यालय पटवारी कार्यालय के कामकाज की कमियों को स्वीकार किया और उसे लताड़ा भी. कार्यक्रम में मुख्य रूप से उपस्थित वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने उन्होंने बताया कि जमीन की रजिस्ट्री कार्य में आमूलचूल परिवर्तन कर नई पद्धति लागू की गई है। इसके लिए एक्ट में परिवर्तन किया गया है। वर्तमान में सुगम ऐप के माध्यम से रजिस्ट्री कार्य क्रेता-विक्रेता दोनों के मौजूदगी में किया जा रहा है।  ई-स्टाम्प, पेपरलेस प्रक्रिया, स्वतः पंजीयन का प्रावधान से नामांतरण हो रहा है। वित्त मंत्री श्री चौधरी ने क्षेत्र की जनता को पंजीयन के नये पद्धति से लाभ लेने का आग्रह किया।जब राज्य का वित्त मंत्री सार्वजनिक रूप से तहसील कार्यालयों,पंजीयन कार्यालयों पटवारी कार्यालयों की कमियों को स्वीकार करता है तो यह उम्मीद की जा सकती है कि इसमें आगे चलकर सुधार जरूर आएगा.युवा वित्त मंत्री श्री चौधरी ने इन कार्यों की कमियों के बारे में बोलते हुए सारणिक रूप से सीधे कहा कि.... पंजीयन कार्यालय की कमियों की जानकारी उन्हें पहले भी थी. अभी  राज्य में मंत्री बनने के बाद उन्होंने इसमें सुधार के लिए क्या प्रयास किए जाने चाहिए इसके सुधार की दिशा में कदम उठाया तो कई चौकाने वाली जानकारियां सामने आई... उन्होंने बताया कि उन्होंने विभाग से पंजीयन कार्यालय के द्वारा किए गए  रजिस्ट्री के हजारों कागजात मंगवा  लिए... यहां आश्चर्यजनक रूप से चौंकाने वाली जानकारी सामने आई कि.....  रजिस्ट्री के चार हजार कागजातों में गवाहों के रूप में सिर्फ दो ही लोगों के हस्ताक्षर थे.. इसका मतलब साफ है कि यह दो लोग ही पंजीयन करने में बैठे रहते हैं और वही लोग हर जगह  गवाही में हस्ताक्षर करते हैं. एक मंत्री के द्वारा अपने सरकारी कार्यालय की ऐसी कमिर्यों को.. स्वीकार किया जाना अच्छे संकेत के रूप में देखा जा सकता है. इससे भी अच्छी बात है कि.. वित्त मंत्री श्री चौधरी ने इसे स्वीकार करते हुए कहा कि पंजीयन करने में ऐसा पूरा ढकोसला चल रहा था.... पूरा हरिवाड़ा चल रहा था अब इस पूरे सिस्टम को खत्म किया गया है... उन्होंने इससे भी आगे बढ़ते हुए यहां तक कहा कि... मिली भगत से गलत जमीन दिखाकर दूसरे जमीन की रजिस्ट्री कर ली जाती है.... ऐसा सैकड़ो तरह का गलत काम चल रहा था... अब रजिस्ट्री की पूरी परीक्षा को पेपर लेस कर दिया गया है.... वित्त मंत्री ने पटवारियों पर कमेंटस करते हुए यहां तक कह दिया कि, अब आम लोगों को पंजीयन के बाद पटवारी और तहसीलदारों के आगे पीछे नहीं घूमना पड़ेगा... रजिस्ट्री का सारा पेपर, अब सीधे ऐप के माध्यम से मोबाइल पर आ जाएगा.

 राज्य के वित्त मंत्री विश्वास दिलाते हैं कि, रजिस्ट्री एक्ट 1908 के प्रावधानों में बहुत कुछ परिवर्तन कर दिया गया है और जिसे आम लोगों को फायदा मिलेगा.. तो उम्मीद की जानी चाहिए कि आने वाले समय में इसका फायदा देखने को मिलने लगेगा.

मुख्य अतिथि वित्त मंत्री श्री चौधरी ने कार्यालय नगर पालिका परिषद अहिवारा के रैन बसेरा परिसर में फीता काट कर नवीन उप पंजीयक कार्यालय का उद्घाटन किया। इस अवसर पर  स्कूल शिक्षा मंत्री श्री गजेंद्र यादव, सांसद श्री विजय बघेल, अहिवारा के विधायक श्री डोमन लाल कोर्सेवाड़ा, जिला पंचायत की अध्यक्ष श्रीमती सरस्वती बंजारे, तेलघानी बोर्ड के अध्यक्ष श्री जितेन्द्र साहू भी विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित थे। उल्लेखनीय है कि क्षेत्र के जनता की बहुप्रतीक्षित मांग आज पूरी हुई है। नवीन उप पंजीयक कार्यालय में  अहिवारा क्षेत्र के नगर पालिका परिषद के समस्त वार्ड तथा राजस्व निरीक्षक मंडल अहिवारा एवं मुरमुंदा के अंतर्गत आने वाले कुल 56 ग्रामों की रजिस्ट्रियां पूर्व में उप पंजीयक कार्यालय धमधा एवं भिलाई में होती थी। अब नवीन उप पंजीयक कार्यालय अहिवारा में 10 अक्टूबर 2025 से इन सभी क्षेत्रों के अंतर्गत आने वाली अचल संपत्तियों से संबंधित समस्त दस्तावेजों का पंजीयन होगा। जिससे पक्षकारों को पंजीयन कार्य मे सीधे लाभ मिलेगा, उनका समय एवं संसाधनों की बचत होगी।

मुख्य अतिथि वित्त मंत्री श्री ओ.पी. चौधरी ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार प्रदेश में  विकास के कार्य को आगे बढ़ाने के साथ ही प्रधानमंत्री मोदी जी की गारंटी को क्रमशः पूरा कर रही है। चाहे वह किसानों का 3100 रूपए प्रति क्विंटल धान खरीदी हो अथवा 18 लाख प्रधानमंत्री आवास का निर्माण हो। उन्होंने कहा कि मोदी की गारंटी के तहत प्रदेश सरकार 70 लाख महिलाओं को प्रतिमाह एक हजार रुपये महतारी वंदन की राशि जारी कर रही हैं। वित्त मंत्री ने बताया कि रायपुर से राजनांदगांव को जोड़ कर इंटीग्रेटेड प्लान के साथ विकास किया जाएगा। मेट्रो रेलवे लाईन का सर्वे हो चुका है।  उन्होंने अहिवारा में आदर्श पंजीयन कार्यालय एक वर्ष में तैयार करने का भरोसा दिलाया। उन्होंने स्कूल शिक्षा मंत्री श्री यादव की मांग पर कहा कि अहिवारा में पूर्व निर्मित मकान को नियमितीकरण करने शासन स्तर से प्रयास किया जाएगा।

स्कूल शिक्षा मंत्री श्री गजेन्द्र यादव ने अहिवारा वासियों को नवीन उप पंजीयक कार्यालय शुभारंभ पर बधाई दी। मंत्री श्री यादव ने रजिस्ट्री के पुरानी पद्धति और नई पद्धति से अवगत कराते हुए इस पद्धति का पूरा श्रेय वित्त मंत्री को दिया। उन्होंने विधायक श्री कोर्सेवाड़ा की मांग पर अहिवारा में केंद्रीय विद्यालय खोलने का भरोसा दिलाया। मंत्री श्री यादव ने अहिवारा में मकान नियमित कराने वित्त मंत्री जी का ध्यान आकृष्ट किया। सांसद श्री विजय बघेल ने अहिवारा को उप पंजीयक कार्यालय की सौगात के लिये वित्त मंत्री का आभार माना। उन्होंने वित्त मंत्री जी की प्रशासनिक क्षमता और निर्णय का सराहना किया।

विधायक श्री डोमन लाल कोर्सेवाड़ा ने कहा कि क्षेत्र की बहुप्रतीक्षित मांग पूरी हुई है। उन्होंने शासन प्रशासन को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए क्षेत्र के विकास में आगे भी सहयोग की अपेक्षा की। विधायक श्री कोर्सेवाड़ा ने मंत्री द्वय से अहिवारा में केंद्रीय विद्यालय खोलने की मांग की। कलेक्टर श्री अभिजीत सिंह ने स्वागत उद्बोधन में बताया कि नवीन उप पंजीयक कार्यालय से 56 गांव के लोगों को सुविधाये उपलब्ध होगी। इस अवसर पर नगर पालिका के अध्यक्ष श्री विद्यानंद कुशवाहा, उपाध्यक्ष श्री अशोक बाफना, पूर्व विधायक श्री लाभचंद बाफना, नगर पालिका के पूर्व अध्यक्ष श्री नटवर लाल ताम्रकार एवं पार्षदगण, एसडीएम श्री महेश राजपूत, जिला पंजीयक सुश्री प्रियंका श्रीरंगे सहित अन्य अधिकारी तथा महंत श्री लीलाधर साहू सहित बड़ी संख्या में नगरवासी उपस्थित थे।