Page Nav

HIDE

Grid

GRID_STYLE

Pages

Classic Header

{fbt_classic_header}

Top Ad

ब्रेकिंग :

latest

Breaking News

Automatic Slideshow


राज्य का दर्जा देने की मांग पर सुलगा लद्दाख: हिंसक प्रदर्शन के बाद सोनम वांगचुक ने खत्म की भूख हड़ताल

  नई दिल्ली। कार्यकर्ता सोनम वांगचुक ने बुधवार को केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख को राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर अपनी 15 दिनों की भूख हड...

Also Read

 नई दिल्ली। कार्यकर्ता सोनम वांगचुक ने बुधवार को केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख को राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर अपनी 15 दिनों की भूख हड़ताल वापस ले ली. यह हड़ताल लद्दाख की राजधानी लेह में हुए हिंसक विरोध प्रदर्शनों के बाद की गई थी. वांगचुक ने एक वीडियो संदेश के साथ एक्स पर लिखा, “लेह में बेहद दुखद घटनाएँ: शांतिपूर्ण रास्ते पर चलने का मेरा संदेश आज विफल हो गया. मैं युवाओं से अपील करता हूँ कि कृपया यह बकवास बंद करें. इससे हमारे उद्देश्य को ही नुकसान पहुँचता है.”


उन्होंने कहा, “दोस्तों, यह बेहद दुखद है कि आज, हमारे विरोध प्रदर्शन के 15वें दिन, लेह में बड़े पैमाने पर हिंसा हुई. कल, 35 दिनों से अनशन कर रहे लोगों में से दो को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा. इससे लोग गुस्से में आ गए और लेह में बंद का आह्वान किया गया. हज़ारों युवा सड़कों पर उतर आए.” उन्होंने इस विरोध प्रदर्शन को “जेन जेड क्रांति” कहा – यह शब्द हाल ही में नेपाल में सरकार गिराने वाले युवाओं के नेतृत्व वाले प्रदर्शनों से प्रचलित हुआ है. वांगचुक ने आगे कहा, “वे पाँच साल से बेरोज़गार हैं… मैं वर्षों से कह रहा हूँ कि युवाओं को बेरोज़गार रखना और उनके लोकतांत्रिक अधिकारों को छीनना अशांति का कारण बनता है. कई मुद्दे हैं, लेकिन मैं उन पर बाद में बात करूँगा. मैं युवाओं से हिंसा का रास्ता न अपनाने का आग्रह करता हूँ. इससे मेरे पाँच साल के प्रयास बेकार हो जाएँगे.”


शांति बनाए रखने की आवश्यकता पर ज़ोर देते हुए उन्होंने दोनों पक्षों से बातचीत करने का आग्रह किया. कार्यकर्ता ने कहा, “मैं चाहता हूँ कि सरकार शांति का संदेश सुने. जब वे शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शनों और मार्चों की अनदेखी करते हैं, तो ऐसे हालात पैदा होते हैं. मैं सरकार से लद्दाख के प्रति संवेदनशील होने और युवा पीढ़ी से शांति का मार्ग अपनाने का आग्रह करता हूँ. यह (हिंसा का) रास्ता मेरा रास्ता नहीं है. यह उनके गुस्से का नतीजा है. लेकिन यह गुस्सा निकालने का समय नहीं है. यह सरकार के साथ शांतिपूर्वक बातचीत करने का समय है.” लद्दाख पहले पूर्ववर्ती जम्मू-कश्मीर राज्य का हिस्सा था. 5 अगस्त, 2019 को, भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा रद्द कर दिया और इसे केंद्र शासित प्रदेश में पुनर्गठित कर दिया. साथ ही, लद्दाख को भी एक अलग केंद्र शासित प्रदेश बना दिया गया.