छत्तीसगढ़ . असल बात news. बस्तर संभाग में मत्स्य पालन के पाठ्यक्रम की पढ़ाई के लिए कोई भी शैक्षणिक संस्थान संचालित नहीं है. यह जानकारी विध...
छत्तीसगढ़ .
असल बात news.
बस्तर संभाग में मत्स्य पालन के पाठ्यक्रम की पढ़ाई के लिए कोई भी शैक्षणिक संस्थान संचालित नहीं है. यह जानकारी विधानसभा में आज दिए गए एक प्रश्न के उत्तर में सामने आई है.आज यह जानकारी विधानसभा में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने दी है. उन्होंने यह जानकारी देते हुए यह भी बताया है कि बस्तर संभाग में फिलहाल मत्स्य पालन का पाठ्यक्रम शुरू करने की कोई कार्य योजना प्रस्तावित नहीं है.
सदस्य सुश्री लता उसेंडी ने इस संबंध में विधानसभा में प्रश्न किया था, जिसके जवाब में यह जानकारियां सामने आई है. उन्होंने प्रश्न किया था कि छत्तीसगढ़ राज्य के अंतर्गत मत्स्य पालन पाठ्यक्रम वाले कितने कितने कॉलेज एवं अन्य शैक्षिक संस्थान कब से और कहां-कहां संचालित है कथा उत्सव पाठ्यक्रम में प्रवेश लेने हेतु आवश्यक शैक्षणिक अहर्ता क्या है? उन्होंने यह भी पूछा कि 20 जून 2025 तक पाठ्यक्रम केंद्र का कितने छात्र उत्तीर्ण हो चुके हैं तथा कितने छात्रों को रोजगार मिल सका है? छत्तीसगढ़ राज्य में मत्स्य के उत्पादन प्रजाति वार एवं प्रदेश में इसकी सबसे अधिक किस क्षेत्र में खपत होती है के बारे में भी जानकारी पूछी गई.
इन प्रश्नों के उत्तर में मुख्यमंत्री श्री साय ने बताया कि 20 जून 2025 तक बीएफएस सी पाठ्यक्रम में 402 विद्यार्थी, एमएफएससी पाठ्यक्रम में 4 विद्यार्थी एवं डीएफएससी पाठ्यक्रम में 59 विद्यार्थी इस प्रकार कुल 465 छात्र- छात्राएं उत्तीर्ण हो चुके हैं. उत्तीर्ण छात्रों में 70 छात्र-छात्राओं को मत्स्य निरीक्षक, सहायक मत्स्य अधिकारी के पद पर मछली पालन विभाग में रोजगार उपलब्ध कराया गया है. मत्स्य पाठ्यक्रम का मूल उद्देश्य मत्स्य पालन, मत्स्य उद्योग, मत्स्य स्वास्थ्य प्रबंधन एवं मत्स्य प्रसंस्करण हेतु सैद्धांतिक एवं प्रौद्योगिकी रूप से शिक्षित करने के साथ मत्स्य पालन में रोजगार एवं प्रदेश में तकनीकी प्रशिक्षित मत्स्य शक्ति को बढ़ावा देना है प्रदेश में नवीन मछली पालन नीति 2022 प्रभावशील है.