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बस्तर के कई ऐसे गांवों में से एक कहानी पोटकपल्ली की जो विकास की दौड़ में कोसों दूर

  सुकमा। “साहब, हेलीकॉप्टर से आए थे, बड़े-बड़े अफसर थे, कैमरे थे, उम्मीदें थीं… पर अब कोई नहीं आता. बच्चे अब भी जर्जर स्कूल में पढ़ते हैं, ...

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 सुकमा। “साहब, हेलीकॉप्टर से आए थे, बड़े-बड़े अफसर थे, कैमरे थे, उम्मीदें थीं… पर अब कोई नहीं आता. बच्चे अब भी जर्जर स्कूल में पढ़ते हैं, और शिक्षक का इंतजार करते हैं.” — यह शब्द हैं सुकमा के नक्सल प्रभावित गांव पोटकपल्ली के एक बुजुर्ग ग्रामीण के, जिनकी आंखों में दो साल पुरानी तस्वीरें आज भी ताज़ा हैं.


वो दिन ऐतिहासिक था, जब केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने बस्तर के इस सुदूर गांव का दौरा किया था. ग्रामीणों को लगा था कि अब उनका गांव बदलेगा. स्कूल पक्के बनेंगे, शिक्षक समय पर आएंगे और उनके बच्चों का भविष्य सुरक्षित होगा. लेकिन आज, दो साल बाद, गांव तक पहुंचने वाली सड़क अधूरी है, स्कूल जर्जर में बच्चे पढ़ने के मजबूर हैं, इसके बावजूद मासूम चेहरों पर वही बेसब्री—साफ दिखाती है कि विकास के दावे सिर्फ कागजों तक सीमित हैं.


जब हमारी टीम पोटकपल्ली पहुंची, तो वहां की प्राथमिक शाला पूरी तरह जर्जर हालत में मिली. टपकती छत के नीचे बच्चे बैठने को मजबूर हैं और सबसे दुखद बात—उन्हें पढ़ाने के लिए कोई शिक्षक मौजूद नहीं था. छोटे-छोटे बच्चे बाहर खेल रहे थे, लेकिन जैसे ही हमें देखा, सब झट से भीतर जाकर अपनी सीटों पर बैठ गए. मानो जैसे उन्हें पहले से सिखाया गया हो कि “कोई आए तो पढ़ाई करते दिखना”.

बच्चों से संवाद करने पर शुरुआत में वे सहमे रहे. लेकिन थोड़ी देर बाद जब माहौल सहज हुआ, तो उनमें से एक ने ‘अनार-आम’ सुनाया, दूसरे ने ‘A-B-C-D’ और एक लड़की ने गिनती सुनाई. उनके चेहरों पर एक मासूम चमक थी, लेकिन आंखों में किसी अपने का इंतजार भी—जो उन्हें कुछ नया सिखा सके.


जब इस स्थिति पर बीईओ श्रीनिवास राव से बात की गई, तो उन्होंने बताया कि यहां नियुक्त शिक्षक को हाल ही में सुकमा भेज दिया गया है और मौखिक रूप से दूसरे स्कूल के शिक्षक को यहां पढ़ाने को कहा गया था. शिक्षक पास के गांव सलातोंग में दो दिवसीय प्रशिक्षण में शामिल थे, जो समाप्त हो चुका है. “आज शिक्षक को स्कूल आना था, लेकिन वह क्यों नहीं आए, मुझे इसकी जानकारी नहीं है.”सुकमा जिला मुख्यालय से मिनपा होते हुए पोटकपल्ली गांव तक पहुंचने वाली सड़क की हालत भी बेहद खराब है. बरसात में रास्ता कीचड़ से भर जाता है, वाहन चलाना तो दूर, पैदल चलना भी मुश्किल हो जाता है.


इससे न सिर्फ शिक्षा बल्कि स्वास्थ्य और जीवन की मूलभूत सुविधाएं भी प्रभावित होती हैं. इस पूरे मामले को लेकर युवा कांग्रेस के प्रदेश महासचिव दुर्गेश राय ने सरकार पर हमला बोला. उन्होंने कहा, “जब देश के गृहमंत्री किसी गांव में पहुंचते हैं, तो वह सिर्फ दौरा नहीं होता, वह वादा होता है. लेकिन पोटकपल्ली के हालात बता रहे हैं कि सरकार वादों पर अमल नहीं कर रही. यह बच्चों के भविष्य के साथ क्रूर मज़ाक है.”