* *डिजिटल अरेस्ट कर ठगी करने वाले 02 आरोपी फतेहपुर उत्तरप्रदेश से गिरफ्तार * *प्रार्थिया को डिजिटल अरेस्ट कर जान-माल एवं जॉच का भय दिखाकर कि...
* *डिजिटल अरेस्ट कर ठगी करने वाले 02 आरोपी फतेहपुर उत्तरप्रदेश से गिरफ्तार
* *प्रार्थिया को डिजिटल अरेस्ट कर जान-माल एवं जॉच का भय दिखाकर किया 12.5 लाख रूपये की ठगी
* *फर्जी कॉल सेंटर में आधुनिक मशीन कॉल कन्वर्टर के माध्यम से आरोपियों की पहचान छुपाकर करता था ठगी
* *आरोपी के कब्जे से 03 कॉल कन्वर्टर मशीन, 01 लैपटॉप, 105 सीम, 05 मोबाईल बरामद
* *एसीसीयू एवं थाना भिलाई नगर की संयुक्त कार्यवाही
भिलाई,दुर्ग .
असल बात news.
डिजिटल अरेस्ट कर ठगी करने का अपराध थम नहीं रहा है. और सबसे गंभीर बात है कि दूसरे राज्य के अपराधी,इस अपराध में संलिप्त है और कहीं भी फोन कर ठगी कर रहे हैं. ताजा प्रकरण में उत्तर प्रदेश के आरोपियों ने, स्वयं को क्राइम ब्रांच और सीबीआई का अफसर बताया तथा एक महिला को लगभग 5 दिनों तक डिजिटल अरेस्ट कर रखा. आरोपियों ने पीड़ित महिला को मनी लॉन्डरिंग,पैसों की ठगी जैसे अपराध में शामिल होने का आरोप लगाकर दबाव बनाया और उससे लगभग 12 लाख 50 हजार रुपए की ठगी कर ली. पीड़िता ने अपनी जमा पूंजी तथा गिरवी रखकर आरोपियों को पैसे का भुगतान किया.आरोपियों ने यह भी झांसा दिया कि जांच के बाद यह रकम और लौटा दी जाएगी. पकड़े गए आरोपी फतेहपुर उत्तर प्रदेश के निकले हैं. पुलिस की जांच में आरोपियों के पास से कॉल कन्वर्टर मशीन तथा आधुनिक सॉफ्टवेयर पाया गया है.
पुलिस से प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रकरण में पीड़िता श्रीमती शोभा झा निवासी सेक्टर 07ने भिलाई थाना में उपस्थित होकर रिपोर्ट दर्ज कराई. उसे 1 जुलाई को अज्ञात नंबर से काल आया और अपने उसे कॉल करने वालों ने अपने आप को सीबीआई और काईम ब्रांच कोलावा का अधिकारी बताया, उक्त सायबर ठग द्वारा प्रार्थिया को धमकी दी गयी कि आप किसी बड़े अपराध में संलिप्त है आपके द्वारा Money Laundering पैसों की ठगी आदि अपराध कारित किया गया है, जिसमें आपके विरूद्ध आई.पी.सी. की धारा 198, 223,420 लगाई गई है, इस तरह से डरा धमका कर 05 दिवस आवेदिका के सेक्टर 07 स्थित आवास पर ही डिजिटल अरेस्ट कर रखा गया एवं जेल भेजने की धमकी दी गयी. डर कर आवेदिका द्वारा अपने जमा पूंजी एवं अपने गहनों को मुथूट फायनेंस में गिरवी रख कर अपने पेंशन खाते में रकम एकत्र किया जाकर आपरोपियों द्वारा बताये गये बैंक खातों में आरटीजीएस के माध्यम से 12लाख,50हजार रूपये ट्रांसफर कराया गया।
साथ ही उक्त ट्रांसफर रकम आवेदिका को जाँच उपरांत वापस करने का झांसा भी दिया गया। घटना की सूचना प्राप्त होने पर मामले को गंभीरता से लेते हुए विशेष टीम गठित कर मामले की जाँच सायबर टीम को सौपी गई।
टीम द्वारा आवेदिका से घटना के संबंध में पूछताछ कर घटना में उपयोग मोबाईल नंबर, बैंक खातों की जानकारी लेकर तकनिकी विश्लेषण किया गया, तकनिकी जाँच में फतेहपुर उ.प्र. में फर्जी सीम की बिक्री उपरांत उसका उपयोग संदिग्ध गतिविधि ठगी में उपयोग होना पाया गया, गहन जाँच उपरांत अनावेदक अनस द्वारा सीम कलेक्ट कर अनावेदक फैजल को उपलब्ध कराना पाया गया, जिसे फैजल द्वारा फतेहपुर उ.प्र. स्थित किराये के मकान में "कॉल कन्वर्टर मशीन" एवं आधुनिक सॉफ्टवेयर के माध्यम से एक समय में लगभग 90 से 100 सीम* का उपयोग कर उक्त कॉल को बेचना/फॉरवर्ड करने का कार्य किया जाता था, संबंधित सॉफ्टवेयर आरोपी की पहचान को छुपाने के उपयोग में आता है, जिसमें तकनिकी विवेचना जटिल हो जाती है। तकनिकी टीम द्वारा विश्लेषण उपरांत आरोपियों को चिन्हांकित कर घेराबंदी कर पकड़ा गया, आरोपियों के कब्जे से 03 नग कॉल कन्वर्टर मशीन, 01 लैपटॉप, 105 सीम, 05 मोबाईल जप्त किया गया। अग्रिम कार्यवाही थाना भिलाई नगर से की जा रही है।
उक्त कार्यवाही में थाना नेवई से उप निरीक्षक सुरेन्द्र तारम, एसीसीयू से प्र.आर. मेघराज चेलक, आर.जावेद हुसैन, जुगनू सिंह एवं थाना भिलाई नगर से पोषण चंद्राकर की महत्वपूर्ण भूमिका रही। आरोपी का नाम-
1. शहबाज़ उर्फ मोह. फैजल अहमद पत्ता मवाना मेरठ उ.प्र.।
2- अनस खान पता सिविल लाईन फतेहपुर उ.प्र.।