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मोर गांव मोर पानी महा अभियान में बूंद-बूंद पानी बचाने,गांव को हरा-भरा बनाने हो रहा प्रयास, चार दिवसीय प्रशिक्षण से गांव-गांव में पानी रोकने बन रही रणनीति

कवर्धा,असल बात जिले के सभी सरपंच,सचिव रोजगार सहायक,समूह के सदस्यो सहित जनप्रतिनिधियों का रहा प्रशिक्षण कवर्धा,। कबीरधाम जिले के सभी 471 ग्रा...

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कवर्धा,असल बात




जिले के सभी सरपंच,सचिव रोजगार सहायक,समूह के सदस्यो सहित जनप्रतिनिधियों का रहा प्रशिक्षण

कवर्धा,। कबीरधाम जिले के सभी 471 ग्राम पंचायतो के सरपंच, सचिव, ग्राम रोजगार सहायक, आवास मित्र, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन बिहान के स्व सहायता समूह की दीदीयो एवं ग्राम संगठन के सदस्यो जनपद प्रतिनिधियों सहित विभिन्न विभागों के मैदानी कर्मचारियों का प्रशिक्षण गत दो दिनों से क्लस्टर लेवल पर दिया जा रहा है। सभी ग्राम पंचायतों का 16 क्लस्टर में 4 दिवसीय प्रशिक्षण के दौरान स्थानीय स्तर पर पानी रोकने के विभिन्न उपायों पर जानकारी दिया जा रहा है। प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य मोर गांव मोर पानी महा अभियान में जन भागीदारी बढ़ाते हुए सफल बनाना है।गांव में रहने वाले स्थानीय व्यक्तियों को भू-जल स्तर एवं जल संरक्षण के लिए जागरूक करना।

कलेक्टर श्री गोपाल वर्मा ने बताया कि 24 अप्रैल 2025 को राष्ट्रीय पंचायत दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय एवं उपमुख्यमंत्री एवं पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग मंत्री श्री विजय शर्मा द्वारा पूरे प्रदेश में मोर गांव मोर पानी महा अभियान की शुरुआत की गई। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य वर्षा ऋतु में घटते भू-जल स्तर को बढ़ाना, जल संरक्षण करना एवं साल भर अपने खेती किसानी के लिए पानी को संरक्षित करना लक्ष्य है। कलेक्टर श्री वर्मा ने आगे बताया कि प्रशिक्षण के माध्यम से जीआईएस बेस्ड नई तकनीक के आधार पर जल संरचनाओं के निर्माण पर जोर दिया जा रहा है। सभी ग्राम पंचायतों भवन के बाहर गत वर्ष एवं इस वर्ष के भू-जल स्तर को लिखा गया है ताकि ग्रामीण स्वयं घटते जल स्तर को बेहतर तरीके से समझ सके। जिला प्रशासन प्रयासरत है कि वर्षा के दौरान पूरे जिले में जल संरक्षण अच्छे से हो सके। इसी के साथ 5 जून से एक पेड़ मां के नाम अभियान 2.0 अंतर्गत जिले के सभी क्षेत्र में बड़ी संख्या में वृक्षारोपण करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।  

जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री अजय कुमार त्रिपाठी ने प्रशिक्षण पर जानकारी देते हुए बताया कि जलवायु परिवर्तन के कारण प्रकृति से होने वाली समस्या सभी तक पहुंचाई जा रही है। अत्यधिक गर्मी कारण वासमीकरण अधिक होने से तालाबों एवं अन्य जल स्रोतों का सुख जाना तथा मौसम चक्र में बदलाव सभी महसूस कर रहे हैं।सोख्ता गड्ढा, तालाब बनाना अमृत सरोवर एवं रेन रेनवाटर हार्वेस्टिंग जैसे जल संरक्षण के प्रमुख साधनों को प्रशिक्षण के माध्यम से सभी तक पहुंचा रहे है। जनपद पंचायत कवर्धा,बोड़ला, स.लोहारा एवं पंडरिया में 4-4 क्लस्टर निर्धारित है। सभी क्लस्टरों में प्रशिक्षण हो रहा है जिसमें बड़ी संख्या में स्थानीय निर्वाचित जनप्रतिनिधि एवं शासकीय अमले प्रशिक्षित हो रहे हैं।

असल बात,न्यूज