ऐसा माना जाता है कि बेटे भाग्य से जन्म लेते हैं, जबकि बेटियां सौभाग्य से। एक वक्त था जब बेटे के जन्म पर परिवार में खुशियां मनती थीं। वहीं...
ऐसा माना जाता है कि बेटे भाग्य से जन्म लेते हैं, जबकि बेटियां सौभाग्य से। एक वक्त था जब बेटे के जन्म पर परिवार में खुशियां मनती थीं। वहीं बेटियों के जन्म पर मायूसी छा जाती थी। हालांकि वक्त अब बदल गया है। ये 21वीं सदी का भारत है। वक्त बदलने के साथ ही लोगों का अब बेटा-बेटी के बीच भेदभाव करने का नजरिया भी बदल गया है। अब घर में बेटी होने पर खुशियां मनाई जाती है। जी हां… कुछ ऐसी ही सुखद तस्वीर छत्तीसगढ़ के गरियांबद (Gariyaband) जिले के फिंगेश्वर (Fingeshwar) से आई है। यहां बेटी के जन्म पर अनोखा जश्न मनाया गया। पूरे घर को दुल्हन की तरह सजाया गया। ढोल-नगाड़ों की धुन और फूलों की बारिश के बीच बच्ची और मां का ग्रैंड वेलकम हुआ।
दरअसल गरियाबंद जिले के फिंगेश्वर में रहने वाले आशुतोष ठाकुर और प्रीति ठाकुर का पहले से एक बेटा है। इन दोनों की इच्छा थी कि इस बार उनके यहां बेटी का जन्म हो। भगवान ने आशुतोष ठाकुर और प्रीति ठाकुर की मन की मुराद पूरी की। प्रीति ठाकुर ने 31 मई 2025 को सुबह 11 बजकर 53 मिनट में परी की तरह दिखने वाली मासूम बेटी को जन्म दिया। दंपत्ति ने बेटी का नाम श्रीवन्या रखा। 3 जून 2025 को हॉस्पिटल से डिस्चार्ज होने के बाद मां-बेटी घर पहुंचे तो घर वालों ने मां-बेटी का ग्रैंड वेलकम किया।
घर में बेटी के जन्म होने के बाद पहले आगमन पर घर को दुल्हन की तरह सजाया गया। मां जब बेटी को लेकर घर पहुंचीं तो दोनों का ग्रैंड वेलकम किया गया। ढोल-नगाड़ों की धुन और फूलों की बारिश के बीच मां बेटी का जोरदार स्वागत हुआ। घर की महिलाओं ने मां-बेटी का आरती उतारकर और फुलों की बारिश कर स्वागत किया। इसके बाद जमकर पटाखें फोड़े गए। बच्ची के पिता आशुतोष ठाकुर ने खुद पटाखें फोड़कर खुशियां मनाई।

बेटा और बेटी में कोई फर्क नहींः बच्ची की मां
ग्रैंड वेलकम पर मां प्रीति ठाकुर काफी खुश दिखीं। बच्ची की मां कहती हैं कि मैं और पति दोनों इस बार बेटी की जन्म चाहते थें। इसके लिए कई मंदिरों में जाकर भगवान से मैंने बेटी की जन्म की प्रार्थना की थी। आखिरकार भगवान ने हम दोनों की मांग पूरी करते हुए बेटी दिया हैं। भगवान और माता रानी का शुक्रिया।

बेटा और बेटी में कोई फर्क नहींः बच्ची की नानी
नतिनी होने पर बच्ची की नानी रोहिणी ठाकुर भी काफी खुश दिखीं। बच्ची की नानी कहती हैं कि अब बेटा और बेटी में कोई फर्क नहीं है। बेटियां भी अब किसी से कम नहीं हैं। अब बेटा और बेटी के बीच भेदभाव होने का समय खत्म हो गया है। बेटियां अपने मां-पिता की बेटे से भी अच्छा ख्याल रख सकती हैं। बेटी को घर की लक्ष्मी का का रूप माना जाता है। बेटी सोभाग्य से पैदा होती हैं।