कवर्धा,असल बात कवर्धा,। वर्षा ऋतु के आगमन के साथ संभावित बाढ़ की स्थिति से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए कलेक्टर श्री गोपाल वर्मा ने जिले के स...
कवर्धा,असल बात
कवर्धा,। वर्षा ऋतु के आगमन के साथ संभावित बाढ़ की स्थिति से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए कलेक्टर श्री गोपाल वर्मा ने जिले के समस्त विभागीय अधिकारियों को सख्त निर्देश जारी करते हुए आवश्यक तैयारियाँ सुनिश्चित करने को कहा है। कलेक्टर ने बाढ़ पूर्व, बाढ़ के समय एवं पश्चात की समस्त गतिविधियों के लिए विभिन्न विभागों को कार्यदायित्व सौंपते हुए तत्काल क्रियान्वयन करने के निर्देश दिए हैं। कलेक्टर श्री गोपाल वर्मा ने सभी अधिकारियों को सजग एवं सतर्क रहकर समयबद्ध कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं, ताकि किसी भी आपातकालीन स्थिति से प्रभावी रूप से निपटा जा सके।
राजस्व कार्यालय से जारी आदेश में समस्त विभाग प्रमुखों को निर्देशित किया गया है कि पूर्व में तैयार की गई बाढ़ राहत कार्य योजना का पुनः परीक्षण कर उसमें सुधार कर अद्यतन प्रतिवेदन तत्काल प्रस्तुत करें। भू-अभिलेख शाखा को निर्देशित किया गया है कि जिले में स्थापित समस्त वर्षामापी यंत्रों का नियमित संधारण एवं रीडिंग प्रेषण सुनिश्चित करें। जिन स्थानों पर वर्षामापी यंत्र नहीं हैं, वहां तत्काल यंत्र स्थापित किए जाएं। जिला कार्यालय में 24 इनटू 7 कार्यरत बाढ़ नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है, जिसका दूरभाष क्रमांक 07741-232038 है। आपातकालीन स्थिति में विभिन्न अधिकारियों के संपर्क नंबर भी जारी किए गए हैं। श्री रोहित साहू, सीएमओ 94255-53210, नगर पालिका कार्यालय 07741-232226, श्री के.के. श्रीवास्तव, जिला सेनानी 94060-73751, पुलिस कन्ट्रोल रूम 07741-232674, 232887, 100/112 जिला चिकित्सालय 07741-233553, एम्बुलेंस सेवा 108 के संपर्क नंबर भी जारी किए गए हैं। सभी नगर पालिका, पंचायत अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि वे अपने-अपने कार्यालय में बाढ़ नियंत्रण कक्ष स्थापित कर कार्मिकों की ड्यूटी लगाएं और उसका पालन प्रतिवेदन तीन दिवस में प्रस्तुत करें।
जिला स्तरीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष की जानकारी का प्रचार-प्रसार समाचार पत्रों, आकाशवाणी व दूरदर्शन के माध्यम से सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। पहुंचविहीन जहां बाढ़ के समय पहुँचना कठिन होता है, वहां पर्याप्त मात्रा में खाद्यान्न, नमक, कैरोसिन, जीवन रक्षक दवाइयां आदि भंडारित की जाएं। साथ ही सर्पदंश जैसी घटनाओं की रोकथाम हेतु आवश्यक दवाएं सभी स्वास्थ्य केन्द्रों में उपलब्ध करवाई जाएं। हैंडपंप, कुओं आदि में ब्लीचिंग पाउडर डालकर जल शुद्धिकरण की व्यवस्था लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा सुनिश्चित की जाए। बाढ़ संभावित क्षेत्रों जैसे सकरी और हाफ नदी के तटीय ग्रामों की सतत निगरानी हो। राहत शिविरों हेतु सुरक्षित भवन, स्कूल, धर्मशालाएं आदि चिन्हित की जाएं। जिले में उपलब्ध सभी उपकरण जैसे मोटरबोट, लाइफ जैकेट, रस्सी, ट्रक ट्यूब, तारपोलीन, सर्च लाइट, मेगाफोन आदि की मरम्मत कर उपयोग हेतु तत्पर रखें। नगर सेना द्वारा प्रशिक्षित जवानों की सूची आयुक्त कार्यालय को भेजी जाए। शहरों में बाढ़ की स्थिति से बचाव के लिए नालियों की नियमित सफाई सुनिश्चित की जाए। तटीय इलाकों में यू-हुक प्रणाली तथा डायविंग पंप की व्यवस्था की जाए।
जल संसाधन विभाग को निर्देशित किया गया है कि जलाशयों का जलस्तर नियमित रूप से मापा जाए। जल छोड़ने की पूर्व सूचना संबंधित जिलों/राज्यों को कम से कम 12 घंटे पूर्व दी जाए। राहत शिविरों में सामाजिक दूरी को ध्यान में रखते हुए कम भीड़, अतिरिक्त आश्रय, पर्याप्त शौचालय, कीटाणुशोधन एवं नियमित स्वास्थ्य जांच की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। प्रत्येक तहसील से वर्षा, क्षति एवं राहत की जानकारी प्रतिदिन निर्धारित प्रपत्र में ई-मेल, फैक्स व दूरभाष के माध्यम से राहत आयुक्त कार्यालय एवं राज्य नियंत्रण कक्ष को भेजी जाए। यदि आपात स्थिति में सेना की सहायता आवश्यक हो, तो इसकी जानकारी कलेक्टर, प्रमुख सचिव एवं राहत आयुक्त को तत्काल मोबाइल/दूरभाष के माध्यम से दी जाए। राजस्व विभाग के अधिकृत ई-मेल पते पर बाढ़ से जुड़ी समस्त जानकारी भेजना सुनिश्चित करें। राहत कार्यों में राज्य आपदा प्रबंधन बल से समन्वय कर सामग्री प्राप्त कर राहत मैनुअल के निर्देशों का पालन अनिवार्य किया जाए। कलेक्टर ने समस्त विभागों से उनके पास उपलब्ध बाढ़ नियंत्रण एवं बचाव सामग्री की अद्यतन सूची शीघ्र कार्यालय को प्रेषित करने एवं प्रतिदिन वर्षा-बाढ़ से संबंधित सूचना भेजने के निर्देश दिए हैं।
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