Page Nav

HIDE

Grid

GRID_STYLE

Pages

Classic Header

{fbt_classic_header}

Top Ad

ब्रेकिंग :

latest

Breaking News

Automatic Slideshow


भगवान श्री जगन्नाथ, भाई बलभद्र एवं बहन सुभद्रा जगन्नाथ मंदिर दोकड़ा से मौसीबाड़ी पहुंचे, 9 वें दिन होगी भव्य वापसी,परंपरागत श्रद्धा-भक्ति और उल्लास के वातावरण में निकाली गई भव्य रथयात्रा

  *मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय रथयात्रा में हुए शामिल, निभाई छेरा-पहरा की रस्म रायपुर  . असल बात news.   27 जून 2025. जशपुर ज़िले के ऐतिहा...

Also Read

 




*मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय रथयात्रा में हुए शामिल, निभाई छेरा-पहरा की रस्म

रायपुर  .

असल बात news.  

27 जून 2025.

जशपुर ज़िले के ऐतिहासिक एवं प्राचीन श्री जगन्नाथ मंदिर दोकड़ा में इस वर्ष भी रथयात्रा महोत्सव का आयोजन परंपरागत श्रद्धा, भक्ति और भव्यता के साथ किया गया। मंदिर से रथ यात्रा के रवाना होने से पहले मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय एवं उनकी धर्मपत्नी श्रीमती कौशल्या देवी साय ने जगन्नाथ मंदिर में पूरे विधि-विधान से भगवान श्री जगन्नाथ, भाई बलभद्र एवं बहन सुभद्रा की पूजा-अर्चना कर प्रदेशवासियों के सुख, समृद्धि और कल्याण की मंगलकामना की। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने झाडू से रथयात्रा के मार्ग को बुहारकर छेरा-पहरा की रस्म निभाई।  

    मुख्यमंत्री श्री साय ने हजारों श्रद्धालुओं के साथ भक्तिभावपूर्वक रथ यात्रा में भाग लिया। श्रद्धालुओं ने भगवान श्री जगन्नाथ, भाई बलभद्र एवं बहन सुभद्रा के रथ को रस्सी खींचकर आगे बढ़ाया। पूरा वातावरण जय जगन्नाथ के जयघोष, भजन-कीर्तन और भक्तिमय उल्लास से गूंज उठा। रथ यात्रा मुख्य मार्गों से होते हुए मौसीबाड़ी पहुंची। भगवान श्री जगन्नाथ, भाई बलभद्र एवं बहन सुभद्रा नौ दिनों तक अपनी मौसी के घर मौसीबाड़ी में विराजमान रहेंगे। नौवें दिन 5 जुलाई को शुभ वापसी श्री जगन्नाथ मंदिर, दोकड़ा में होगी। यह आयोजन ओडिशा के पुरी धाम की परंपरा के अनुरूप आयोजित किया गया है।

*दोकड़ा में सन् 1942 से जारी है रथ यात्रा की परंपरा

रथ यात्रा की शुरुआत दोकड़ा में वर्ष 1942 में हुई थी। इसकी शुरूआत स्वर्गीय श्री सुदर्शन सतपथी एवं उनकी धर्मपत्नी स्वर्गीय श्रीमती सुशीला सतपथी द्वारा श्रद्धा और समर्पण के साथ की गई थी। तब से यह परंपरा निरंतर श्रद्धा और उत्साह के साथ निर्विघ्न रूप से जारी है। समय के साथ यह आयोजन अब एक भव्य धार्मिक मेले का रूप ले चुका है, जिसमें श्रद्धालुओं की विशाल सहभागिता देखने को मिलती है।

  रथ यात्रा के पावन अवसर पर ओडिशा से आमंत्रित कीर्तन मंडलियों ने भक्ति संगीत की मनमोहक प्रस्तुतियां दीं, जिससे वातावरण भक्तिमय हो उठा। साथ ही रथ यात्रा में अनेक धार्मिक एवं सांस्कृतिक झांकियां भी शामिल रहीं, जो भगवान श्री जगन्नाथ की महिमा और हमारी सांस्कृतिक विविधता की भव्यता को अत्यंत आकर्षक रूप में प्रदर्शित कर रही थीं।

*नौ दिनों तक चलेगा धार्मिक पर्व

  श्री जगन्नाथ मंदिर समिति दोकड़ा के सदस्यों ने बताया कि रथ यात्रा महापर्व नौ दिवसीय भव्य धार्मिक और सांस्कृतिक उत्सव के रूप में मनाया जाता है। इस अवसर पर मंदिर परिसर और दोकड़ा गांव पूरे श्रद्धा और उत्साह से सराबोर रहता है। पूरे महोत्सव के दौरान विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान, भजन-कीर्तन, संगीतमय प्रस्तुतियाँ, सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ-साथ बच्चों और युवाओं के लिए विविध प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है, जो पूरे क्षेत्र को आध्यात्मिक ऊर्जा और सांस्कृतिक रंगों से भर देता है। 

      रथ यात्रा के उपलक्ष्य में दोकड़ा में एक विशाल मेले का भी आयोजन किया गया है, जो इस उत्सव की शोभा को और अधिक बढ़ा देता है। मेला परिसर में मनोरंजन के लिए झूले, स्वादिष्ट व्यंजनों के स्टॉल, पारंपरिक हस्तशिल्प की दुकानें और अन्य आकर्षण मौजूद हैं।  जो सभी के लिए आनंद का केंद्र बनते हैं। यह आयोजन आस्था, संस्कृति और सामाजिक समरसता का अद्भुत संगम है।