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ब्रिक्स देशों के बीच आपसी आर्थिक व्यापार को बढ़ाने, बाधाओ को कम करने, सीमा शुल्क प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करने और पारदर्शिता बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करने की जरूरत- सांसद विजय बघेल

अशोक त्रिपाठी  नई दिल्ली में,असल बात news. दुर्ग लोकसभा क्षेत्र के सांसद विजय बघेल ने कहा है कि  ब्रिक्स देशों के बीच आपसी आर्थिक व्यापार को...

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अशोक त्रिपाठी 

नई दिल्ली में,असल बात news.

दुर्ग लोकसभा क्षेत्र के सांसद विजय बघेल ने कहा है कि ब्रिक्स देशों के बीच आपसी आर्थिक व्यापार को बढ़ाने, आपसी कतिपय  बाधाओ को कम करने,सीमा शुल्क प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करने और पारदर्शिता बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करने की जरूरत है. उन्होंने ब्रिक्स देशों के अंतरराष्ट्रीय मामलों के  सदस्यों,अध्यक्षों की सभा को संबोधित करते हुए उक्ताशय  की बातें कही है. भारत के वसुधैय कुटुंबकम के सिद्धांत को फोकस करते हुए उन्होंने कहा कि भारत देश, समावेशी विकास तथा निष्पक्ष और न्याय संगत वैश्विक अर्थव्यवस्था के सिद्धांतों का हमेशा से पक्षधर है।

आतंकवाद के विरूद्ध भारत का स्पष्ट रुख बताने के उद्देश्य से देश का एक सर्वदलीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल अलग-अलग देश की यात्रा कर रहा है। सांसद विजय बघेल ब्राजीलिया ब्राजील में आयोजित ब्रिक्स संसदीय फोरम में शामिल होने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के नेतृत्व में एक उच्च स्तरीय संसदीय दल के साथ वहां पहुंचे हैं. इस प्रतिनिधिमंडल में दुर्ग लोकसभा क्षेत्र के सांसद विजय बघेल भी शामिल है। उन्हें यहां ब्रिक्स देशों के प्रतिनिधिमंडल की सभा को संबोधित करने का अवसर मिला. सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि इस प्रतिष्ठित सभा को संबोधित करने का मुझे अबसर मिला है यह मेरे लिए सम्मान की बात है। उन्होंने कहा कि हम वर्तमान अंतरराष्ट्रीय परिदृश्य में ब्रिक्स देशों के बीच व्यापार को मजबूत करने के महत्वपूर्ण विषय पर चर्चा करने यहां उपस्थित हैं। भारत देश,वसुधैव कुटुंबकम अर्थात संपूर्ण दुनिया, विश्व को एक परिवार मानता है। भारत देश,पूरी दुनिया हमारा एक पूरा परिवार है,के सिद्धांत पर चलते हुए काम करने के लिए वचनबद्ध है।हम समतापूर्ण वैश्विक अर्थव्यवस्था कायम करने के पक्ष में हैं। 

उन्होंने कहा कि वर्तमान अंतरराष्ट्रीय परिदृश्य में अभूतपूर्व अवसर और जटिल  परिस्थितियों दोनों ही मौजूद हैं। वैश्वीकीकरण ने जहां एक और परस्पर जुड़ाव और आर्थिक परिस्थितियों को बढ़ावा दिया है. वहीं हम,भू राजनीतिक तनाव, संरक्षणवादी प्रवृत्तियों में वृद्धि, आपूर्ति श्रृंखलाओ में व्यवधान और वैश्विक संगठनों के दीर्घकालिक प्रभाव को भी बढ़ते हुए देख रहे हैं। इस संदर्भ में 11 प्रमुख उभरती अर्थव्यवस्थाओं के गतिशील और प्रभावशाली संगठनों के रूप में हमारे भविष्य को सुरक्षित और समृद्ध बनाने में ब्रिक्स देश की भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो जाती है। यह समूह आज वैश्विक आजादी के लगभग 49 5% का प्रतिनिधित्व  कर रहा है और लगभग 40% सकल घरेलू उत्पाद में सहयोग दे रहा है। पिछले कुछ वर्षों के दौरान वैश्विक व्यापार और विकास में ब्रिक्स देशों की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। वर्ष 2008 और 2018 के बीच ब्रिक्स देश के बीच निर्यात 9.3% की औसत वार्षिक दर से बढ़ा जो कि वैश्विक औसत 2.8% से अधिक है।ब्रिक्स देश के साथ हमारे व्यापार में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। जो कि वर्ष 2008 में 59,6% बिलियन डॉलर से बढ़कर 2018 में 11 8.1 बिलियन डॉलर तक पहुंच गई है। निर्यात में सालाना 8% की वृद्धि हुई है। इस बढ़ोतरी के बावजूद, विशेषकर प्रौद्योगिकी ऊर्जा बिजली और सेवाओं में ब्रिक्स देशों के बीच आपसी व्यापार को और मजबूत करने की अपार संभावना है। भारत के नजरिये से ब्रिक्स देश के बीच व्यापार बढ़ाना जरूरी ही नहीं यह सतत विकास को बढ़ावा देने सामूहिक रूप से हमारी आर्थिक मजबूती को बढ़ाने और अधिक संतुलित आर्थिक व्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए को बढ़ावा देने के लिए बहुत अधिक जरूरी है। जीवन में तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के रूप में भारत के लिए ब्रिक्स देश के साथ व्यापार और आर्थिक संबंधों को और मजबूत करने की अपार संभावनाये है। ब्रिक्स के सदस्य देशों के बीच अलग-अलग आर्थिक व्यवस्थाएं कायम हैं। परंतु विकास और प्रगति के लिए  हमारी साझा आकांक्षाएं हैं। इसलिए हम एक दूसरे के पूरक बनकर परस्पर हित की दिशा में कार्य कर रहे हैं।

 उन्होंने कहा कि भारत का मानना है कि वर्तमान परिस्थितियों में हमारे ब्रिक्स देशों के बीच आपसी आर्थिक व्यापार को बढ़ाने के लिए बहुआयामी दृष्टिकोण अपनाना बहुत जरूरी है। इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए व्यापार संबंधी बाधाओ को कम करने सीमा शुल्क प्रक्रियाओं को सुवस्थित करने और पारदर्शिता बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए। इससे ब्रिक्स देश के बीच वस्तुओं और सेवाओं का आदान-प्रदान बढ़ेगा। हमें विनियामक ढांचों को सरल बनाने और जहां संभव हो इसके मानकों में एकरूपता लाने सक्रिय रूप से काम करना चाहिए। उन्होंने उपस्थित सभी देशों के प्रतिनिधि मंडल सदस्यों को आवाहन करते हुए कहा कि  आइए हम सब मिलकर अपने साझा लक्ष्यों को मूर्त आकार दें और ऐसे भविष्य को संभव बनाएं जहां कि हमारे ब्रिक्स देशों के बीच व्यापार , हमारे सभी देशों के लिए सतत और समावेशी विकास का महत्वपूर्ण साधन बन सके।