श्रीमती सीतारमण ने सभी बैंकों को किसी भी स्थिति या संकट से निपटने के लिए पूरी तरह से सतर्क और तैयार रहने तथा बैंकिंग और वित्तीय सेवाओं तक नि...
श्रीमती सीतारमण ने सभी बैंकों को किसी भी स्थिति या संकट से निपटने के लिए पूरी तरह से सतर्क और तैयार रहने तथा बैंकिंग और वित्तीय सेवाओं तक निर्बाध पहुंच सुनिश्चित करने का निर्देश दिया
केंद्रीय वित्त मंत्री ने बैंकों को सीमावर्ती क्षेत्रों के आसपास की शाखाओं में कार्यरत बैंक कर्मचारियों और उनके परिवारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का निर्देश दिया
बीमा कंपनियों को समय पर दावों का निपटान और निर्बाध ग्राहक सेवा प्रदान करनी चाहिए
देश की ताजा परिस्थितियों के मद्देनज़र बैंकों को एटीएम में पर्याप्त नगदी रखने,किसी भी स्थिति या संकट से निपटने के लिए पूरी तरह से सतर्क और तैयार रहने,पूरे बैंकिंग सिस्टम में साइबर सुरक्षा उपायों को मजबूत करने का निर्देश दिया गया है.केंद्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने बैंकिंग क्षेत्र की परिचालन और साइबर सुरक्षा तैयारियों की समीक्षा की है. इस दौरान सीमा पर चल रहे तनाव को देखते हुए सभी बैंकों और बीमा कंपनियों की ओर से प्रबंध निदेशकों और मुख्य कार्यकारी अधिकारियों ने देश की इन कठिन परिस्थितियों में उनके द्वारा उठाए जा रहे कदमों से अवगत कराया गया।
केंद्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने सीमा पर तनाव से उत्पन्न सुरक्षा चिंताओं के बीच आज सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्र के बैंकों और बीमा कंपनियों के प्रबंध निदेशकों एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारियों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक की है।
वित्तीय सेवा विभाग (डीएफएस), वित्त मंत्रालय, सीईआरटी-इन, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया, आईआरडीएआई और एनपीसीआई के वरिष्ठ अधिकारियों ने बैठक में भाग लिया, जिसमें इंटरनेट बैंकिंग और यूपीआई जैसे डिजिटल अनुप्रयोगों सहित बैंकिंग क्षेत्र की परिचालन और साइबर सुरक्षा तैयारियों की समीक्षा पर ध्यान केंद्रित किया गया।
सभी बैंकों और बीमा कंपनियों के प्रबंध निदेशकों और मुख्य कार्यकारी अधिकारियों ने केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती सीतारमण को सीमा पर चल रहे तनाव को देखते हुए उनके द्वारा उठाए जा रहे कदमों से अवगत कराया।
बैंक के प्रबंध निदेशकों और मुख्य कार्यकारी अधिकारियों ने बताया कि पूरे बैंकिंग सिस्टम में साइबर सुरक्षा उपायों को मजबूत किया गया है। बड़े पैमाने पर साइबर हमलों से बचाव के लिए बैंकों द्वारा एंटी-डीडीओएस (डिस्ट्रिब्यूटेड डेनियल-ऑफ-सर्विस) सिस्टम लागू किए गए हैं। संस्थागत तत्परता की गारंटी के लिए, उच्चतम स्तर पर साइबर सुरक्षा और आपदा प्रबन्धन परिदृश्यों को शामिल करते हुए मॉक ड्रिल आयोजित की गई हैं। उन्होंने बताया कि विभिन्न प्रयासों पर सक्रिय रूप से नज़र रखी जा रही है, और कर्मचारियों को जागरूकता बढ़ाने के लिए कई आंतरिक अलर्ट प्राप्त हुए हैं।
बैंक अधिकारियों ने बताया कि उनके सुरक्षा संचालन केंद्र (एसओसी) और नेटवर्क संचालन केंद्र पूरी तरह से चालू हैं और हाई अलर्ट पर हैं। ये केंद्र सीईआरटी-इन और नेशनल क्रिटिकल इंफॉर्मेशन इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोटेक्शन सेंटर (एनसीआईआईपीसी) के साथ मिलकर काम कर रहे हैं, जिससे वास्तविक समय में डेटा साझा करने और खतरे की निगरानी करने में मदद मिल रही है।
केंद्रीय मंत्री श्रीमती सीतारमण ने बैठक के दौरान बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव और चुनौतीपूर्ण समय के दौरान आर्थिक स्थिरता सुनिश्चित करने में बैंकिंग और वित्तीय क्षेत्र की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि एटीएम में निर्बाध नकदी उपलब्धता, निर्बाध यूपीआई और इंटरनेट बैंकिंग सेवाएं तथा आवश्यक बैंकिंग सुविधाओं तक निरंतर पहुंच को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
श्रीमती निर्मला सीतारमण ने बैंकों को निर्देश दिया कि वे अपनी साइबर सुरक्षा प्रणालियों और डेटा केंद्रों का नियमित ऑडिट करें और यह सुनिश्चित करें कि सभी डिजिटल और कोर बैंकिंग बुनियादी ढांचे को पूरी तरह से सुरक्षित किया गया है और उल्लंघन या किसी भी शत्रुतापूर्ण साइबर गतिविधि को रोकने के लिए चौबीसों घंटे निगरानी की जाए।
केंद्रीय वित्त मंत्री ने बैंकों को निर्देश दिया कि वे मुख्यालय में दो समर्पित वरिष्ठ अधिकारियों को नियुक्त करें, जिनमें से एक साइबर से संबंधित सभी मामलों की रिपोर्टिंग करेगा और दूसरा बैंक शाखाओं के कामकाज और एटीएम में नकदी की उपलब्धता सहित परिचालन संबंधी मामलों को सुनिश्चित करेगा। दोनों अधिकारियों को किसी भी घटना की सूचना वास्तविक समय के आधार पर सीईआरटी-इन/संबंधित एजेंसियों और डीएफएस को देनी चाहिए।
इस संबंध में, बैंकों से भारतीय रिजर्व बैंक, सीईआरटी-इन और संबंधित सरकारी एजेंसियों के साथ वास्तविक समय में समन्वय स्थापित करने को कहा गया ताकि बेहतर और त्वरित सूचना आदान-प्रदान और प्रतिक्रिया सुनिश्चित की जा सके।
श्रीमती सीतारमण ने बीमा कंपनियों को समय पर दावा निपटान और निर्बाध ग्राहक सेवा सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया ।
केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि प्रायोजक बैंकों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि इस कठिन समय में आरआरबी को अच्छी सहायता मिले तथा उन्हें किसी भी समस्या से निपटने में मदद मिले।
श्रीमती सीतारमण ने दोहराया कि सरकार राष्ट्रीय सुरक्षा और आर्थिक स्थिरता के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है और उन्होंने कहा कि देश की बैंकिंग और वित्तीय प्रणाली बेहतर और स्थायी बनी हुई है।