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स्कूली छात्रा से मोबाइल लूटने और चाकू मार कर गंभीर रूप से घर कर देने के आरोपी को 10 साल के कठोर कारावास की सजा

  दुर्ग . असल बात न्यूज़.   यहां,स्कूली छात्रा से मोबाइल लूटने और चाकू मार कर गंभीर रूप से घायल कर देने के आरोपी को 10 साल के कठोर कारावास क...

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 दुर्ग .

असल बात न्यूज़.  

यहां,स्कूली छात्रा से मोबाइल लूटने और चाकू मार कर गंभीर रूप से घायल कर देने के आरोपी को 10 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई गई है. चतुर्थ अपर सत्र न्यायाधीश श्रीमती सुनीता टोप्पो के न्यायालय ने यह सजा सुनाई है.प्रकरण में पीड़िता स्कूली छात्र है और किताब लेने पुस्तक दुकान गई थी. वह उसके किसी दोस्त का कॉल आने पर रुकी थी तभी आरोपी ने उसका मोबाइल छीन लिया और चाकू माराकर उसे बुरी तरह से घायल कर दिया.बालिका को उपचार के लिए 13- 14 दिनों तक अस्पताल में रहना पड़ा था. न्यायालय ने इस अपराध को गंभीर प्रकृति का माना और अभियुक्त को अपराध सिद्ध होने पर सख्त सजा सुनाई गई है.

अभियोजन पक्ष के अनुसार मामले का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि यह घटना 4 नवंबर 2020 की भिलाई नगर थाना क्षेत्र के अंतर्गत की है. आहत आयुषी पांडेय किताब लेने के लिए सेक्टर 6 गई थी,फिर वहां से सेक्टर 10 पुस्तक दुकान चली गई.समीप ही, उसका स्कूल सीनियर सेकेंडरी स्कूल था जिसके पास ही वह पहले ट्यूशन पढ़ने भी जाती थी. उसी रास्ते पर उसके किसी दोस्त का फोन आया तब वह वहां रुक कर बात करने लगी. इसी समय उसके पीछे एक दोपहिया वाहन वाले ने आकर उसका मोबाइल रेडमी नोट 7 प्रो जिसमें दो सिम लगे थे छीन लिया और उसके बाएं हाथ,बाएं सीने, और पेट में गंभीर हमला कर दिया.आहत ने आरोपी की पहचान की है.आहत घायल होने के बाद किसी तरह से स्कूटी से अपने घर पहुंची और अपनी मां सरोजबाला पांडेय को घटना के बारे में पूरी जानकारी दी. आहत को इलाज हेतु से.9अस्पताल में ले जाया गया. 

प्रकरण में आरोपी अभिषेक जोशी गिरफ्तारी के बाद से लगातार न्यायिक हिरासत में है. प्रकरण में न्यायालय के समक्ष स्वतंत्र साक्षीयों के द्वारा      पुलिस मेमोरेंडम एवं जप्ती की कार्रवाई का समर्थन नहीं किया गया. न्यायालय ने विवेचक के कथनों के आधार पर मेमोरेंडम एवं जप्ती की कार्रवाई को पुस्ट होना पाया.

 न्यायालय के द्वारा अभियुक्त को भारतीय दंड संहिता की धारा 394, 397 के अपराध में 10 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई है.


 प्रकरण में अभियोजन पक्ष की ओर से अतिरिक्त लोक अभियोजक 
मनीष कुमार अखिलेश ने पैरवी की.