Page Nav

HIDE

Grid

GRID_STYLE

Pages

Classic Header

{fbt_classic_header}

Top Ad

ब्रेकिंग :

latest

Breaking News

Automatic Slideshow


ज़िला कांग्रेस कमेटी ( शहर/ग्रामीण ) द्वारा नेहरू चौक में प्रथम प्रधानमंत्री ,भारत रत्न स्व जवाहर लाल नेहरू जी की पुण्यतिथि मनाई गई उनकी आदमकद प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि दी गई

बिलासपुर  शहर अध्यक्ष विजय पांडेय,पूर्व विधायक शैलेष पांडेय ने कहा पण्डित  नेहरू जी एक कुशल चितरे थे ,जिन्होंने अपनी सूझ-बूझ ,बौद्धिक कुशलता...

Also Read

बिलासपुर



 शहर अध्यक्ष विजय पांडेय,पूर्व विधायक शैलेष पांडेय ने कहा पण्डित  नेहरू जी एक कुशल चितरे थे ,जिन्होंने अपनी सूझ-बूझ ,बौद्धिक कुशलता से  आज़ाद भारत को विकास के रंग भरने लगे ,और देश को विकास की पटरी पर धीरे धीरे आगे बढाया ,जब देश आजाद हुआ तो देश आर्थिक रूप से कमजोर था, साम्प्रदायिक दंगे हो रहे थे, विपक्ष आज़ादी से खुश नही था,रियासतों का एकीकरण एक बड़ी चुनौती थी ,जैसे अनेक समस्याएं थी जिसे पण्डित नेहरु जी ने धैर्य और संयम से सामना किया और एक मजबूत राष्ट्र की नीव रखी,अंतर्राष्ट्रीय मंच पर पण्डित नेहरू जी का नाम बड़े  सम्मान से लिया जाता  था , 

पण्डित जी ने आर्थिक विकास के लिए योजना आयोग , शिक्षा के लिए आई आई टी,आई आई एम, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग, विदेश नीति ,रक्षा नीति, साइंस और टेक्नोलॉजी, कृषि के विकास के लिए भाखड़ा नांगल बांध, भिलाई स्टील प्लांट जैसे बड़े बड़े कल कारखानों की स्थापना की  जिससे भारत एक समृद्ध राष्ट्र के रूप में स्थापित हुआ ,आज ऐसे केंद्रीय योजनाओं को बेचा जा रहा है, जो देश के साथ बड़ा धोखा  है।

संयोजक ज़फ़र अली, हरीश तिवारी ने कहा उच्च शिक्षित थे, आज़ादी की लड़ाई में लगभग 10 वर्षो तक जेल में रहे, कांग्रेस के अध्यक्ष भी रहे, उनका पूरा परिवार स्वतंत्रता आंदोलन में अहम भूमिका अदा की, श्रीमती इंदिरा गांधी जी बाल्यावस्था में वानर सेना के माध्यम से सेनानियों को मदद करती थी ,नेहरू परिवार ने देश की आज़ादी में तन-मन-धन से सहयोग किया ,15 अगस्त 1947 को देश आजाद हुआ तब प्रथम प्रधानमंत्री बने और देश को एक नई ऊंचाई पर ले गए ,वर्तमान भारत की भव्यता पण्डित नेहरू जी की देन है।

 कार्यक्रम में शहर अध्यक्ष विजय पांडेय,पूर्व विधायक शैलेष पांडेय,संयोजक ज़फ़र अली, हरीश तिवारी, विनोद शर्मा, त्रिभुवन कश्यप,राजेश शर्मा,विश्वम्भर गुलहरे,वीरेंद्र सारथी,स्वर्णा शुक्ला,सीमा घृटेश,बिरेझेराम सिंगरौल,दीपक रायचेलवार,सत्येंद्र तिवारी,जिग्नेश जैन,शिवा निर्मलकर,दुर्देशों धनगर,पुष्पा शर्मा,रामदुलारे रजक,करम गोरख,सुभाष ठाकुर,जगदीश कौशिक, राजेश ताम्रकार,गौरव एरी,हेमन्त दृघस्कर,हेरि डेनिएल,अफ़रोज़ बेगम,अयूब खान,मकसूद अली आदि उपस्थित थे।

ऋषि पांडेय,प्रवक्ता