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देखिए ऐसे हुआ ’’ब्लैक आउट माकड्रिल’’, रैड अलर्ट सायरन बजते ही चारों तरफ घुप्प अंधेरा, सभी नागरिक अपने घर, दुकान, आफिस, संस्थान आदि की रोशनी बंद

  0 आपात कालीन स्थितियों से निपटने मॉकड्रिल की गई  0 जगह-जगह   आपातकालीन स्थितियां निर्मित कर आम नागरिकों को बताया गया युद्ध के समय कैसे सुर...

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0 आपात कालीन स्थितियों से निपटने मॉकड्रिल की गई 

0 जगह-जगह  आपातकालीन स्थितियां निर्मित कर आम नागरिकों को बताया गया युद्ध के समय कैसे सुरक्षित रहे 

0 यह आपात स्थिति  ऑल क्लियर सिग्नल बजने तक जारी रही

माकड्रिल के दौरान नागरिकों से अपने घरों में कोनो में खड़े हो जाने या जमीन पर लेट जाने कहा गया 

सड़क पर लेट कर मुंह में कपड़ा या रुमाल दबा कर दोनों हाथों से कान को ढक कर बताया गया ऐसे सुरक्षित रह सकते हैं

भिलाई सेक्टर एवं प्लांट  क्षेत्र में "रेड अलर्ट " 

सायरन बजने के साथ  "ऑल क्लियर" सायरन बजने तक "ब्लैक आउट माकड्रिल”


दुर्ग  .

असल बात news.

 07 मई 2025. 

आज पूरे प्रदेश भर के लोगों की नजर 'दुर्ग' जिले की ओर लगी हुई थी. असल में  देश में आज जिन 244 जिलों में "ब्लैक आउट माकड्रिल" करना निर्धारित  किया गया था उसमें दुर्ग जिला भी शामिल था. ऐसे में शाम को 4:00 बजने के बाद जगह-जगह से call और मैसेज आने लगे कि यह मॉक ड्रिल शुरू हो गया है क्या...? और किया जा रहा है तो किस तरह से...? क्या इससे आम लोगों  की दैनिक दिनचर्या  कुछ प्रभावित हुई है...? तो यहां ..आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिये नागरिकों को तैयार करने और प्रशासनिक व्यवस्थाओं को दुरुस्त रखने के उद्देश्य से 7 मई 2025 को सायं 4.00 बजे आपातकालीन स्थितियां निर्मित की गई, जो ऑल क्लियर सिग्नल बजने तक जारी रही। ’’रेड अलर्ट’’ सायरन बजने पर प्रारंभ होकर ’’ऑल क्लियर’’ सायरन बजने तक नागरिक सुरक्षा मॉकड्रिल  की गई। बताया जा रहा है कि भिलाई इस्पात संयन्त्र के भीतर भी शाम को 4:00 बजे के बाद मॉक ड्रिल किया गया है.

कहा जाए तो मॉक ड्रिल को लेकर लोगों में काफी पहले से उत्सुकता दिख रही थी. पहलगाम आतंकी कांड के बाद से कभी भी युद्ध की चिंगारी भड़क उठने के आशंका बनी हुई है. इस बीच यह समाचार आ गया कि देश के 244 जिलों को मॉक डिल के लिए चिन्हित किया गया है और 7 में को यह मॉक ड्रिल किया जाएगा. जानकारी के अनुसार दुर्ग जिले में एशिया का सबसे बड़ा इस्पात संयंत्र स्थित है इसलिए इस मॉक ड्रिल के लिए दुर्ग जिले का चयन किया गया. युद्ध का मॉक ड्रिल कोई आसान इशू नहीं है, इसलिए इसकी जानकारी मिलने के बाद सब एक तरह से अलर्ट से हो गए. लोगों में यह जाने की उत्सुकता नजर आने लगे कि आखिर मग दिल किस तरह से किया जाएगा और इसका आम लोगों के जाने के कामकाज, मार्केट इत्यादि पर क्या असर पड़ सकता है. तो हम आपको बता दें कि जहां  ’’ब्लैक आउट माकड्रिल’’ किया गया उसे समय वहां कुछ देर के लिए घुप्प अंधेरा छा गया था.सड़क पर चल रहे वाहन रेड अलर्ट साइरन बजते ही वाहन खडे़ कर हैडलाइट और बैकलाइट भी बंद कर दी गई। इस समय जनरेटर, इमरजेंसी लाइट मोबाइल की टॉर्च सब कुछ किसी भी चीज से रोशनी करने से मना कर रखा गया था.

 कलेक्टर श्री अभिजीत सिंह के मार्गदर्शन में दुर्ग/भिलाई नगर में मॉकड्रिल के दौरान जो नागरिक रोड पर थे, वे सड़क पर लेट कर मुंह में कपड़ा या रुमाल दबा कर दोनों हाथों से कान को ढक लिये थे, जो लोग वाहनों पर थे, वे भी अपने वाहन को वही रोड किनारे पर खड़े कर उसकी हैडलाइट और बैकलाइट बंद कर वाहनों से निकल कर सड़क पर लेट गये। कलेक्टर श्री अभिजीत सिंह और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री विजय अग्रवाल भी मॉकड्रिल में शामिल हुए। 

सेक्टर-6 भिलाई पुलिस कंट्रोल रूम के बाजू पुलिस पेट्रोल पम्प के सामने चौक पर पूर्व सैनिक श्री हरप्रीत सिंह छ.ग. आर्मी फाउण्डेशन द्वारा नागरिकों को मॉकड्रिल करायी गई। बीएसपी सेक्टर एरिया, सूर्यामॉल, सराफा बाजार, पावर हाउस, पुलगांव चौक दुर्ग, इंदिरा मार्केट दुर्ग, नल घर काम्प्लेक्स इमरजेंसी हॉस्पीटल मेडिकल कॉलेज आदि स्थानों पर मॉकड्रिल करायी गई। सायं 7.30 बजे से 7.45 बजे तक भिलाई सेक्टर एवं प्लांट क्षेत्र में ’’रेड अलर्ट’’ सायरन बजने से प्रारंभ कर ’’ऑल क्लियर’’ सायरन बजने तक ’’ब्लैक आउट माकड्रिल’’ का आयोजन किया गया। इस दौरान रैड अलर्ट साइरन बजने पर सभी नागरिक अपने घर, दुकान, आफिस, संस्थान आदि की रोशनी को बंद कर दिया गया। 

 ग्रीन अलर्ट साइरन “आल क्लीयर सिग्नल” बजने के बाद लाइट्स आन की गई। यह मॉकड्रिल पूर्वाभ्यास की एक सामान्य प्रक्रिया है। मॉकड्रिल के दौरान समस्त दैनिक गतिविधियाँ यथावत चालू थी। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, सीआईएसएफ, होमगॉर्ड, एनसीसी के कैडेट्स, सेना के भूतपूर्व सैनिक, पुलिस बल तथा जिला एवं पुलिस प्रशासन व बीएसपी के अधिकारी/कर्मचारी शामिल थे।