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छत्तीसगढ़ में सिर्फ धान की ही खेती नहीं बल्कि फूलों की भी खेती हो रही,युवा परंपरागत तरीके से खेती करने के बजाय आधुनिक तरीके से खेती कर रहे

  Rose Farming : छत्तीसगढ़ को धान का कटोरा कहा जाता है, लेकिन अब छत्तीसगढ़ में सिर्फ धान की ही खेती नहीं बल्कि फूलों की भी खेती हो रही है. छ...

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 Rose Farming : छत्तीसगढ़ को धान का कटोरा कहा जाता है, लेकिन अब छत्तीसगढ़ में सिर्फ धान की ही खेती नहीं बल्कि फूलों की भी खेती हो रही है. छत्तीसगढ़ में ऐसे युवाओं की संख्या लगातार बढ़ रही है, जो देश विदेश में IT सहित अन्य क्षेत्रों में काम करने के बाद अब अपने गांव लौटकर खेती को अपना करियर बना रहे हैं.

ये युवा परंपरागत तरीके से खेती करने के बजाय आधुनिक तरीके से खेती कर रहे हैं. गुलाब के फूल की खेती करने में लागत बहुत कम आती है और वहीं अन्य फसलों की अपेक्षा आय भी अधिक होती है. यहीं नहीं फूलों की खेती करने में खेत की उर्वरक क्षमता में भी कोई असर नहीं पड़ता, क्योंकि फसल की पैदावार के लिए कोई भी कीटनाशक दवा का उपयोग नहीं किया जाता है.

 

प्रदेश का गुलाब महानगरों में हो रहे सप्लाई (Rose Farming)

महासमुंद किसान अमर चंद्राकर ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी कर गांव लौटने पर गुलाब की खेती के प्रयोग को आधुनिक तरीके से आगे बढ़ाने का फैसला किया. इस काम में उन्हें सरकार की बागवानी योजना के तहत अनुदान और तकनीक का सहयोग मिला. उद्यान विभाग से फूलों की खेती का प्रशिक्षण लेकर उन्होंने अब गुलाब की खेती का सिलसिला आगे बढ़ाते हुए इसे झरबेरा और सेवंती के फूलों की खेती तक पहुंचा दिया है.आज के समय में रायपुर, मुंबई, नागपुर, कोलकाता और बेंगलुरु आदि महानगरों में सप्लाई होते हैं.

ऐसे ही जगदलपुर से लगे ग्रामीण अंचलों में किसान गुलाब की खेती कर अच्छी खासी कमाई भी कर रहे हैं. सुदर्शन पाटिल बताते हैं कि पॉलीहाउस के अंदर आधुनिक तकनीक द्वारा गुलाबों की खेती की जा रही है. एक एकड़ में करीब 30 हजार गुलाब के पौधे लगते हैं. एक पौधा साल में 25 से 30 फूल देता है, जिनकी बाजार में थोक कीमत चार से पांच रुपये है. यह तो एक उदाहरण है ऐसे कई युवा अब इस आधुनिक खेती के तरीके से जुड़ गए हैं.

गुलाब की सबसे ज्यादा डिमांड

भारतीय फूल उद्योग में गुलाब, रजनीगंधा, ग्लेड्स, एंथुरियम, कार्नेशन, गेंदा आदि फूल शामिल है. फूलों की खेती अत्याधुनिक पाली और ग्रीनहाउस दोनों में की जाती है.खेती-किसानी के क्षेत्र में अनोखा बदलाव देखने को मिल रहा है. आज के समय में गुलाब की काफी ज्यादा डिमांड रहती है.

ऐसे में किसान परंपरागत खेती को छोड़कर इसकी खेती कर सकते हैं. इस समय किसान फूलों की खेती कर लाखों रुपये कमा रहे हैं और किसानों के लिए फूलों की खेती बेहद फायदेमंद साबित हो रही है. सालाना 2-3 लाख रुपये से ज्यादा की कमाई कर रहे है.