Page Nav

HIDE

Grid

GRID_STYLE

Pages

Classic Header

{fbt_classic_header}

Top Ad

ब्रेकिंग :

latest

Breaking News

Automatic Slideshow


78 वर्षीय बुजुर्ग महिला के लिए पोस्टल बैलेट से वोट डालने की व्यवस्था करने हाईकोर्ट ने दिए चुनाव आयोग को निर्देश

  बिलासपुर। 78 वर्षीय बुजुर्ग महिला के लिए पोस्टल बैलेट से वोट डालने की व्यवस्था करने के निर्देश हाईकोर्ट ने चुनाव आयोग को दिए हैं. पोस्टल ब...

Also Read

 बिलासपुर। 78 वर्षीय बुजुर्ग महिला के लिए पोस्टल बैलेट से वोट डालने की व्यवस्था करने के निर्देश हाईकोर्ट ने चुनाव आयोग को दिए हैं. पोस्टल बैलेट से मतदान के लिए बुजुर्ग महिला ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसके बाद हाईकोर्ट बिलासपुर ने यह फैसला दिया.

 


हाईकोर्ट ने महत्वपूर्ण फैसले में कहा है कि मतदान करना भारत के लोंगों का संवैधानिक और मूलभूत अधिकार है. इससे किसी को वंचित नहीं किया जा सकता है. जस्टिस राकेश मोहन पांडेय की एकल पीठ ने चुनाव आयोग को निर्देश देते हुए कहा है कि बिलासपुर निवासी 78 वर्षीय महिला के लिए पोस्टल बैलेट से वोट डालने की व्यवस्था की जाए. कोर्ट ने यह भी कहा है कि जो कोई भी किसी कारण से चलने में असमर्थ है उससे हर बार स्थानीय विकलांगता का प्रमाणपत्र भी नहीं मांगा जा सकता. चुनाव आयोग या जिला प्रशासन चाहे तो ऐसे म़ामलों में पोस्टल बैलेट से वोट देने के आवेदनों की जांच भी कर सकता है, लेकिन मतदान की व्यवस्था तो करनी ही होगी.

दरअसल, बिलासपुर की मुंगेली रोड निवासी 78 वर्षीय सरला श्रीवास्तव ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी, जिसमें बताया गया, कि वह बुजुर्ग होने के साथ ही आर्थराइटिस की मरीज है. चलने फिरने में समर्थ नहीं है. इसलिए उन्हें पोस्टल बैलेट से वोटिंग की अनुमति दी जाए. उन्होंने पोस्टल बैलेट से वोटिंग की अनुमति के लिए बिलासपुर जिला निर्वाचन अधिकारी के पास भी आवेदन किया था, लेकिन नियमों का हवाला देते हुए उसे खारिज कर दिया गया.

याचिका में बताया गया कि जिला निर्वाचन अधिकारी ने पोस्टल बैलेट के लिए आवेदन को यह कहते हुए खारिज कर दिया, कि सरकार ने बुजुर्ग मतदाताओं के लिए पोस्टल बैलट से वोटिंग करने वाले चुनावी नियम में बदलाव किया है. अब केवल 85 साल से ज्यादा उम्र के बुजुर्ग मतदाता ही पोस्टल बैलट से वोटिंग कर सकेंगे. इससे पहले अभी तक 80 साल से ज्यादा उम्र के लोग इस सुविधा के पात्र थे. इसके लिए चुनाव संचालन नियम 1961 में संशोधन किया गया. याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में कहा, कि वोट डालना भारतवंशी के लिए संवैधानिक अधिकार है. इससे किसी को वंचित नहीं किया जा सकता. याचिकाकर्ता के लिए स्वास्थ्य विभाग ने मेडिकल सर्टिफिकेट भी जारी किया है, जिसमें साफ है कि सरला श्रीवास्तव चलने फिरने में सक्षम नहीं है.