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भोरमदेव अभ्यारण में किया गया पूनम अवलोकन

कवर्धा   नाम सुनते ही मन में कौतूहल उत्पन्न होता है कि यह पूनम अवलोकन क्या है। पूर्णिमा तिथि की रात्रि को वन क्षेत्र में किया जाने वाले ग...

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कवर्धा



  नाम सुनते ही मन में कौतूहल उत्पन्न होता है कि यह पूनम अवलोकन क्या है। पूर्णिमा तिथि की रात्रि को वन क्षेत्र में किया जाने वाले गस्त को ही पूनम अवलोकन नाम दिया गया है।  

  वन मंडल अधिकारी श्री शशि कुमार ने बताया कि भोरमदेव अभ्यारण्य अंतर्गत पूनम अवलोकन का शुभारंभ किया जा रहा है। प्रत्येक माह  पूर्णिमा की तिथि पर संपूर्ण अधिकारी एवं कर्मचारी - वन मंडल अधिकारी से लेकर वनरक्षक एवं चौकीदार स्तर तक के कर्मचारी अभ्यारण्य के वन क्षेत्र में पूरी रात पैदल गस्ती  करेंगे। इसी परिपाटी का शुभारंभ 23 अप्रैल की रात्रि से किया गया है। अभयारण्य क्षेत्र में रात्रि गश्त करने के लिए समस्त अधिकारियों एवं कर्मचारियों को शामिल करते हुए कुल 18 दल का गठन किया गया था। प्रत्येक दल के लिए पृथक पृथक गस्ती मार्ग का भी निर्धारण पूर्व से ही कर लिया गया था जिससे की संपूर्ण अभयारण्य क्षेत्र का एक साथ अवलोकन किया जा सके। प्रत्येक दल में न्यूनतम 5 सदस्य रखे गए थे। प्रत्येक दल के द्वारा 15 से 25 किलोमीटर तक की पैदल गस्ती रात्रि 8:00 बजे से सुबह 4:00 बजे के मध्य की गई है। विभिन्न दलों को रात्रि गस्त के दौरान भालू, उल्लू खरगोश गौर तेंदुआ सांप पाम सिवेट चीतल आदि वन्य प्राणी वन क्षेत्र में भ्रमण करते नजर आए।

           पूनम अवलोकन का उद्देश्य वन्य प्राणियों की सुरक्षा अवैध गतिविधियों पर नियंत्रण के साथ-साथ एक साथ पूरे अभ्यारण में गस्त करने से वन्य प्राणियों की अनुमानित संख्या एवं उनके विचरण क्षेत्र के संबंध में भी सटीक जानकारी एकत्र की जा सकेगी। पूर्णिमा की रात्रि को दृश्यता भी अच्छी रहती है इसलिए इस तिथि का चयन अवलोकन हेतु किया गया है इसी क्रम में आगामी माह में भी पूनम अवलोकन का आयोजन किया जाएगा