Page Nav

HIDE

Grid

GRID_STYLE

Pages

Classic Header

{fbt_classic_header}

Top Ad

ब्रेकिंग :

latest

Breaking News

शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती का सरकार के धर्मांतरण कानून पर बड़ा बयान, कहा- यदि हिंदू परिवार दान करे, तो नहीं हो सकता धर्मांतरण

  रायपुर।  छत्तीसगढ़ के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी पंडित लखनलाल मिश्र के गांव पुरी पीठ के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती महाराज पहुंचे....

Also Read

 रायपुर। छत्तीसगढ़ के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी पंडित लखनलाल मिश्र के गांव पुरी पीठ के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती महाराज पहुंचे. वे यहां तीन दिवसीय संगोष्ठी में शामिल होने पहुंचे हैं. इस दौरान शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती ने प्रदेश सरकार के लाए जाने वाले धर्मांतरण कानून पर कहा कि यदि हिंदू परिवार दान करे, समय दे तो धर्मांतरण नहीं हो सकता और धर्म परिवर्तन करने वालों की दाल नहीं गलेगी. वहीं उन्होंने इंडिया गठबंधन को केंद्र सरकार के तोड़ने की कोशिश वाले सवाल पर कहा कि सत्ता लोलुपता और दूरदर्शिता के चपेट से राजनीतिक दल का मुक्त होना कठिन है. चुनाव की प्रक्रिया में यह सब होता है. कांग्रेस भी केंद्र में होती तो वो भी ऐसा ही करती. आज का लोकतंत्र उन्माद तंत्र है. इसके साथ ही शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती ने अन्य मुद्दों पर अपना बयान दिया.शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. जहां उन्होंने पत्रकारों से चर्चा करते हुए धर्म के प्रति ग्रामीणों में जागरूकता को लेकर कहा कि दर्शन, विज्ञान और व्यवहार तीनों दृष्टि से विचार करें तो सनातन सिद्धांत ही सर्वोत्तम है. आधुनिक युग में भी सनातन जीवन शैली सबसे उत्कृष्ट है. वैदिक सिद्धांत का पूरा देश अनुयायी होगा जो लगातार हो रहा है.



बंगाल के संदेशखाली मामले को लेकर निश्चलानंद सरस्वती महाराज ने कहा कि आपराधिक तत्व को कोई सरंक्षण दे वो अनुचित है. उसका समर्थन नहीं किया जा सकता. मातृ शक्ति सुरक्षित रहे, यह हम सबका दायित्व है. सनातन के विरुद्ध भाव पैदा करने का यह विस्फोटक परिणाम है.

बीजेपी सरकार के लाए जाने वाले धर्मांतरण कानून पर शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती ने कहा कि राजनेता गरीबी पालते है. क्रिश्चियन तंत्र को लाभ उठाने देते है यदि हिंदू परिवार दान करे, समय दे तो धर्मांतरण नहीं हो सकता और धर्म परिवर्तन करने वालों की दाल नहीं गलेगी. हिंदू केवल पेट और परिवार तक सीमित ना रहे. मंदिर और मठों को केंद्र बनाकर शिक्षा और रक्षा अर्थ का कार्य करें. अपने क्षेत्र को बचाने के लिए योजना बनाए, इससे धर्मांतरण नहीं होगा.

हिंदू राष्ट्र कब तक बनेगा इस सवाल पर शंकराचार्य ने कहा कि हम लड़ाने भिड़ाने की बात नहीं करते. पर सबके पूर्वक सनातनी वैदिक हिंदू थे, यह ऐतिहासिक तथ्य है. पैगम्बर मोहम्मद, ईसा मसीह के पूर्वज भी हिंदू थे. सनातन सिद्धांत को मानने पर ही व्यक्ति का उत्थान हो सकता है. जहां वर्ण व्यवस्था नहीं है, उस देश में लाचारी है. एटम, रॉकेट और कंप्यूटर, मोबाइल की संरचना भी सनातन सिद्धांत के द्वारा हुई है. हिंदू राष्ट्र की एवज गोवर्धन मठ से ही बुलंद हुई.

राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा का कुछ लोगों के विरोध किए जाने पर शंकराचार्य ने कहा कि मैं एक संकेतकर्ता हूं. राम यथास्थान प्रतिष्ठित हुए अच्छी बात है. 500 वर्षों की समस्या का समाधान हुआ. धार्मिक और आध्यात्मिक क्षेत्र के जो नियम है उनका पालन कराना शासन तंत्र दायित्व है. महत्वाकांक्षी होकर धार्मिक जगत में हस्तक्षेप करना उचित नहीं है.

इंडिया गठबंधन को केंद्र सरकार तोड़ने में लगी है वाले सवाल पर शंकराचार्य निश्चलानंद ने कहा कि सत्ता लोलुपताऔर दूरदर्शिता के चपेट से राजनीतिक दल का मुक्त होना कठिन है. चुनाव की प्रक्रिया में यह सब होता है. कांग्रेस भी केंद्र में होती तो वो भी ऐसा ही करती. आज का लोकतंत्र उन्माद तंत्र है.