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स्वरूपानंद महाविद्यालय में "योगा सूत्रास टू अनविंड स्ट्रेस" विषय पर दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन

भिलाई. असल बात न्यूज़.    स्वरूपानंद महाविद्यालय के शिक्षा विभाग एवं गाइडेंस एंड काउंसलिंग द्वारा "योगा सूत्रास टू अनविंड स्ट्रेस" ...

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भिलाई.

असल बात न्यूज़.   

स्वरूपानंद महाविद्यालय के शिक्षा विभाग एवं गाइडेंस एंड काउंसलिंग द्वारा "योगा सूत्रास टू अनविंड स्ट्रेस" विषय पर दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन महाविद्यालय में किया गया जिसके अंतर्गत प्रथम दिवस कार्यक्रम का शुभारंभ गायत्री मंत्र के उच्चारण के साथ किया गया।

"ॐ भूर्भुवः स्व: तस्य वितुर वरेण्यम भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न प्रचोदयात्" मंत्रोच्चार के साथ योगअभ्यास शुरू किया गया जिसमें योग के एवं प्राणायाम, अनुलोम विलोम, भ्रामरी, सूर्य नमस्कार करवाया गया और अंत में शव आसान के साथ ही योग के महत्व को समझाते हुए योग को विराम दिया गया। इस योग को और प्रभावी बनाने के लिए योग प्रशिक्षिका आयुषी, रिया एवं निधि राणा ने योग के द्वारा तनाव को कम करने और उस पर नियंत्रण करने के लिए अपने अनुभवों को बताया और योग के सरल तरीके को बताया। 

कार्यक्रम के अतिथि श्री धीरज लाल टांक, संयोजक गायत्री शक्ति पीठ दुर्ग ने योग को अपनी दिनचर्या में शामिल करने के लिए बताया एवं जीने की कला को योग से कैसे प्रभावशाली बनाया जा सकता है इस विषय पर जानकारी प्रदान की। 

कार्यक्रम की श्रृंखला को आगे बढ़ाते हुए द्वितीय दिवस की वक्ता जगदगुरु शंकराचार्य महाविद्यालय की स. प्रा. श्रीमती बी. पदमजा, मनोविज्ञान विभाग ने "तनाव "विषय पर अपना व्याख्यान दिया। परीक्षा के समय विद्यार्थियों को होने वाले मानसिक एवं शारीरिक तनाव से संबंधित समस्याओ का समाधान किया उन्होंने बताया आज के व्यस्ततम दिनचर्या में सभी व्यक्ति तनाव से गुजर रहे है। तनाव क्या है ? उसके लक्षण, प्रकार व उसके कारण व उसके मनोवैज्ञानिक, आध्यात्मिक पहलू पर विचार अभिव्यक्त कर उन्होंने वर्तमान समय में तनाव की अधिकता तथा उसके नियंत्रण व कम करने पर जोर दिया ताकि लोग तनाव रहित जीवन जी सके। भगवत गीता का उदाहरण देते हुए बताया तनाव विज्ञान और मनोविज्ञान का मिश्रण है आज की गलत खान-पान, देर तक जागना, मोबाइल व कंप्यूटर पर बैठे रहना मुख्य है जो आपको युवा वर्ग में बहुत सामान्य है इसे अगर दूर नहीं किया गया तो डिप्रेशन, फ्रस्ट्रेशन की समस्या होगी जो बाद में शिजोफ्रेनिया पैरानोमिक जैसे गंभीर मनोवैज्ञानिक समस्याओं को जन्म देगी। 

स्वामी श्री स्वरूपानंद महाविद्यालय के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. दीपक शर्मा व डॉ. मोनीषा शर्मा ने कार्यक्रम की सराहना करते हुए बताया कि आजकल के वर्तमान युग में योग के द्वारा मानव जीवन को सुखी एवं सोच में सकारात्मक परिवर्तन लाया जा सकता है योग के द्वारा अपने जीवन शैली को और प्रभावशाली बनाया जा सकता है कार्यक्रम के प्रशंसा करते हुए महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. हंसा शुक्ला ने योग की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए बताया कि योग सफल जीवन की कुंजी है अतः योग के द्वारा मानव जीवन को स्वच्छ और तनाव मुक्त बनाया जा सकता है। 

शिक्षा विभाग के विभाग अध्यक्ष डॉ. अजरा हुसैन ने बताया योग मनुष्य को आत्मा से जोड़कर सकारात्मक सोच की ओर ले जाने में मददगार होता है।

इस कार्यक्रम को सफल बनाने में शिक्षा विभाग के प्राध्यापक गण एवं विद्यार्थी उपस्थित रहे। प्रा. डॉ. शैलजा पवार के द्वारा मंच संचालन तथा स. प्रा. डॉ. अभिलाषा शर्मा ने धन्यवाद ज्ञापन किया।