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यूपीएससी में 3 बार असफलता के बाद भी हार नहीं मानी, चौथी बार में आखिरकार मिली सफलता

  रायपुर. यूपीएससी में 3 बार मिली असफलता के बाद भी रेल कर्मचारी के सुपुत्र ने हार नहीं मानी और चौथी बार में उन्हें आखिरकार सफलता मिली और अब ...

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 रायपुर. यूपीएससी में 3 बार मिली असफलता के बाद भी रेल कर्मचारी के सुपुत्र ने हार नहीं मानी और चौथी बार में उन्हें आखिरकार सफलता मिली और अब उन्हें छत्तीसगढ़ में IPS कैडर मिला है. हम बात कर रहे है बिलासपुर के रहने वाले अभिषेक चतुर्वेदी की. उनके पिता विनय चतुर्वेदी बिलासपुर जोन में रेलवे कर्मचारी है और वर्तमान में जोनल कंट्रोलर (टीएलसी) है, जबकि मां संगीता चतुर्वेदी एक गृहिणी हैं. उन्हे आईपीएस कैडर 15 जनवरी को अलॉट हुआ है.

आईपीएस अभिषेक ने बिलासपुर से अपनी 12 वीं तक की शिक्षा डीपीएस से की और फिर 2014 में चैन्नई से बीटेक की शिक्षा ग्रहण की. वे वर्तमान में सरदार वल्लभभाई पटेल राष्ट्रीय पुलिस अकादमी हैदराबाद में 11 महीने की ट्रेनिंग में हैं. उन्होंने 2022 यूपीएससी में 179 वां रैंक हासिल किया था.

 बातचीत में उनके पिता कहते है कि

बेटे ने पहले तीन प्रयासों में प्रारंभिक परीक्षा भी उत्तीर्ण नहीं की, जिससे वो थोड़ा निराश हुआ, लेकिन आत्मविश्वास नहीं खोया. परिवार ने बेटे को मोटिवेट किया और आख़िरकार सफल हुए.

इंटरव्यू में पूछा गया ये सवाल…

यूपीएससी पैनल के साथ 35 मिनट तक उनका इंटरव्यू हुआ. इसमें आईपीएस अभिषेक से ये सवाल किया गया कि नक्सल प्रभावित राज्य छत्तीसगढ़ में अगर उन्हें नक्सल प्रभावित जिले में एसपी के रूप में तैनात किया गया तो वह क्या करेंगे? इनका उत्तर उन्होंने ये दिया कि

 सबसे पहले वे आम आदमी और प्रशासन के बीच विश्वास की कमी को दूर करने और विकास कार्यों को बढ़ावा देने का प्रयास करेंगे. ताकि लोगों को लगे कि पुलिस और प्रशासन उनकी सेवा के लिए समर्पित है. उनसे जिला कलेक्टर बनने पर कोविड प्रबंधन के बारे में पूछा गया था.