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बालाजी मंदिर की 49 वीं वर्षगांठ धार्मिक सद्भावना से मनाई गई,कल्याणोत्सव के बाद निकली बालाजी की सवारी

  भिलाई नगर। असल बात न्यूज़।।     दक्षिण भारतीयों के यहां सेक्टर 05 में स्थित प्रमुख धार्मिक स्थल बालाजी मंदिर की 49 वीं वर्षगांठ धूमधाम से ...

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भिलाई नगर।

असल बात न्यूज़।।  

  दक्षिण भारतीयों के यहां सेक्टर 05 में स्थित प्रमुख धार्मिक स्थल बालाजी मंदिर की 49 वीं वर्षगांठ धूमधाम से मनाई गई।  आंध्र साहित्य समिति के तत्वावधान में इस अवसर पर कल्याण महोत्सव मनाया गया। महोत्सव में भगवान बालाजी के संग माता श्रीदेवी-भूदेवी का विवाह वैदिक मंत्रों के बीच कराया गया।  शाम को विशेष रूप से सजे वाहन में श्रीदेवी एवं भूदेवी के साथ भगवान व्येंकटेश की सवारी निकाली गई। मंदिर से आरंभ भगवान बालाजी की सवारी सेक्टर 05 तथा सेक्टर 04 के प्रमुख मार्गों से गुजरते हुए वापस मंदिर में समाप्त हुई। अपने इष्टदेव के स्वागत के लिए सेक्टर 04 की डब्ल्यूएमआर सड़क की सजावट महिलाओं और युवतियों के द्वारा इस दौरान सजाई गई आकर्षक रंगोलियां आकर्षण का केंद्र रही। वहां भगवान की एक झलक पाने के लिए मंदिर परिसर और बाहर भीड़ उमड़ पड़ी थी। पूरे अनुष्ठान में श्रीकाकुलम से पधारे के गोविंद राव तथा के उपेंद्रा नादस्वरम और जी साईं कुमार ने ढोल पर संगति की।

 *विवाह की सारी रस्में निभाई गईं

विवाहोत्सव की तैयारियां सुबह से ही शुरू हो गईं थी। बालाजी भगवान के अभिषेक के लिए जल की व्यवस्था करने पंडित और आंध्र साहित्य समिति के पदाधिकारी तड़के शिवनाथ नदी गए और वहां से कलशों में पानी भरकर लाए। उसके बाद पंडितों ने कलशों को शिरोधार्य करके मंदिर की परिक्रमा की। परिक्रमा के बाद वर के रूप में बालाजी और वधू के रूप में माता श्रीदेवी और भूदेवी की मूर्तियों को श्रृंगारित कर स्थापित किया गया। मूर्तियों की स्थापना के बाद बलाजी और श्रीदेवी-भूदेवी ‌की विधिविधान से पूजा की गई। तत्पश्चात तीनों प्रतिमाओं को नूतन वस्त्र धारण कराए गए। इस दौरान विवाह की सारी रस्में निभाई गईं। जिनमें वस्त्र दान, कन्यादान, माल्यार्पण, मंगलसूत्र धारण, वर-वधुओं के सिर पर तलंब्रालु (अभिमंत्रित अक्षत) डालने तथा दोनों पंडितों द्वारा एक-दूसरे की ओर नारियल लुढ़काने जैसी रस्में शामिल हैं।

 *सबके कल्याण के लिए, जागो! गोविंद जागो

इससे पहले अनुष्ठान की शुरुआत सुप्रभातम् श्लोकों 'उत्तिष्ठोत्तिष्ठ गोविंद, उत्तिष्ठ गरुड़ध्वज, उत्तिष्ठ कमलाकांत, त्रैलोक्यम् मंगलंकुरु .......' से हुई। श्लोकों का सार है, जागो, हे! गोविंद जागो, जिनके ध्वज पर गरुड़ की आकृति है। जागो! माता लक्ष्मी के स्वामी, तीनों लोकों के कल्याण के लिए जागो। सुप्रभातम् के बाद विधिविधान से भगवान बालाजी और दोनों माताओं का अभिषेक कर कलशों का शुद्धीकरण किया गया। तत्पश्चात गोविंदा-गोविंदा के जयकारों के बीच शतकलशाभिषेक तथा सहस्त्र नामार्चना संपन्न हुई। इस अवसर पर भक्तों के लिए महाभोग की व्यवस्था भी की गई थी।

 *कोलाटम नृत्य ने जीता सबका दिल

नगर भ्रमण के दौरान आंध्र महिला मंडली की अध्यक्ष पेरि पद्मा की अगुवाई में पारंपरिक वेशभूषा में महिलाओं ने गरबा की तर्ज पर कोलाटम नृत्य पेश किया, जिसने सभी का दिल जीत लिया। अनुष्ठान को सफल बनाने में अध्यक्ष पीवी राव, सचिव पीएस राव, कोषाध्यक्ष टीवीएन शंकर, संयुक्त सचिव एनएस राव, कार्यकारिणी सदस्य दुर्योधन रेड्डी, के लक्ष्मीनारायण, जेके  राजू, न्यास समिति सदस्य एम पद्मकिशोर एवं वीवीएस श्रीधर ने विशेष योगदान दिया। इस मौके पर अभा तेलुगु सेना के प्रदेशाध्यक्ष नीलम चन्नाकेशवुलु एवं मीडिया प्रभारी टी सहदेव विशेष रूप से उपस्थित थे।