अदानी ग्रुप के शेयरों पर इन दिनों ग्रहण लगा हुआ है. शेयरों में लगातार बिकवाली की वजह से अडानी समूह की कंपनियों का बाजार मूल्य 132 अरब डॉ...
अदानी ग्रुप के शेयरों पर इन दिनों ग्रहण लगा हुआ है. शेयरों में लगातार बिकवाली की वजह से अडानी समूह की कंपनियों का बाजार मूल्य 132 अरब डॉलर या 10.92 लाख करोड़ रुपये गिर गया है. इसमें सबसे बड़ा झटका अडानी टोटल गैस को लगा है. 4,000 रुपए का यह शेयर घटकर 922 रुपए पर आ गया है. यह शेयर पिछले महीने की 27 तारीख से लगातार लोअर सर्किट को छू रहा है.
ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पहले इसका लोअर सर्किट 20 फीसदी था, लेकिन बिकवाली काफी तेज होने के बाद इसे घटाकर 5 फीसदी कर दिया गया. हालांकि, इससे भी कोई फर्क पड़ता नहीं दिख रहा है.
मनीकंट्रोल में प्रकाशित एक लेख में पाइपर सेरिका एडवाइजर्स प्राइवेट लिमिटेड के फंड मैनेजर अभय अग्रवाल का कहना है कि अडानी टोटल गैस मौलिक और तकनीकी दबाव में है, जिसके कारण यह तेज गिरावट आई है. उन्होंने आगे कहा कि यूरोपीय गैस की कीमतों में गिरावट ने कंपनी पर अतिरिक्त दबाव डाला है, जिससे इसके मुनाफे पर असर पड़ने की आशंका है.
बहुत बुरी हालत
ब्लूमबर्ग के मुताबिक, इस शेयर का फ्लोट घटकर 19 फीसदी पर आ गया है. यह अडानी विल्मर को छोड़कर समूह की अन्य सभी कंपनियों में सबसे कम है. यहां फ्लोट का मतलब है कि इस कंपनी के कितने शेयर वास्तव में बाजार में ट्रेडिंग के लिए उपलब्ध हैं. हालांकि, 10-25 फीसदी का स्टॉक फ्लोट स्वीकार्य माना जाता है.
शेयरों ने अपने मूल्य का 3/4 खो दिया
फोरेंसिक फाइनेंशियल रिसर्च कंपनी हिंडनबर्ग की एक रिपोर्ट सामने आने के बाद अडानी ग्रुप के शेयरों में भारी बिकवाली हुई. 24 जनवरी को आई इस रिपोर्ट के बाद से अब तक कंपनी के शेयरों की वैल्यू 3/4 घट चुकी है.
इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अडानी ग्रुप ने धोखे से अपनी कंपनियों का ज्यादा वैल्यूएशन दिखाया और स्टॉक मैनिपुलेशन किया. हिंडनबर्ग खुद को एक्टिविस्ट शॉर्ट सेलिंग कंपनी के रूप में वर्णित करता है. उन्होंने अडानी के शेयरों में शॉर्ट पोजिशन ली है. यानी अगर कंपनी के शेयर नीचे जाते हैं तो उसे फायदा होगा.