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भूपेश सरकार की लूट और कांग्रेस के अंदर की फूट इस अधिवेशन में सामने आ गई : पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह

 *पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने की पत्रकार वार्ता, भाजपा नेताओं की हत्या की जांच और केंद्रीय योजनाओं पर दिया बयान रायपुर । असल बात न्यूज़...

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 *पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने की पत्रकार वार्ता, भाजपा नेताओं की हत्या की जांच और केंद्रीय योजनाओं पर दिया बयान

रायपुर ।

असल बात न्यूज़।। 

 पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह ने कहा है कि बस्तर में भारतीय जनता पार्टी के नेताओं की हत्या को लेकर छत्तीसगढ़ के पुलिस महानिदेशक ने एनआईए को पत्र लिखकर जांच करने की मांग की है।  2013 के झीरम घाटी हत्याकांड, जब केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी तब की जांच के लिए एनआईए को चुना गया था लेकिन तब भूपेश बघेल ने एनआईए से किनारा करते हुए अलग से एसआईटी बना कर झीरम घाटी हत्याकांड की जांच पर जोर दिया था, आज वही भूपेश बघेल बस्तर में भाजपा के नेताओं की हत्या से पल्ला झाड़ने के लिए एनआईए को पत्र लिखकर उन पर विश्वसनीयता भी जता रहे है और उनसे जांच की मांग भी कर रही है।


पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने ये बातें यहां पत्रकार वार्ता लेकर कही है। उन्होंने आगे कहा कि आज प्रदेश में 16 लाख आवास नहीं बन पाए हैं, केंद्र की मोदी सरकार आवास और जल जीवन मिशन जैसी योजनाएं लागू करती है लेकिन भूपेश बघेल राज्यांश से पीछे हटकर इन योजनाओं का लाभ आम जनता को मिलने नहीं दे रहे हैं। इसके साथ ही कांग्रेस के राष्ट्रीय अधिवेशन के विषय पर उन्होंने कहा कि "भूपेश सरकार की लूट और कांग्रेस के अंदर की फूट इस अधिवेशन में सामने आ गई है" प्रदेश अध्यक्ष और आदिवासी नेता मोहन मरकाम की फोटो बाद में पोस्टर में चिपकाकर भूपेश बघेल ने बता दिया है कि कांग्रेस में आदिवासी नेताओं का कितना सम्मान है। पहले टीएस सिंह देव को किनारे किया गया और अब मोहन मरकाम को किनारे करके अधिवेशन में यह दिखाने की कोशिश की जा रही है छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल के अलावा कांग्रेस में कोई दूसरा नेता नहीं है।


इसके उपरांत पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने कहा कि पिछले 1 महीने में भारतीय जनता पार्टी के 4 नेताओं की हत्या हुई है, प्रमुख नेताओं को टारगेट करके उनकी हत्या की जा रही है।

 उन्होंने आगे कहा कि पूरे प्रदेश और बस्तर में भारतीय जनता पार्टी की गतिविधियां बढ़ी हैं और लगातार हो रहे आंदोलन से कांग्रेस में बौखलाहट है और यह एक तरह का षड्यंत्र का हिस्सा प्रतीत होता है। जिससे भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं के मन में भय उत्पन्न कर दिया जाए ताकि वह बस्तर में भ्रमण ना कर सके और सड़क पर उतर कर कार्य न कर सके। यह पूरा परिदृश्य चुनाव को प्रभावित करने के लिए साजिश का हिस्सा लग रहा है। गौरतलब है कि बस्तर में हुई भाजपा नेताओं की हत्या के विरोध में कल 17 फरवरी को भारतीय जनता पार्टी छत्तीसगढ़ में चक्का जाम कर अपना विरोध प्रदर्शन करने जा रही है।