रायपुर । असल बात न्यूज़।। 00 विधि संवाददाता अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश द्वितीय पॉक्सो फास्टट्रैक विशेष न्यायालय रायपुर राकेश कुमार ...
रायपुर ।
असल बात न्यूज़।।
00 विधि संवाददाता
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश द्वितीय पॉक्सो फास्टट्रैक विशेष न्यायालय रायपुर राकेश कुमार सोम के न्यायालय ने आरोपी को पोक्सो एक्ट के अंतर्गत दोषी पाए जाने पर 5 साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। मामले में एक आरोपी को दोष प्रमाणित नहीं पाए जाने पर दोष मुक्त घोषित कर दिया गया।
प्रकरण के तथ्य इस प्रकार है कि 18 वर्ष से कम आयु के पीड़िता गण को अश्लील शब्द उच्चारित कर उन्हें व अन्य सुनने वालों को छोम कारित किया। लज्जा भंग करने के आशय से उनपर पर आपराधिक बल एवं हमले का प्रयोग कर उनकी एकांतता का अतिक्रमण करते हुए शब्द उच्चारित किया। पीड़ितागण को बिना प्रवेशन शारीरिक संपर्क अंतर्गत शब्द उच्चारित कर उन पर लैंगिक हमला एवं उत्पीड़न कारित किया। घटना के दिन पीड़ितगण वहां बैठी थी कि आरोपी का साथी राजा साहू वहां आया और आरोपी परमानंद साहू उर्फ़ बोनू साहू उम्र 36 वर्ष निवासी पुराना चंगोराभाठा रायपुर से बात करने के लिए जबरदस्ती अपना मोबाइल उसे देने लगा। वह मना की तो थोड़ी देर बाद आरोपी बोनू साहू वहां आ गया और गंदी गंदी गालियां देने लगा ।वह और उसकी बहन ने विरोध किया तो आरोपी भाग गया।आरोपी उसके बाद उनके घर भी पहुंच गया और उसे बेइज्जत करके फिर छेड़छाड़ किया।
अभियोजन पक्ष आरोपित टिकेश्वर साहू उर्फ राजा के विरुद्ध अपराध प्रमाणित करने में सफल नहीं रहा। न्यायालय के द्वारा उसे दोषमुक्त घोषित कर दिया गया। न्यायालय के द्वारा अभियुक्त बोनू साहू को अपराध दोष सिद्ध पाए जाने पर भारतीय दंड संहिता की धारा 354 के लिए 3 वर्ष का सश्रम कारावास और लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम की धारा 8 के अपराध के लिए 5 वर्ष का सश्रम कारावास एवं ₹500 अर्थदंड तथा धारा 12 के तहत तीन वर्ष का सश्रम कारावास और ₹500 अर्थदंड की सजा सुनाई गई है। यह सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी ।
नोट --माननीय न्यायाधीशगणों के न्याय निर्णय समाज में कानून तोड़ने वालों को बड़ा सबक देते हैं। असल बात न्यूज़ के द्वारा कानून और अपराध के बारे में अधिक से अधिक जानकारियां सब तक पहुंचाने की कोशिश की जा रही है। पॉक्सो एक्ट के अपराधों और सजा से संबंधित अधिक से अधिक जानकारियों को खासतौर पर हम, युवाओं तक पहुंचाने की कोशिशो में लगे हुए हैं। ताकि उन्हें इस कानून की जानकारी और समझ हो सके। जिससे कि वे समझदारी और संयम से आगे बढ़ते हुए कोई अपराध कारित करने से बच सकें। युवाओं को अपराधों के घेरे में पहुंचने से बचाया जा सके। क्षणिक उतावलेपन, लापरवाही,असंयम और जोश के फलस्वरूप पोक्सो एक्ट से संबंधित अपराध करने वाले युवा सजग होकर ऐसे अपराधों को कारित करने से दूर रह सके। हम अपने इस जन जागरूकता अभियान को माननीय विद्वान न्यायाधीशो के न्याय निर्णयों की नई जानकारियां सब तक पहुंचा कर और विद्वान अधिवक्ताओं के सहयोग से आगे बढ़ाने के प्रयासों में लगे हुए हैं। माननीय न्यायाधीशगणों के वर्तमान न्याय निर्णयों से भी जागरूक होकर समझा जा सकता है कि असंयम और पोक्सो एक्ट के कानून तोड़ने से किस तरह की सजा भुगतनी पड़ सकती है।