उच्च न्यायालय ने महत्वपूर्ण फैसले में कहा है कि ‘केंद्रीय सशस्त्र बल (सीएपीएफ) में कार्यरत अधिकारियों सहित सभी कर्मी आवास भत्ता (एचआरए) ...
उच्च न्यायालय ने महत्वपूर्ण फैसले में कहा है कि ‘केंद्रीय सशस्त्र बल (सीएपीएफ) में कार्यरत अधिकारियों सहित सभी कर्मी आवास भत्ता (एचआरए) पाने का हकदार है। न्यायालय ने यह फैसला देते हुए गृह मंत्रालय और वित्त मंत्रालय को सीएपीएफ में कार्यरत सभी अधिकारियों और कर्मियों को उनके रैंक के हिसाब से आवास भत्ता का लाभ देने का आदेश दिया है। अब तक सशस्त्र पुलिस बलों में अधिकारी रैंक से नीचे के कर्मिक (पीबीओआर) को ही आवास भत्ता का लाभ दिया जाता था।
जस्टिस सुरेश कैट और सौरभ बनर्जी की पीठ ने दोनों मंत्रालयों को छह सप्ताह के भीतर सीएपीएफ के सभी स्तर के अधिकारियों, कर्मचारियों को आवास भत्ता का लाभ उनके पद के अनुसार देने के लिए समुचित कदम उठाने का आदेश दिया है। पीठ ने केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) और सीमा सुरक्षा बल के समूह- ए वर्ग के अधिकारियों की ओर से दाखिल याचिकाओं का निपटारा करते हुए यह महत्पूर्ण फैसला दिया है।
सीएपीएफ में सीआरपीएफ, बीएसएफ जैसे सशस्त्र बल शामिल हैं। मौजूदा समय में सशस्त्र पुलिस बलों में अधिकारी रैंक से नीचे के कर्मियों (पीबीओआर) को हीं आवास भत्ता का लभा दिया जाता था, जबकि भारतीय सेना, वायु सेना और नौसेना में सभी रैंक के कर्मियों को आवास भत्ता का लभा दिया जाता है।
पीठ ने अपने फैसले में कहा है कि सरकार को आवास भत्ता देने के लिए सामान्य क्षेत्रों में तैनात विभिन्न सशस्त्र बलों के कर्मियों के लिए अलग-अगल और भेदभावपूर्ण दृष्टिकोण अपनाने की अनुमति नहीं दी जा सकती है। शुक्रवार को पारित अपने फैसले में न्यायालय ने कहा है कि आवास भत्ता का लाभ सिर्फ पीबीओआर तक ही सीमित नहीं होगा बल्कि सभी कर्मियों को उनके पद के हिसाब से उनकी पात्रता के अनुसार विस्तारित किया जाएगा।