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सर्द हवाओं ने मैदानी इलाकों में बढ़ाई गलन, दिल्ली-एनसीआर घने कोहरे की गिरफ्त में घिर

  दिल्ली-एनसीआर में हाड़ कंपा देने वाली ठंड और शीतलहर चलने का सिलसिला जारी है। मंगलवार सुबह ठंड के कारण कई जगहों पर घना कोहरा देखा गया और ...

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दिल्ली-एनसीआर में हाड़ कंपा देने वाली ठंड और शीतलहर चलने का सिलसिला जारी है। मंगलवार सुबह ठंड के कारण कई जगहों पर घना कोहरा देखा गया और न्यूनतम तापमान 7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। घने कोहरे के कारण विजिबिलिटी घटकर 50 मीटर तक पहुंच गई है, जिससे सड़क और रेल यातायात प्रभावित हो रहा है। इससे पहले सोमवार को मौसम विभाग ने दिल्ली में कोल्ड डे/सीवियर कोल्ड डे स्थितियों की भविष्यवाणी की थी।

मौसम विज्ञानियों ने बताया कि उत्तर पश्चिम से मैदानों को पार कर आने वाली सर्द हवाओं की वजह से दिन के तापमान में गिरावट आने से गलन बढ़ रही है और कोहरा छा रहा है।

मौसम कार्यालय के मुताबिक 'ठंडा दिन' उस दिन को कहते हैं जब न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस या उससे कम हो और अधिकतम तापमान सामान्य से कम से कम 4.5 डिग्री नीचे दर्ज हो। कड़ाके की ठंड वाले दिन का अभिप्राय है कि अधिकतम तापमान सामान्य से 6.5 डिग्री नीचे दर्ज हो। 

मौसम विभाग ने सोमवार दोपहर 3.30 बजे एक बुलेटिन में कहा था कि पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली और पश्चिमी राजस्थान के कुछ हिस्सों में कोल्ड डे/सीवियर कोल्ड डे की स्थिति और उत्तराखंड के अलग-अलग इलाकों में 26 और 27 दिसंबर को कोल्ड डे की स्थिति की संभावना है। मौसम विभाग ने दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में घने से बहुत घने कोहरे की भविष्यवाणी भी की थी।

आईएमडी ने सोमवार को कहा कि हल्की हवा और निचले क्षोभमंडल स्तरों में उच्च नमी के कारण, अगले 48 घंटों के दौरान उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ और दिल्ली और पश्चिम राजस्थान के कुछ हिस्सों में घना से बहुत घना कोहरा जारी रहने की संभावना है।

इससे पहले सोमवार को राजधानी दिल्ली शीतलहर और कोहरे की चपेट में रही। मौसम विभाग ने सोमवार को कहा था कि दिल्ली में रविवार को न्यूनतम तापमान 5.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि उत्तर भारत के अधिकांश हिस्सों में तापमान 3 से 7 डिग्री सेल्सियस के बीच दर्ज किया गया।

दो साल बाद हुई इतनी ठंड

मौसम विभाग के अनुसार, सफदरजंग वेधशाला में सोमवार को न्यूनतम तापमान सामान्य से 3 डिग्री कम 5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। अधिकतम तापमान के सामान्य से 6 डिग्री कम 15.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। मौसम कार्यालय के मुताबिक, 18 दिसंबर 2020 के 15.2 डिग्री अधिकतम तापमान के बाद दिसंबर में सबसे कम अधिकतम तापमान दर्ज किया गया। वहीं, पालम वेधशाला में न्यूनतम तापमान 6.5डिग्री दर्ज किया गया जबकि अधिकतम तापमान 12.5 डिग्री रहा जो सामान्य से नौ डिग्री कम रहा। दक्षिण पश्चिम दिल्ली के जफरपुर में न्यूनतम तापमान 4.2 डिग्री और अधिकतम तापमान 11 डिग्री दर्ज किया गया जो सामान्य से 10 डिग्री कम रहा।

स्काईमेट वेदर के उपाध्यक्ष (मौसम विज्ञान एवं जलवायु परिवर्तन) महेश पलावत ने बताया कि पश्चिमी विक्षोभ की वजह से 25-26 दिसंबर को पहाड़ी इलाकों में ताजी बर्फबारी हुई है और पश्चिमोत्तर से ठंडी हवाएं मैदानों से होकर राष्ट्रीय राजधानी पहुंच रही हैं। उन्होंने कहा कि पश्चिमी विक्षोभ की वजह से आर्द्रता का स्तर बढ़ गया है और इसकी वजह से घना कोहरा छाया एवं सूर्य की रोशनी मद्धिम हुई एवं तापमान में गिरावट आई। पलावत ने कहा कि सर्द हवाओं की वजह से हवा के संपर्क में त्वचा के आने पर ऊष्मा घटने की दर भी बढ़ गई है। उन्होंने बताया कि ठंडी हवाओं की वजह से बाहर जाने पर व्यक्ति को अधिक ठंड महसूस होती है।

आईएमडी के अनुसार, दृश्यता शून्य से 50 मीटर के बीच रहने पर 'बेहद घना कोहरा', 51 मीटर से 200 मीटर के बीच 'घना कोहरा', 201 मीटर से 500 मीटर के बीच 'मध्यम कोहरा' और 501 से 1,000 मीटर के बीच रहने पर 'हल्का कोहरा' माना जाता है।

आईएमडी के अनुसार, न्यूनतम तापमान चार डिग्री सेल्सियस तक पहुंचने पर शीत लहर की घोषणा की जाती है। शीतलहर की घोषणा तब भी की जाती है जब न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस या उससे कम हो और सामान्य से 4.5 डिग्री कम हो। वहीं, न्यूनतम तापमान के दो डिग्री सेल्सियस रहने या सामान्य से 6.4 डिग्री सेल्सियस से अधिक रहने पर ''भीषण'' शीतलहर की घोषणा की जाती है।

दिल्ली में इस सर्दी बिजली की मांग रिकॉर्ड 4,803 मेगावाट पर पहुंची

नई दिल्ली। कड़ाके की ठंड पड़ने के साथ दिल्ली में सोमवार को बिजली की अधिकतम मांग 4,803 मेगावाट पर पहुंच गई। यह इस मौसम में सर्वाधिक मांग है। दिल्ली में बिजली वितरण करने वाली टाटा पावर दिल्ली डिस्ट्रिब्यूशन लि. (टाटा पावर डीडीएल) और बीएसईएस ने कहा कि उन्होंने बिजली की मांग को सफलतापूर्वक पूरा किया है।

दिल्ली स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर की वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार, सुबह 10.22 बजे बिजली की अधिकतम मांग 4,803 मेगावाट पर पहुंच गई।

बीएसईएस के एक अधिकारी ने कहा, ''ठंड बढ़ने के साथ दिल्ली में बिजली की अधिकतम मांग सोमवार को सुबह 4,803 मेगावाट पर पहुंच गयी जो इस मौसम की सर्वाधिक मांग है। बीएसईएस के क्षेत्रों...बीएसईएस राजधानी पावर लि. (बीआरपीएल) में बिजली की अधिकतम मांग 2,074 मेगावाट और बीएसईएस यमुना पावर लि. (बीवाईपीएल) के क्षेत्र में मांग 967 मेगावाट रही।''

वहीं टाटा पावर डीडीएल ने बयान में कहा कि उसने अपने वितरण क्षेत्र उत्तरी दिल्ली में इस सर्दी में अबतक की रिकॉर्ड 1,521 मेगावाट बिजली की मांग को सफलतापूर्वक पूरा किया है। कंपनी के सीईओ गणेश श्रीनिवास ने कहा कि हमने अनुमानित अधिकतम मांग को पूरा करने के लिए बिजली की अतिरिक्त व्यवस्था की है। साथ ही, हम भरोसेमंद बिजली आपूर्ति प्रदान करने को लेकर मांग के पूर्वानुमान के लिए स्मार्ट प्रौद्योगिकी का भी उपयोग कर रहे हैं। 

बीएसईएस के अनुसार, दिल्ली में इस साल बिजली की अधिकतम मांग दिसंबर, 2021 और दिसंबर, 2020 के मुकाबले अधिक है। जहां बीते साल दिसंबर में बिजली की अधिकतम मांग 4,723 मेगावाट थी, वहीं 2020 में यह 4,671 मेगावाट थी।

कंपनी के एक अधिकारी ने कहा कि बीएसईएस ने बिजली की अधिकतम मांग को पूरा करने के लिए सभी तैयारियां कर ली हैं। ठंड के महीनों में बिजली की सुचारू आपूर्ति के लिए, बिजली के पर्याप्त इंतजाम किए गए हैं। दीर्घकालीन आधार पर बिजली खरीद समझौतों के तहत, बीएसईएस को मांग के हिसाब से पर्याप्त बिजली मिलेगी। उन्होंने कहा, ''बिजली की मांग को पूरा करने में स्वच्छ ऊर्जा की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। कंपनी बिजली की मांग का अनुमान लगाने के लिए कृत्रिम मेधा और मशीन लर्निंग जैसी अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी समेत मौसम अनुमान लगाने की तकनीक का उपयोग कर रही है।