मनी लांड्रिंग के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने प्रदेश के छह शहरों में 16 कारोबारियों और अधिकारियों के ठिकाने पर दबिश दी है। ईडी की...
मनी लांड्रिंग के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने प्रदेश के छह शहरों में 16 कारोबारियों और अधिकारियों के ठिकाने पर दबिश दी है। ईडी की टीम ने मंगलवार सुबह छह बजे रायपुर, दुर्ग-भिलाई, महासमुंद, बिलासपुर, रायगढ़ और कोरबा में एक साथ कार्रवाई की। कोयला कारोबारी, रियल एस्टेट कारोबारी, सीए और सरकारी अधिकारियों के ठिकानों पर जांच जारी है। इन छापों में चार करोड़ नगद बरामद हुआ है। ईडी के सूत्रों ने बताया कि राज्य के खनिज विभाग ने इसी साल जुलाई में कोयला कारोबार सेे जुड़ी कुछ कंपनियों की जांच की थी। अवैध खनन के कुछ मामलों में पुलिस में प्रकरण भी दर्ज कराए गए थे। इसी आधार पर ईडी ने मंगलवार को कार्रवाई शुरू की है।
बताया गया है कि मुख्यमंत्री कार्यालय में पदस्थ एक अधिकारी के अलावा प्रदेश के तीन आइएएस अधिकारी रानू साहू, जयप्रकाश मौर्या और समीर बिश्नोई के सरकारी आवास पर टीम पहुंची है। रायगढ़ कलेक्टर रानू साहू के सरकारी आवास को सीआरपीएफ जवानों की मौजूदगी में ईडी की टीम ने कब्जे में ले लिया है। उनके पति और खनिज विभाग के संचालक जयप्रकाश मौर्या और खनिज विभाग के पूर्व संचालक समीर बिश्नोई से भी पूछताछ की जा रही है। ईडी की टीम ने महासमुंद के पूर्व विधायक अग्नि चंद्राकर, उनके दामाद कोयला कारोबारी सूर्यकांत तिवारी, एलके तिवारी, नवनीत तिवारी, लक्ष्मी तिवारी, रजनी तिवारी, बादल मक्कड़, सन्नी लूनिया, अजय नायडू के आवास में जांच शुरू की है। रायपुर में देवेंद्र नगर में सीए अजय मालू, कोयला कारोबारी सुनील अग्रवाल, शराब कारोबारी प्रिंस भाटिया की भी जांच चल रही है। खनिज विभाग के डिप्टी डायरेक्टर शिव शंकर नाग से पूछताछ की गई है।
ईडी के दिल्ली, मुंबई और कोलकाता से आए पांच डिप्टी डायरेक्टर और एक दर्जन से ज्यादा असिस्टेंट डायरेक्टरों की मौजूदगी में जांच चल रही है। बताया जा रहा है कि दो आइएएस अधिकारियों ने हाल ही में धमतरी के कुस्र्द में जमीन में निवेश किया है। यह जमीन रायपुर से विशाखापट्टनम भारत माला प्रोजेक्ट के रास्ते में खरीदी गई है। जांच में ईडी की टीम को जमीन के दस्तावेज भी मिले हैं।
उच्च प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार, खनिज विभाग के अधिकारी सोमवार को प्रदेश के कोल ब्लाक की नीलामी को लेकर केंद्रीय अधिकारियों के साथ बैठक कर रहे थे। उसी समय ईडी की टीम उनके घर का पता तलाश रही थी। बाहरी प्रदेश से पहुंचे ईडी अधिकारियों ने सोमवार देर रात तक सभी ठिकानों की खोज पूरी कर ली थी और मंगलवार सुबह छह बजे एक साथ सभी स्थान पर धावा बोला।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने उत्तर प्रदेश रवाना होने से पहले एयरपोर्ट पर मीडिया से चर्चा में कहा कि यह आखिरी छापा नहीं है। चुनाव तक ये बार-बार आएंगे। भाजपा सीधे लड़ नहीं पा रही है, तो ईडी, आइटी, डीआरआइ के माध्यम से लड़ने की कोशिश कर रही है। जनता जान चुकी है कि भाजपा सेंट्रल एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है। यह डराने-धमकाने का ही काम है, उसके अलावा कुछ नहीं है। मैं पहले ही कह चुका हूं कि साढ़े छह हजार करोड़ का चिटफंड कंपनियों में लोगों का पैसा डूबा है। उसे संज्ञान में लें, लेकिन ये उसमें कुछ नहीं करेंगे।