पुरात्तव, धार्मिक, जनआस्था का प्रतीक भोरमदेव मंदिर में कावंरियों एवं श्रद्धालुओं द्वारा पदयात्रा कर भगवान शिव में जलाभिषेक करने की परंपरा सदियों से चली आ रही है। कबीरधाम जिले में प्रति वर्ष की भांति पिछले दो वर्षो बाद इस वर्ष श्रावण मास के प्रथम सोमवार को भोरमदेव पदयात्रा की तैयारी पूरा कर ली गई है। छत्तीसगढ़ के खजुराहो के नाम से प्रसिद्ध भोरमदेव मंदिर में  सोमवार 18 जुलाई को बुढ़ा महादेव मंदिर से भोरमदेव मंदिर तक 18 किलोमीटर की पदयात्रा सुबह 7 बजे से प्रारंभ होगी। सदियों से चली आ रही यह पदयात्रा प्रशासनिक तौर पर आमजनों के सहयोग से कवर्धा के बुढ़ामहादेव मंदिर से 2008 से अनवरत जारी है। श्रद्धालुओं एवं पदयात्रियों के जन स्वास्थ्य सुविधा एवं विश्राम हेतु अन्य व्यवस्था भी जिला प्रशासन द्वारा की गई है।
केबिनेट मंत्री श्री मोहम्मद अकबर के मंशानुरूप कलेक्टर श्री जनमेजय महोबे के निर्देश पर जिला प्रशासन द्वारा इस पदयात्रा और पदयात्रा में शामिल होने वाले भक्तों के लिए स्वास्थ्य सहित अन्य सुविधाएं की तैयारियां पूरी कर ली गई है। साथ ही जिले से बाहर से आने वाले पदयात्रियों के लिए रोड़ मैप भी तैयार किया गया है। सम्पूर्ण पदयात्रा के लिए डीजे साउंड बाक्स तथा स्वास्थ्य विभाग का चलित एम्बुलेंस रहेंगा। श्रद्धालुओं की स्वास्थ्य परीक्षण एवं कोरोना वैक्सीन लगाने की व्यवस्था किया गया है। वन विभाग द्वारा ग्राम छपरी(गौशाला) एवं भोरमदेव मंदिर परिसर के अंदर वृक्षारोपण कराया जाएगा।

पदयात्रा मार्ग में प्रशासन द्वारा श्रद्धालुओं के लिए विभिन्न स्थानों पर शीतल पेयजल और नास्ता की व्यवस्था रखी गई है :-

1. सकरी नदी विद्युत केन्द्र के पास 2. ग्राम समनापुर 3. ग्राम बरपेलाटोला 4. ग्राम रेंगाखारखुर्द 5. ग्राम कोडार 6. ग्राम राजानवागांव 7.  ग्राम बाघुटोला 8. ग्राम छपरी(गौशाला) 9. भोरमदेव मंदिर परिसर में व्यवस्था की गई है।

भोरमदेव मंदिर परिसर के आस-पास कंवरियों के ठहरने के लिए भवन की व्यवस्था :-

1. कंवरिया भवन 2. ग्राम पंचायत के पास बैगा भवन 3. आदिवासी भवन 4. शांकम्भरी भवन 5. ग्राम पंचायत भवन में वाटर प्रुफ टेंट की व्यवस्था 6. मड़वा महल मोड़ के पास धर्मशाला भवन में टेंट में ठहरने की और शौचालय की व्यवस्था की गई है।

भगवान शिव के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं के लिए की गई विशेष व्यवस्था

श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए गर्भगृह से भगवान के लाईव दर्शन के लिए एलईडी की व्यवस्था की गई है। जिस प्रवेश द्वार पर महिला एवं पुरूष का स्थान रखा गया है। उस द्वार का उपयोग कर भगवान भोलेनाथ का दर्शन करने के लिए किया जाएगा।

पदयात्रा के सफल आयोजन के लिए श्रद्धालुओं से की गई अपील

भोरमदेव मंदिर के आस-पास पॉलीथीन एवं प्लास्टिक युक्त सामग्री का उपयोग नही करने की अपील की गई है। कंवरिया एवं श्रद्धालुओं से प्लास्टिक, चावल, फुल किसी भी मुर्ति में नहीं डालने कहा गया है।