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कृमि से छुटकारा सेहतमंद भविष्य हमारा” ः कृमि मुक्ति दिवस पर अतिथि व्याख्यान का आयोजन

  भिलाई। असल बात न्यूज़।। स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय में रसायन विभाग द्वारा राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस पर अतिथि व्याख्यान का...

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भिलाई।

असल बात न्यूज़।।

स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय में रसायन विभाग द्वारा राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस पर अतिथि व्याख्यान का आयोजन किया गया जिसमें वक्ता के रूप में श्सदीप मेश्राम, सहायक जिला नोडल अधिकारी एवं प्रभारी महामारी नियंत्रण अधिकारी, जिला-बालोद थे  l

कार्यक्रम का संचालन करते हुए डॉ. मिथिलेश ने कहा कि प्रति वर्ष राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस 10 फरवरी को मनाया जाता है उन्होंने कृमि मुक्ति दिवस के महत्व को समझाते हुए यह बताया कि यह 1 से 19 वर्ष की आयु के बच्चे इस संक्रमण के प्रति अत्यधिक संवेदनशील होते हैं  l

रसायन शास्त्र विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ रजनी मुदलियार ने कार्यक्रम के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि युवाओं तथा बच्चों में कृमि संक्रमण के विषय में जागरूक होना अति आवश्यक है  l

महाविद्यालय के सीओओ डॉ. दीपक शर्मा ने “वर्म फ्रीचिल्ड्रन हेल्थी चिल्ड्रन” का स्लोगन देते हुए कार्यक्रम को महत्वपूर्ण बताया तथा कार्यक्रम की सराहना की l

प्राचार्या डॉक्टर हंसा शुक्ला ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं में कृमि संक्रमण के प्रति जागरूकता की आवश्यकता है l उप प्राचार्य डॉ अजरा हुसैन ने बताया कि इस प्रकार के संक्रमण से बचाव के लिए अपने खान पान रहन सहन ने स्वच्छता का पालन करना चाहिए l

कार्यक्रम के अतिथि व्याख्याता श्री संदीप मेश्राम ने “कृमि से छुटकारा सेहतमंद भविष्य हमारा” स्लोगन से पावर पॉइंट प्रस्तुतीकरण के साथ अपने उदबोधन में श्री संदीप मेश्राम ने बताया कि कृमि संक्रमण को मेडिकल भाषा में “हेल्मिन्थीएसिस” कहा जाता है l उन्होंने बताया कि कृमि संक्रमण दो प्रकार का होता है प्रारंभिक अवस्था तथा विकसित अवस्था कृमि संक्रमण की विकसित अवस्था 1 से 19 वर्ष तक के बच्चों पर गंभीर प्रभाव डालता है तथा यह घातक भी हो सकता है  l

कृमि संक्रमण के हानिकारक प्रभावों की जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि यदि गर्भवती महिला क्रीमी से संक्रमित होती है तो उस से जन्म लेने वाला शिशु मानसिक रूप से पूर्णतया विकसित नहीं हो पाता  l  इसकी रोकथाम के लिए उन्होंने बताया कि हमें अपने आसपास के वातावरण को साफ सुथरा रखना चाहिए तथा यदि कोई बच्चा क्रीमी से ग्रसित है तो उसे एल्बेंडाजोल दवा की उपयुक्त खुराक देनी चाहिए   l 

वेबीनार में महाविद्यालय के सभी प्राध्यापक एवं सभी विभागों के विद्यार्थी उपस्थित होकर कार्यक्रम को सफल बनाया।