पंचायतों की जवाबदेही तय करने और पारदर्शिता बढ़ाने सोशल ऑडिट पंचायती राज संस्थाओं के लिए 15वें वित्त आयोग अनुदान के सोशल ऑडिट हेतु गाइड ला...
पंचायतों की जवाबदेही तय करने और पारदर्शिता बढ़ाने सोशल ऑडिट
पंचायती राज संस्थाओं के लिए 15वें वित्त आयोग अनुदान के सोशल ऑडिट हेतु गाइड लाइन जारी
वर्ष 2021-22 में देश की शत प्रतिशत पंचायतों के ऑनलाइन ऑडिट का लक्ष्य
नई दिल्ली, छत्तीसगढ़। असल बात न्यूज।
0 विशेष संवाददाता
पंचायतों के कामकाज में पारदर्शिता लाने के साथ ही जवाबदेही तय की जा रही है।वित्त आयोग के साथ ही कई योजनाओं के क्रियान्वयन का काम पंचायतों के माध्यम से हो रहा है। लेकिन ढेर सारे पंचायतों में उनके लेखापरीक्षित लेखे अनुपलब्ध है जिस पर बार-बार चिंता व्यक्त की जाती रही है। ऐसी समस्याओं से निपटने के लिए पंचायतों का अब वित्तीय वर्ष 2021-22 से शत प्रतिशत ऑनलाइन ऑडिट किया जाएगा। माना जा रहा है कि online ऑडिट के काम से जाटों के काम में पारदर्शिता आएगी और पंचायती व्यवस्था मजबूत होगी।वैसे यहां ऑनलाइन ऑडिट का काम वर्ष 2020 से शुरू किया जा चुका है लेकिन कई पंचायतें अभी इस पर काम नहीं कर रही है। Online audit शुरू हो जाने से पंचायतों में काम की गति तो बढ़ ही जाएगी, पारदर्शिता और जवाबदेही भी तय होगी।
देश को बुनियादी स्तर पर मजबूत बनाने में प्राथमिक संरकार के रूप में ग्राम पंचायतों की सबसे बड़ी भूमिका है। देश में 2 लाख 60 हजार से अधिक पंचायतों में 31 लाख से अधिक निर्वाचित जनप्रतिनिधि हैं और इसमें महिला प्रतिनिधियों की संख्या 14 लाख के लगभग है। यह माना जाता रहा है कि देश में जब पंचायतों में विकास होगा तभी देश का वास्तविक विकास हो सकेगा, और सोच पर आगे बढ़ते हुए देश में विगत पांच वर्षों में वित्त आयोग की अनुदान राशि का 97 प्रतिशत हिस्सा गांवों में पहुंचाया गया है। 15 वें वित्त आयोग ने भी ग्राम पंचायतों को आगामी पांच वर्ष में 2 लाख 36 हजार करोड़ रुपए देने की अनुशंसा की गई है। इस अनुशंसा को सरकार ने पूर्णतः स्वीकार कर दिया है। विगत वर्ष आई वित्त आयोग की अंतरिम रिपोर्ट में भी 60 हजार करोड् रुपए की अनुशंसा की गई थी, को भी ग्राम पंचायतों को जारी कर दिया गया है। माना जा रहा है कि इस राशि से गावों में बुनियादी सुविधाओं का विकास होना सुनिश्चित हो सकेगा ।
ग्राम पंचायतों के पास अब विकास कार्यों की पर्याप्त धनराशि पहुंच रही है। मनरेगा, पीएम आवास जैसी योजनाओं के साथ ही केंद्र एवं राज्य वित्त आयोग के अनुदान से होने वाले कार्यों का क्रियान्वयन भी पंचायतों के माध्यम से हो रहा है। पंचायतों के पास पैसे की कमी नहीं है। ऐसे में इस पर भी ध्यान दिया जा रहा है कि पंचायतों के कामकाज में पारदर्शिता आने के साथ ही जवाबदेही तय होना भी जरूरी है। पंचायती राज मंत्रालय ने लगातार इस दिशा में प्रयत्न किए हैं कि पंचायतों में सुशासन आएं और वे आदर्श पंचायतों के रूप में स्थापित हों। ई ग्राम स्वराज, ऑडिट लाइन एप्लीकेशन और सोशल ऑडिट जैसे प्रावधानों से ग्राम पंचायतों के कामकाज में पूर्ण पारदर्शिता लाने की कोशिश की गई है।
केंद्रीय पंचायती राज, ग्रामीण विकास, ने पंचायती राज संस्थाओं के लिए 15 वें वित्त आयोग अनुदान के सोशल ऑडिट (सामाजिक लेखा परीक्षा) हेतु गाइड लाइन को जारी की है। इस गाइडलाइन का निर्माण ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज संस्थान, हैदराबाद ने पंचायती राज मंत्रालय के सहयोग से किया है। इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री श्री तोमर ने ऑडिट ऑनलाइन शुरू करने और सामाजिक लेखा परीक्षा के दिशा निर्देशों की तैयारी के लिए इस दिशा में पंचायती राज मंत्रालय के प्रयासों की सराहना करते हुए। राज्यों से अपील की है कि वित्तीय वर्ष 2021-22 में शत प्रतिशत पंचायतों के ऑनलाइन ऑडिट का लक्ष्य रखकर उसे पूर्ण किया जाए।
उल्लेखनीय है कि पंचायती राज मंत्रालय द्वारा 15 अप्रैल, 2020 को ऑडिटऑनलाइन शुरू किया गया था। लेकिन कई पंचायतों ने इस दिशा में आगे बढ़ने की कोशिश नहीं की है। ऑडिटऑनलाइन के लिए फॉलो-अप के लिए एसएमएस/ईमेल आधारित अलर्ट तंत्र; डिजिटल सिग्नेचर आधारित अंतिम लेखा परीक्षा रिपोर्ट, राज्यवार लेखा परीक्षा रिपोर्ट आदि जैसी नई कार्यक्षमताओं को शामिल किया गया है; ताकि प्रणाली एक कुशल और प्रभावी तरीके से वांछित उद्देश्यों को पूरा कर सके।