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अनलॉक होने के साथ महानगरों, बड़े शहरों की ओर कामगारों की वापसी शुरू

  पिछले 7 दिनों में लगभग 25 लाख प्रवासी कामगारों का शहरों की ओर रुुख पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, बंगाल और ओडिशा जैसे क्षेत्रों से दि...

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पिछले 7 दिनों में लगभग 25 लाख प्रवासी कामगारों का शहरों की ओर रुुख

पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, बंगाल और ओडिशा जैसे क्षेत्रों से दिल्ली, मुंबई, पुणे, सूरत, अहमदाबाद और चेन्नई सहित विभिन्न शहरों की ओर अधिक लौट रहे हैं कामगार। छत्तीसगढ़ सेेे भी बड़ी संख्या में श्रमिक काम की तलाश में जा रहे हैं बाहर, बड़े शहरों की ओर

नई दिल्ली, छत्तीसगढ़। असल बात न्यूज।
0 विशेष संवाददाता
शहर अनलॉक होने लगे हैं तो कामगार, अब बड़े, महानगरों की ओर अपने काम की तलाश में  वापस लौटे लगे हैं। दिल्ली मुंबई पुणे सूरत अहमदाबाद और चेन्नई जैसे शहरों की ओर कामगारों की बड़ी संख्या में वापसी हो रही है। इससे यह भी पता चलता है कि देश में अभी भी ग्रामीण इलाकों, छोटे शहरों में रोजगार ना के बराबर है अथवा वहां रोजगार मिलता भी है तो पर्याप्त मजदूरी नहीं मिलती। इसलिए कामगार काम की तलाश में बड़े शहरों अथवा महानगर चले जाना अधिक पसंद करते हैं।



प्राप्त जानकारी के अनुसार देश के पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, बंगाल और ओडिशा जैसे क्षेत्रों से कामगार काम की तलाश में बड़े शहरों के और वापस लौट रहे हैं। ये कामगार दिल्ली, मुंबई, पुणे, सूरत, अहमदाबाद और चेन्नई जैसे शहर में बाबा पहुंच रहे हैं। इनमें से कामगार मधु ने हमें बताया कि उनके गांव में काम नहीं है। वे दिल्ली में काम का प्रतिदिन ₹700 कमा लेते हैं तो उसी काम का उन्हें उनके गांव में ₹340 भी मुश्किल से मिलता है।उनके पास काम करने के हुनर है योग्यता है अनुभव है तो वह दिल्ली जाकर अधिक पैसा कमाना चाहते हैं।वे अपने गांव में काम करें अथवा दिल्ली में, उन्हें  काम तो उन्हें वही करना है।अधिक मजदूरी मिल जाती है यही बात उनके जैसे तमाम कामगारों को शहरों की ओर खींच लाती है।

एक कामगार दिनेश ने बताया- कोरोना ने उनके शहर में भी भारी तबाही मचाई है।बड़ी संख्या में लोग संक्रमित हुए और कुछ की जान भी चली गई। काम धधा ठप हो गया है।जिन उद्योगों में काम मिलता था वह भी नहीं चल रहा है। ऐसे में शहर की ओर जाना मजबूरी है।जानकारी के अनुसार 25 लाख से अधिक प्रवासी कामगारों नेशहरों की ओर रुख किया है और शहरों में काम की तलाश में पहुंच  गए हैं।शहरों के धीरे-धीरे अनलॉक होने के साथ प्रवासी मजदूर तेजी से काम पर वापस लौट रहे हैं।

बिहार, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश और ओडिशा जैसे राज्यों से मुंबई, दिल्ली, हैदराबाद, बंगलुरू और चेन्नई जैसे मेट्रो शहरों की ओर  प्रवासी कामगार अधिक संख्या में लौट रहे हैं। इन कामगार मजदूरों को शहर तक पहुंचाने में अभी रेलवे बड़ी मददगार बन कर सामने आई है। रेलवे, सफर को आसान बनाने के लिए, भारतीय रेल मेल/ एक्सप्रेस स्पेशल, हॉलिडे स्पेशल और समर स्पेशल ट्रेनों का परिचालन कर रही है। इन सभी ट्रेनों को कोविड प्रोटोकॉल को ध्यान में रखते हुए पूरी तरह आरक्षित ट्रेनों के रूप में परिचालित किया जा रहा है। इन ट्रेनों से यात्रा के लिए आरक्षण काउंटरों पर पैसेंजर रिजर्वेशन सिस्टम (पीआरएस) के माध्यम से और ऑनलाइन ई-टिकटिंग प्रणाली द्वारा बुकिंग उपलब्ध है।

 काम पर लौटने के इच्छुक लोगों की आवाजाही आसान बनाने के लिए 1,309 समर स्पेशल का भी संचालन किया गया है। ये समर स्पेशल ट्रेनें मुख्य रूप से बिहार, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, ओडिशा व असम से दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद, चेन्नई, पुणे, बंगलुरू आदि बड़े शहरों को संपर्क उपलब्ध कराती हैं।

 प्रवासी कामगारों और अन्य यात्रियों सहित 29.15 लाख यात्रियों ने पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, बंगाल और ओडिशा जैसे क्षेत्रों से दिल्ली, मुंबई, पुणे, सूरत, अहमदाबाद और चेन्नई सहित विभिन्न गंतव्यों के लिए लंबी दूरी की मेल एक्सप्रेस ट्रेनों द्वारा बुकिंग कराई है।

विभिन्न मंडल रेल कार्यालय सक्रिय रूप से विभिन्न उद्योग संगठनों व कारोबारी समूहों के साथ समन्वय बनाए हुए है। समर स्पेशल ट्रेनों का गोरखपुर-मुंबई, भागलपुर-मुंबई, भुवनेश्वर-पुणे, दानापुर-पुणे, बरौनी- अहमदाबाद, पटना-दिल्ली, समस्तीपुर-मुंबई, सियालदह-दिल्ली, रक्सौल-दिल्ली, सहरसा-दिल्ली, दानापुर-सिकंदराबाद, रक्सौल-सिकंदराबाद, पाटलिपुत्र-बंगलुरू, छपरा-मुंबई, गुवाहाटी-बंगलुरू, गोरखपुर-हैदराबाद आदि विभिन्न मूल-गंतव्यों के बीच संचालन हो रहा है।