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बीएसपी मेडिकल टीम के समर्पण की कहानी - कोरोना मरीजों की जुबानी बीएसपी का चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग बना कार्मिकों के लिए जीवनदायिनी

  भिलाई। असल बात न्यूज।  कोरोना काल में सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र के जवाहरलाल नेहरु चिकित्सालय एवं अनुसंधान केन्द्र,   संयंत्र कार्मिकों के ल...

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भिलाई। असल बात न्यूज। 


  • कोरोना काल में सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र के जवाहरलाल नेहरु चिकित्सालय एवं अनुसंधान केन्द्र, संयंत्र कार्मिकों के लिए जीवनदायिनी साबित हुई है। संयंत्र के कार्मिको, अधिकारियों तथा उनके परिजनों के कोविड से प्रभावित गम्भीर मरीजों के जीवन बचाने में भी जवाहरलाल नेहरु चिकित्सालय एवं अनुसंधान केन्द्र ने सार्थक प्रयास किए हैं। इन प्रयासों का नतीजा है कि इन गम्भीर मरीजों का जीवन बचाया जा सका। इन गम्भीर मरीजों के प्रारंभिक जाँच व इलाज करते हुए इनकी स्थिति का अवलोकन करइन्हें बेहतर मेडिकल ट्रीटमेंट प्रदान किया गया है। जिसके फलस्वरूप इनका जीवन बचाना संभव हो सका। आज हमने ऐसे ही कोविड के गम्भीर मरीजों से बातचीत कीजिन्होंने बीएसपी के सेक्टर-9 अस्पताल में अपना इलाज कराया है।

    बीएसपी अस्पताल के त्वरित इलाज से मिला नया जीवन-श्री अमल

    संयंत्र के कोकओवन विभाग के तकनीशियन (मेकेनिकल) श्री अमल कुमार परिडा का कोविड टेस्ट पाॅजिटिव पाया गया। उसके पश्चात उन्हें होम आइसोलेशन में रहने की हिदायत दी गई। परन्तु कुछ दिनों बाद उनका आॅक्सीजन लेवल डाउन होने लगा जिसके फलस्वरूप उन्हें बीएसपी के जेएलएन अस्पताल के एच-4 वार्ड में भर्ती किया गया। बीएसपी अस्पताल के डाॅक्टरों ने मरीज के गम्भीरता को देखते हुए तत्काल आॅक्सीजन लगाकर इलाज प्रारंभ किया। श्री अमल बताते है कि उनके क्रिटीकल सिचुऐशन को देखते हुए बीएसपी के डाॅक्टरों ने तत्काल आईसीयू में शिफ्ट कर उनकी गहन चिकित्सा प्रारंभ की। श्री परिडाअपने दृढ़ इच्छाशक्ति एवं डाॅक्टरों की मेहनत से कोविड को हराकर बाहर आए। श्री अमल का कहना है कि वे बीएसपी के जेएलएन अस्पताल के डाॅक्टरोंविशेषकर डाॅ त्रिनाथ दास व पैरा-मेडिकल टीम का आजीवन आभारी रहेंगे। जिन्होंने मेरी गम्भीरता को समझकर मेरे इलाज में त्वरित निर्णय लिया और प्रारंभ में ही मेरा अविलम्ब चिकित्सा शुरू कर दी। बीएसपी चिकित्सकों के निर्णय का नतीजा है कि मैं इस गम्भीर स्थिति से बाहर आ पाया। आज मेरे जीवन को बचाने में बीएसपी प्रबंधन तथा बीएसपी के चिकित्सा बिरादरी द्वारा किए गए प्रयासों का मैं तहेदिल से आभार व्यक्त करता हूँ। जिसके चलते मुझे नया जीवन मिला।

    डाॅक्टरों व मेडिकल स्टाफ के समर्पण को सलाम -श्रीमति देशमुख 

    इसी क्रम में हमने कोविड से संक्रमित हुए बीएसपी कार्मिक के परिजन श्रीमति कपिका देशमुख से बातचीत की। श्रीमति देशमुख ने बताया कि कोविड पाॅजिटिव आने के पश्चात् वे होम आइसोलेशन में थे। परन्तु तीसरे दिन वे घर पर बेहोश हो चुकी थीउनका आॅक्सीजन लेबल गिरने लगा। जिसके फलस्वरूप उन्हें तत्काल सेक्टर-9 के कैजुअल्टी ले जाया गया। जहाँ डाॅक्टरों ने त्वरित जाँच कर स्थिति की गम्भीरता को समझते हुए उन्हें आॅक्सीजन पर रखा और अस्पताल में बने कोविड वार्ड में भर्ती कर दिया गया। इन दिनों मेरी स्थिति की निरन्तर निगरानी की जाती रही और डाॅक्टरों ने मेरी स्थिति को देखते हुए रेमडेसिविर का इजेक्शन लगाने के साथ-साथ एक्स-रे आदि कर मुझे बेहतरीन इलाज प्रदान किया। मैं बीएसपी के डाॅक्टरों का शुक्रिया अदा करना चाहता हूँजिन्होंने रात में ही मेरी स्थिति की गम्भीरता को समझते हुए मेरा इलाज तत्काल प्रारंभ कर दिया। साथ ही निरंतर माॅनिटरिंग करते रहे। बीएसपी के डाॅक्टरों तथा नर्सांे ने मेरा आत्मविश्वास बढ़ाया। जब भी कोई बुजुर्ग मरीज ठीक होता तो वे उसका उदाहरण देकर मेरा मनोबल बढ़ातेउनके चैमुखी प्रयास से मुझे जीवनदान मिला। मैं बीएसपी के डाॅक्टरों व मेडिकल स्टाफ के समर्पण को सलाम करती हूँ।

    बीएसपी अस्पताल ने किया बेहतरीन इलाज- श्रीमति प्रधान

    सेक्टर-1 निवासीश्रीमति कादम्बनी प्रधान ने बताया कि मुझमें कोविड के लक्षण दिखाई दे रहे थे परन्तु मेरा कोविड टेस्ट नेगेटिव आया। कुछ दिनों के भीतर मेरा आॅक्सीजन लेवल गिरने लगा। मुझे तत्काल सेक्टर-9 अस्पताल में ले जाया गया। मुझे तुरन्त आॅक्सीजन दिया गया और आवश्यक इलाज प्रारंभ कर दिया गया। मेरा सीटी स्केन किया गया जिससे हाई-कोविड होने की पुष्टि हुई। मैनें बीएसपी कोविड वार्ड के संबंध में अनेक अफवाहें सुन रखी थीं। परन्तु यहाँ पर किए गए उत्कृष्ट चिकित्सा ने इन सारी अफवाहों को झूठा साबित कर दिया। मैं 8 दिनों तक बीएसपी अस्पताल के कोविड वार्ड में भर्ती रही। इन दिनों में मुझे बेहतरीन इलाज प्रदान किया गया। साथ ही मुझे बीएसपी चिकित्सकों तथा उनकी टीम के कार्यों को नजदीक से देखने का मौका मिला। मैं उनके प्रतिबद्धता को प्रणाम करती हूँ। इनके प्रयासों के फलस्वरूप ही आज मै क्रिटीकल स्थिति से बेहतर स्थिति में आ चुकी हूँ। बीएसपी डाॅक्टरों तथा पैरामेडिकल स्टाॅफ ने अपने जान को जोखिम में डालकर हम मरीजों की बेहतरीन सेवा की है। जिनके परिश्रम के फलस्वरूप आज मैं कोविड संकट से बाहर आ पाया हूँ। मैं बीएसपी मेडिकल टीम को दिल से धन्यवाद देता हूँ।

    कोविड संकट से बचाने वाले बीएसपी मेडिकल टीम का धन्यवाद-श्री खेदुराम

    कोविड से संक्रमित रेल मिल के कार्मिक श्री खेदुराम का इलाज बीएसपी अस्पताल के एच-4 वार्ड में चल रहा था। हाल ही में वे डिस्चार्ज किये गये। डिस्चार्ज के समय श्री खेदुराम ने बीएसपी अस्पताल के प्रयासों की प्रशंसा करते हुए कहा कि मै अस्थमा पेशेंट था परन्तु बीएसपी डाॅक्टरों ने मेरी स्थिति की गंभीरता को देखते हुए तत्काल उत्तम इलाज मुहैया करायाजो मेरे लिए जीवनदायिनी साबित हुआ। कोविड के मेरे इस जंग में जिस प्रकार बीएसपी के मेडिकल प्रबंधन व डाॅक्टरों ने मेरा साथ दियामैं उसे कभी नहीं भूल सकता। मेरे इलाज व मनोबल बनाए रखने में बीएसपी के चिकित्सा बिरादरी का महत्वपूर्ण हाथ हैथंैक यू बीएसपी। 

    स्थिति की गम्भीरता को देखते हुए उठाया सार्थक कदम- डाॅ जैन

    डीजीएम (उद्यानिकी) और मैत्री बाग प्रभारी डाॅ एन के जैन ने बताया कि कोविड पाॅजिटिव होते ही उन्हें होम आइसोलेशन हेतु भेज दिया गया। डाॅ एन के जैन बताते हैं कि होम आइसोलेशन में भी प्रतिदिन बीएसपी डाॅक्टरों द्वारा मरीज के हालत की माॅनिटरिंग की जाती है। बीएसपी के इस कदम से मरीजों को कोविड से लड़ने में मदद मिली है। मुझे होम आइसोलेशन के तीसरे दिन तेज बुखार आने लगा जिसके कारण मुझे बीएसपी अस्पताल के केजुअल्टी में जाकर दिखाना पड़ा। डाॅक्टर ने मेरे स्थिति को भांपते हुए तत्काल भर्ती कर लिया गया। इस दौरान आॅक्सीजन से लेकर इजेक्शन तक सब कुछ उपलब्ध कराया गया। जिसके चलते मै कोविड के इस जंग को जीतकर बाहर आ पाया। मै सेक्टर-9 अस्पताल के विशेषज्ञ डाॅ त्रिनाथ दास और अन्य सहयोगी डाॅक्टरों को विशेष रूप से धन्यवाद देना चाहूता हूँ जिनके अथक प्रयास आज मै ठीक होकर घर लौट पाया हूँ।

    बीएसपी के चिकित्सा बिरादरी ने संयंत्र के कार्मिकोंअधिकारियों तथा उनके परिजनों व पूर्व कार्मिकों को कोरोना संकट से निजात दिलाने हेतु दिन-रात एक कर दिया है। आज इस जंग में कई चिकित्सक व मेडिकल स्टाॅफ कोविड पाॅजिटिव हो चुके हैं। परन्तु बीएसपी के चिकित्सा बिरादरी ने कोविड के खिलाफ अपने जंग को जारी रखते हुए संयंत्र बिरादरी के जीवन रक्षा हेतु कृतसंकल्पित हैं। इसी संकल्प का नतीजा है कि संयंत्र के सैकड़ों कर्मचारियों का जीवन बचाया जा सका है