नई दिल्ली, छत्तीसगढ़। असल बात न्यूज। किसान साथियों के लिए खुशखबरी है। उर्वरकों के दामों में हो रही बढ़ोतरी से परेशान किसानों की समस्याओ को...
भारत सरकार उर्वरक उत्पादकों/आयातकों के माध्यम से किसानों को रियायती कीमतों पर उर्वरक उपलब्ध करवा रही है। इनमें यूरिया, फॉस्फेटिक और डाई-अमोनियम फॉस्फेट (डीएपी), म्यूरेट ऑफ पोटाश (एमओपी) और सिंगल सुपर फॉस्फेट (एसएसपी) सहित फॉस्फेटिक और पोटाशिक (पीएंडके) के 22 ग्रेड उर्वरक हैं। एक अप्रैल, 2010 से एन बी एफ के द्वारा पीएंडके उर्वरकों पर अनुदान नियंत्रित किया जा रहा है। उर्वरक कंपनियों को पोषक तत्व आधारित अनुदान दरों के अनुसार अनुदान जारी किया जाता है, जिससे वे किसानों को सस्ती कीमत पर उर्वरक उपलब्ध करवा सकें।
पिछले कुछ महीनों में डीएपी और अन्य पीएंडके उर्वरक के कच्चे माल की कीमतों में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में तैयार डीएपी आदि की कीमतें भी समान अनुपात में बढ़ी हैं। इस तेज वृद्धि के बावजूद पिछले महीने तक कंपनियों ने भारत में डीएपी की कीमतों में बढ़ोतरी नहीं की। हालांकि, कुछ कंपनियों ने अब डीएपी की कीमत बढ़ा दी है।
भारत सरकार के द्वारा इस स्थिति को देखते हुए इस पर शीर्ष स्तर पर निगरानी की जा रही है। और इस स्थिति से निपटने के लिए पहले से ही कदम उठा रही है, जिससे किसानो को पीएंडके उर्वरकों (डीएपी भी शामिल) की कीमत में बढ़ोतरी के असर से बचाया जा सके।
पहले कदम के रूप में सरकार ने पहले ही सभी उर्वरक कंपनियों को किसानों के लिए बाजार में इन उर्वरकों की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। वहीं सरकार भी देश में उर्वरकों की उपलब्धता की प्रतिदिन निगरानी कर रही है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार डीएपी की कीमत निर्धारण को लेकर सरकार पहले ही सभी उर्वरक कंपनियों को डीएपी आदि के पुराने स्टॉक को पुरानी कीमतों पर ही बेचने के लिए कह चुकी है। इसके अतिरिक्त भारत सरकार किसानों को सहायता देने और उन पर वित्तीय बोझ को कम करने के लिए पीएंडके उर्वरकों और डीएपी के कच्चे माल की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में बढ़ोतरी को समायोजित करने के लिए अनुदान दरों को निश्चित कर लो पर भी विचार कर रही है।