रायपुर दुर्ग। असल बात न्यूज़। 0 न्यूज़ विशेषण 0 अशोक त्रिपाठी देशभर में कोरोना के संक्रमण के बढ़ते मामलों के बाद कई राज्यों ने प्रभावित इल...
रायपुर दुर्ग। असल बात न्यूज़।
0 न्यूज़ विशेषण
0 अशोक त्रिपाठी
देशभर में कोरोना के संक्रमण के बढ़ते मामलों के बाद कई राज्यों ने प्रभावित इलाकों में lockdown घोषित कर दिया है। कुछ राज्यों में कुछ दिनों का तो कुछ राज्यों में एक सप्ताह से अधिक समय का lockdown घोषित किया गया है। छत्तीसगढ़ राज्य के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज मंत्रिमंडल की बैठक में कोरोना के ताजा हालातो पर चर्चा की है। राज्य में इस मंत्रिमंडल की बैठक की खबर के साथ ही इसको लेकर कयास लगाने शुरू हो गए और अटकलो का दौर शुरू हो गया कि छत्तीसगढ़ में भी क्या, लॉक डाउन घोषित किया जा सकता है ? अभी तक की जो खबर है उसके अनुसार मंत्रिमंडल की बैठक में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेश में कोरोना संक्रमण के ताजा हालात की ली जानकारी है। उन्होंने कोरोना संक्रमण पर प्रभावी नियंत्रण के लिए मुख्य सचिव को विभिन्न विभागों के साथ बैठक कर आवश्यक दिशा-निर्देश जल्द जारी करने के निर्देश दिए हैं। कोरोना का मुद्दा अभी पूरे देश में एक ज्वलंत, चिंताजनक और अत्यंत गंभीर मुद्दा है। किसी महत्वपूर्ण बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा होती है तो सभी की नजर उसके निर्णय कीओर लगे रहती है। लोग यह उम्मीद और आस लगाए बैठे रहते हैं कि ऐसी बैठकों में उनके हित, उनकी समस्याओं के निराकरण हेतु महत्वपूर्ण निर्णय लिए जाएंगे। छत्तीसगढ़ प्रदेश में अभी कोरोना के संक्रमण के फैलाव से दो जिले रायपुर और दुर्ग गंभीर रूप से प्रभावित हैं। इन जिलों में भी यहां के ग्रामीण इलाकों में कोरोना के संक्रमण के फैलाव का बहुत अधिक असर नहीं है। अभी यह माना जा रहा है कि कोरोना की जो गाइड लाइन है जो दिशा निर्देश है उसका आम लोगों के द्वारा पूर्णता पालन किया जाता है तो कोरोना के संक्रमण के फैलाव को निचले स्तर पर ही नियंत्रित किया जा सकता है। फिलहाल इसके लिए प्रयास और उपाय तेज किए जा रहे हैं।
देशभर में जो आंकड़े हैं, कोरोना के संक्रमण, और रिकवरी रेट के जो आंकड़े हैं, अभी तक के आंकड़ों के अनुसार जो लोग संक्रमित हो रहे हैं उसमें से लगभग 97% लोग समुचित इलाज के बाद पूरी तरह से ठीक हो जा रहे हैं। इलाज के बाद उन्हें किसी तरफ की दिक्कत का सामना नहीं करना पड़ रहा है। संक्रमित बीस, 25 दिनों के बाद पूरी तरह से ठीक , स्वस्थ हो जा रहे हैं। कोई बड़ा निर्णय लेने के पहले इस पर भी विचार करने की जरूरत पड़ती है कि ऐसे निर्णय का क्या कोई दुष्प्रभाव भी हो सकता है ? उससे क्या- क्या दिक्कत पैदा हो सकती हैं ? छत्तीसगढ़ पिछले 1 साल से कोरोना के संकट, टेशन से जूझ रहा है। कोरोना के चलते कई सारे कामकाज ठप हो गए हैं। हजारों लोगों का कामकाज छीन गया है । व्यवस्था अब धीरे-धीरे पटरी पर लौट रही है। तब Corona की इस दूसरी लहर ने कहर मचाते हुए हुए दस्तक दे दी है। अभी संभवत हम ठीक से संभल कर खड़े भी नहीं हो सके हैं। हमारी चरमराई व्यवस्थाएं, कामकाज पूरी तरह से पटरी पर नहीं लौटी हैं।इस बीच ही इस वैश्विक महामारी ने नई चिंता की लकीरें खींच दी है एक तरफ जिंदगी तो दूसरी तरफ आजीविका पर खतरा मंडरा रहा है। ऐसे में स्वाभाविक तौर पर कोई भी बड़ा निर्णय लेने के पहले, उसे कई पहलुओं पर गंभीरता पूर्वक, वरिष्ठ अधिकारियों, जिम्मेदार लोगों के साथ मिलकर विचार विमर्श करना अत्यंत जरूरी है। बैठक में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मंत्री परिषद के सदस्यों के साथ प्रदेश में कोरोना टीकाकरण और कोविड-19 संक्रमण पर नियंत्रण के लिए की गई व्यवस्था की समीक्षा की। उन्होंने बढ़ते कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए बचाव के सभी उपायों और दिशा-निर्देशों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने सभी जगह मास्क के उपयोग और शारीरिक दूरी के नियमों का कड़ाई से पालन करवाने को कहा है।
मंत्रि-परिषद की इस उच्च स्तरीय बैठक में स्वास्थ्य मंत्री श्री टी.एस. सिंहदेव और खाद्य मंत्री श्री अमरजीत भगत वीडियो कॉन्फ्रेंस से जुड़े। स्वास्थ्य मंत्री श्री सिंह देव स्वयं कुछ दिन पहले कोरोना से संक्रमित हो गए थे। उनके स्वास्थ्य में अभी सुधार हुआ है। वहीं गृह मंत्री श्री ताम्रध्वज साहू, कृषि मंत्री श्री रविन्द्र चौबे, स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम, वन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री कवासी लखमा, नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया, राजस्व मंत्री श्री जयसिंह अग्रवाल, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री गुरु रुद्र कुमार, महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती अनिला भेड़िया और उच्च शिक्षा मंत्री श्री उमेश पटेल मुख्यमंत्री निवास से बैठक में शामिल थे। अभी सभी की नजर स्कूल महाविद्यालय की परीक्षाओ की ओर लगी हुई है। स्कूल, महाविद्यालयो में तो कक्षाए लगनी काफी पहले से बंद है। स्कूलों में अभी परीक्षाये चल रही हैं और महाविद्यालयो में परीक्षाएं शीघ्र शुरू होने वाली है। विभिन्न वर्ग के लोगों के द्वारा इस बार ऑनलाइन पढ़ाई कराए जाने की वजह से ऑनलाइन परीक्षा लेने की भी मांग की जा रही है। अब कोरोना के संक्रमण का फैलाव काफी तेज हो गया है तो अब लोगों की ऐसी मांगों को और बल मिल रहा है। स्कूलों और महाविद्यालयो की परीक्षाएं अब ऑनलाइन मोड में करने की मांग चारों तरफ से आ रही है।बैठक में उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल और स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ प्रेम साय सिंह टेकाम भी उपस्थित थे। वैसे यह स्थिति स्पष्ट है कि भीड़ में जाने, भीड़ में बने रहने, भीड़ का हिस्सा बनने से कोरोना के संक्रमण का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। दूसरी तरफ कुछ स्कूलों में परीक्षा देने पहुंचे बच्चों के भी कोरोना से संक्रमित होने की खबरें मिली हैं। और प्रभावित स्कूलों को बंद करा दिया गया है। इधर शासकीय कार्यालयों में भी अधिकारी कर्मचारी बड़ी संख्या में संक्रमित पाए जा रहे हैं।
बैठक में मुख्यमंत्री श्री बघेल ने अस्पतालों में कोरोना के इलाज की व्यवस्था को मजबूत बनाने पर जोर दिया है तथा निर्देश दिया है कि कि संक्रमितों के इलाज के लिए सभी कोविड अस्पतालों और आइसोलेशन सेंटरों में आक्सीजन सुविधा वाले बिस्तरों के साथ ही अन्य सभी सेवाओं की चाक-चौबंद व्यवस्था शीघ्र से शीघ्र कर ली जाए । मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य कर्मियों, फ्रंटलाइन वर्कर्स, 60 वर्ष से अधिक के नागरिकों और 45 वर्ष से 59 वर्ष तक के को-मोरबिडिटी वालों के टीकाकरण में तेजी लाने के भी निर्देश दिए। छत्तीसगढ़ के लिए यह अच्छी बात है कि यहां के जंगल क्षेत्रों में कोरोना का असर हुआ तो जरूर है लेकिन इसका प्रभाव काफी कम है।उम्मीद की जा रही है कि पर्याप्त सतर्कता बरती गई तो वहां आगे भी हालात नियंत्रण में रहेंगे।
मुख्यमंत्री ने इसी महीने आने वाले होली पर्व के साथ ही शादी, अंत्येष्टि और अन्य सार्वजनिक आयोजनों के संबंध में मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गृह, स्वास्थ्य, नगरीय प्रशासन, स्कूल शिक्षा, उच्च शिक्षा, महिला एवं बाल विकास, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, पर्यटन और सामान्य प्रशासन विभाग के अधिकारियों से चर्चा कर आवश्यक दिशा-निर्देश जारी करने के निर्देश दिए। उन्होंने कोविड संक्रमितों की पहचान के लिए रोजाना जांच की संख्या बढ़ाने कहा। उन्होंने संक्रमितों के इलाज के लिए सभी कोविड अस्पतालों और आइसोलेशन सेंटरों में आक्सीजन सुविधा वाले बिस्तरों के साथ ही अन्य सभी सेवाओं की चाक-चौबंद व्यवस्था रखने कहा। मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य कर्मियों, फ्रंटलाइन वर्कर्स, 60 वर्ष से अधिक के नागरिकों और 45 वर्ष से 59 वर्ष तक के को-मोरबिडिटी वालों के टीकाकरण में तेजी लाने के भी निर्देश दिए।
कोरोना के प्रभावित इलाकों में अभी आमतौर पर यही हो रहा है कि ऐसे संकट के समय में आम लोगों में यही जानने की उत्सुकता रहती है और पूरे कान इसी ओर लगे रहते हैं कि क्या क्षेत्र में लॉक डाउन घोषित करने पर कोई निर्णय लिया जा रहा है, अथवा इस तरह का क्या कोई कदम उठाया जा रहा है ? ऐसी खबरें सनसनी पैदा करती हैं और लोग भी ऐसी ही खबरो को ताकते रहते हैं।ऐसी खबर आम लोगों में इसलिए भी उत्सुकता पैदा करती है क्योंकि लॉकडाउन पूरी दिनचर्या को प्रभावित करता है। घर से निकलना बंद हो जाता है। आम लोगों का कामकाज पूरी तरह ठप हो जाता है और उनकी हालत निठल्ले जैसी हो जाती है। जैसी की अभी तक जानकारी मिली है इस महत्वपूर्ण बैठक में लॉक डाउन के बारे में कोई बहुत अधिक चर्चा नहीं हुई है। यहां यह उल्लेखनीय है कि अभी जैसा कहा जा रहा है उसके अनुसार लॉकडाउन लगाने हेतु निर्णय लेने के बारे में केंद्र सरकार ने संपूर्ण निर्णय का अधिकार राज्य सरकार पर छोड़ दिया है। और राज्य सरकार संभवत इस बारे में चाहेगी कि जिले की स्थिति को देखते हुए क्षेत्र में संक्रमण के हालात को देखते हुए कोई भी फैसला जिले के कलेक्टरो के द्वारा ही लिया जाए, जैसा कि पूर्व में राज्य सरकार के द्वारा इस बारे में निर्णय लेने के लिए जिले के कलेक्टर को अधिकृत कर दिया गया था। दुर्ग जिला corona के मामले में काफी संवेदनशील बना हुआ है। जिले के कलेक्टर के आदेश अनुसार यहां शहरी क्षेत्रों में सार्वजनिक तौर पर होली खेलने तथा जलाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। जिले के कलेक्टर द्वारा लगाया गया यह प्रतिबंध 28 मार्च से रंग पंचमी तक जारी रहेगा।
समीक्षा बैठक में स्वास्थ्य विभाग की अपर मुख्य सचिव श्रीमती रेणु जी. पिल्लई, गृह विभाग और मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू, सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव डॉ. कमलप्रीत सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव श्री सिद्धार्थ कोमल परदेशी, नगरीय प्रशासन विभाग की सचिव श्रीमती अलरमेलमंगई डी., उच्च शिक्षा विभाग के सचिव श्री धनंजय देवांगन, स्वास्थ्य विभाग के आयुक्त डॉ. सी.आर. प्रसन्ना, संचालक स्वास्थ्य सेवाएं श्री नीरज बंसोड़ और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की संचालक डॉ. प्रियंका शुक्ला भी उपस्थित थीं।