कार्यकर्ताओं की सहमति के बाद सांसद विजय बघेल तथा उनके साथियों ने अपना आमरण अनशन आज समाप्त कर दिया है। कार्यकर्ताओं में निशर्त रिहाई, पूर्ण...
कार्यकर्ताओं की सहमति के बाद सांसद विजय बघेल तथा उनके साथियों ने अपना आमरण अनशन आज समाप्त कर दिया है। कार्यकर्ताओं में निशर्त रिहाई, पूर्ण शराबबंदी सहित विभिन्न मांगों को लेकर वे पिछले 5 दिनों से लगातार आमरण अनशन पर बैठे थे। इस दौरान उन्होंने अन्न ग्रहण करना बिलकुल छोड़ दिया था प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह, पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल, रामविचार नेताम तथा प्रेम प्रकाश पांडेय इत्यादि ने उनसे कार्यकर्ताओं से सहमति लेने के बाद आग्रह किया। इसके बाद सांसद श्री विजय बघेल तथा उनके साथी आमरण अनशन से उठ गए हैं। उन्होंने मसुर का बटकर खा कर अपना अनशन तोड़ा।
पाटन, दुर्ग, रायपुर। असल बात न्यूज़।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के गृह विधानसभा क्षेत्र पाटन में शुरू हुए इस आंदोलन आमरण अनशन की ओर पूरे प्रदेश भर के लोगों की नजर लगी हुई थी। दावे के अनुसार इस आंदोलन से लगातार लोगों की भीड़ जुड़ती जा रही थी तथा दूर-दूर से लोग इस आमरण अनशन धरने को समर्थन देने पहुंच रहे थे। समर्थन देने वालों की भीड़ हर दिन बढ़ती जा रही थी। उसमें दुर्ग बेमेतरा जिला के पार्टी के कार्यकर्ता तो शामिल थे ही बड़ी संख्या में महिलाओं, किसानों और ग्रामीणों का भी समर्थन मिल रहा था। जन सामान्य लोगों के समर्थन से धरने पर बैठे लोगों का उत्साह भी बढ़ता जा रहा था। राजधानी रायपुर सांसद सुनील सोनी कांकेर से सांसद यहां धरना स्थल पर पहुंचे, तो इस झरने की आवाज आदिवासी बहुल इलाकों में भी पहुंच गई।
गिरफ्तार कार्यकर्ताओं की नि शर्त रिहाई के साथ विभिन्न मांगों को लेकर शुरू आंदोलन से सीधे-सीधे प्रदेश में पूर्ण शराबबंदी का मुद्दा भी जुड़ता जा रहा था। यहां से पूर्ण शराबबंदी की मांग उठने से इससे गैर राजनीतिक, सामाजिक, धार्मिक तथा अन्य विभिन्न संगठनों के लोग भी जुड़ने लगे थे। सांसद विजय बघेल ने इस दौरान अन्न बिल्कुल ग्रहण नहीं किया।उन्होंने साफ-साफ कह दिया था कि मांग पूरी नहीं होती तब तक वे आमरण अनशन से उठेंगे नहीं।
जानकारी के अनुसार यहां श्रीमती रजनी विजय बघेल भी 2 दिन अनशन पर बैठी। श्रीमती हर्षा लोक्मणी चंद्राकर तथा श्रीमती गायत्री साहू भी 2 दिन अनशन पर बैठी रही। सांसद विजय बघेल के समर्थन में भारतीय जनता युवा मोर्चा के राजा ठाकुर 5 दिन लगातार अनशन पर बैठे रहे।