राजनांदगांव, डोंगरगढ़। असल बात न्यूज़। राजनांदगांव जिले के बाग नदी, बोर तालाब, लाल बहादुर नगर एवं डोंगरगढ़ चेक पोस्ट पर प्रवासी मजदूरों की ए...
राजनांदगांव जिले के बाग नदी, बोर तालाब, लाल बहादुर नगर एवं डोंगरगढ़ चेक पोस्ट पर प्रवासी मजदूरों की एंट्री तथा वाहनों के कागजातों की जांच हेतु लगाई गई शिक्षकों की ड्यूटी अब समाप्त कर दी गई है। शिक्षकों की समस्याओं को देखते हुए उन्हें राहत देने जिले के कलेक्टर ने इस संबंध में आदेश जारी किया है। छत्तीसगढ़ सहायक शिक्षक फेडरेशन मैं यह राहत देने के लिए जिला प्रशासन के प्रति आभार व्यक्त किया है तथा कोविड-19 कि ड्यूटी में लगे शिक्षकों का 50 लाख का बीमा कराने की मांग फिर दोहराई है।
राजनांदगांव जिले के उपर्युक्त स्थान छत्तीसगढ़ के बॉर्डर हैं। दिल्ली महाराष्ट्र गुजरात राजस्थान इत्यादि राजयो से वापस लौट रहे मजदूरों का इन्हीं रास्तों से छत्तीसगढ़ में आना हुआ। कोविड-19 के संक्रमण की रोकथाम नियंत्रण के उद्देश्य प्रवासी मजदूरों को चिन्हित करने उनके बारे में विभिन्न जानकारी कंट्री की गई तथा वाहनों के कागजातों की भी जांच की गई। इस कार्य में पिछले 1 माह से शिक्षकों की ड्यूटी भी लगा दी गई थी। शुरू के दिनों में इस मार्ग से हजारों की संख्या में प्रवासी मजदूर का आना हुआ। छत्तीसगढ़ के साथ, उड़ीसा झारखंड बिहार के मजदूर भी इसी रास्ते से लौट रहे थे। यहां शिक्षकों की ड्यूटी शुरू में शुरू में अत्यंत कष्टप्रद थी।
जानकारी के अनुसार शुरुआती दौर में यहां जिन शिक्षकों की ड्यूटी लगाई गई थी उन सभी को लगातार 17 दिनों तक कार्य करना पड़ा। इसमें रात्रिकालीन ड्यूटी भी शामिल थी। फेडरेशन के द्वारा जिला प्रशासन का इस ओर ध्यान दिलाए जाने के बाद 1 सप्ताह में डीपी चेंज की जाने लगी। फिर तीसरा डल झील बनाया गया जिससे शिक्षकों की दो दिन की ड्यूटी लगाई जाने लगी। अब प्रवासी मजदूरों की वापसी ना के बराबर रह गई है। वाहन कागजातों में इलेक्ट्रॉनिक आदेश की अनिवार्यता को समाप्त कर दिया गया है।

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