दुर्ग भिलाई।
असल बात न्यूज़।।
कुम्हारी फ्लाईओवर के पूर्ण नहीं होने के बावजूद यातायात को अवरुद्ध करने कोई संकेत नहीं लगाने तथा उसके चलते वहां से वाहनों के गिरने और दो लोगों की मौत हो जाने के मामले में पुलिस ने निर्माण कार्य करने वाले ठेकेदार के खिलाफ अपराध कायम कर लिया है। मामले में भारतीय दंड संहिता की धारा 304 के तहत जुर्म कायम किया गया है। फ्लाईओवर से गिरने वाले पीड़ितों के परिजनों ने मामले में पुलिस के समक्ष शिकायत की है।
भारतीय दंड संहिता की धारा 304 आई. पी. सी. (हत्या की श्रेणी में न आने वाले गैर इरादतन मानव वध के लिए दण्ड) के अनुसार जब किसी व्यक्ति पर कोई हत्या या किसी अन्य व्यक्ति को जान से मारने का आरोप लगाया जाता है, तो ऐसे आरोपी पर भारतीय दंड संहिता की धारा 302 लगाई जाती है, किन्तु एक व्यक्ति द्वारा किसी दूसरे व्यक्ति को जान से मारने के कई पहलू हो सकते हैं, जैसे उस व्यक्ति का जान से मारने का इरादा न हो या उसने वह हत्या किसी के कहने पर या किसी दवाव में की हो, तो ऐसे मामलों में चूँकि किसी व्यक्ति की हत्या तो हुई ही है, तो जिस व्यक्ति के हाथ से हत्या हुई है, उसे न्यायालय में उसके इस अपराध के लिए उचित दंड देने का प्रावधान है। इसी कारण वे सभी हत्या के मामले जिनमें मारने वाले व्यक्ति का इरादा नहीं होता है, उन मामलों में भारतीय दंड संहिता की धारा 302 नहीं लगाई जा सकती है, ऐसे सभी मामलों में भारतीय दंड संहिता की धारा 304 लगाए जाने का प्रावधान दिया गया है।
धारा 304 के मामलों में आरोपी को दंड तो दिया जाता है, किन्तु इस धारा में धारा 302 के अपराध से थोड़ा कम दंड देने का प्रावधान दिया गया है। धारा 304 का केस केवल और केवल आरोपी की नियत के आधार पर बनाया जाता है। यदि कोई व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति पर उसे किसी शारीरिक चोट पहुंचाने के इरादे से वार करता है, किन्तु बाद में वह वार उस पीड़ित व्यक्ति की मृत्यु का कारण बन जाए, तो इस प्रकार के मामले में आरोपी पर धारा 304 के तहत केस चलाया जा सकता है। लेकिन धारा 304 के अपराध के आरोपी को न्यायालय में सिद्ध करना अनिवार्य होगा कि यह हत्या उसने जान बूझ कर नहीं की, बल्कि उस व्यक्ति से धोखे से हो गयी है।