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झारखंड में भी करोड़ों रुपए की अघोषित संपत्ति और बेहिसाब लेनदेन का पता चला, आयकर विभाग के द्वारा वहां भी कोयला व्यापारियों के खिलाफ की जा रही है कार्रवाई

  झारखंड में आयकर विभाग द्वारा तलाशी एवं जब्ती की कार्रवाई नई दिल्ली, छत्तीसगढ़। असल बात न्यूज़।।  आयकर विभाग के द्वारा झारखंड में कोयला व्य...

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झारखंड में आयकर विभाग द्वारा तलाशी एवं जब्ती की कार्रवाई

नई दिल्ली, छत्तीसगढ़।
असल बात न्यूज़।। 

आयकर विभाग के द्वारा झारखंड में कोयला व्यापारियों परिवहन कर्ताओं तथा कुछ राजनीतिक हस्तियों के यहां मारे गए छापे में बड़ी संख्या में आपत्तिजनक दस्तावेज और डिजिटल साक्षी पाए गए हैं।तलाशी के दौरान दो करोड़ रुपये से अधिक की अघोषित नकदी बरामद हुई है। कुल 16 बैंक लॉकरों पर रोक लगा दी गई है। अब तक की तलाशी में 100 करोड़ रुपये से अधिक के बेहिसाब लेनदेन/निवेश का पता चला है। जिनके यहां आयकर विभाग यह रेड कर रही है उसमें दो बड़ी राजनीतिक हस्तियां भी शामिल है। आयकर विभाग को रेड में जो तथ्य मिले हैं उससे पता चलता है कि इन समूहों ने किस किस तरह से कर की चोरी की है। ऐसी जानकारी सामने आई है कि इन कोयला व्यापारियों के छत्तीसगढ़ से भी लिंक जुड़े हुए हैं।

 कोयला व्यापार/परिवहन, सिविल अनुबंधों के निष्पादन, लौह अयस्क की निकासी और स्पंज आयरन के उत्पादन में लगे कुछ व्यावसायिक समूहों पर आयकर विभाग द्वारा एक खोज और जब्ती कार्रवाई शुरू की गई थी । तलाशी लेने वालों में दो राजनीतिक रूप से उजागर व्यक्ति और उनके सहयोगी शामिल हैं। रांची, गोड्डा, बेरमो, दुमका, जमशेदपुर, चाईबासा, पटना, गुरुग्राम और कोलकाता में फैले 50 से अधिक परिसरों में तलाशी ली गई।

तलाशी अभियान में बड़ी संख्या में आपत्तिजनक दस्तावेज और डिजिटल साक्ष्य जब्त किए गए हैं। इन साक्ष्यों के प्रारंभिक विश्लेषण से संकेत मिलता है कि इन समूहों ने कर चोरी के विभिन्न तरीकों का सहारा लिया है जिसमें खर्चों की मुद्रास्फीति, नकद में ऋण का लेनदेन, नकद में भुगतान / प्राप्तियां और उत्पादन का दमन शामिल है। तलाशी के दौरान यह भी पता चला है कि अचल संपत्तियों में निवेश किया गया है, जिसके स्रोत का पूरी तरह से खुलासा नहीं किया जा सका है।

तलाशी अभियान से यह भी पता चला कि सिविल ठेके में लगे समूहों में से एक नियमित खातों का रखरखाव नहीं कर रहा था। समूह वर्ष के अंत में एकमुश्त कच्चे माल/उप-अनुबंध व्यय की खरीद के गैर-वास्तविक लेनदेन में प्रवेश करके अपने खर्चों को बढ़ा रहा है। जब्त किए गए साक्ष्य यह भी बताते हैं कि अनुबंधों को सुरक्षित करने के लिए नकद में अनुचित भुगतान किया गया है।

कोयला व्यापार/लौह अयस्क की निकासी आदि में लगे दूसरे समूह के मामले में, भारी मूल्य के लौह अयस्क का बेहिसाब स्टॉक पाया गया है, जिसकी मात्रा अभी निर्धारित नहीं की गई है। उक्त समूह ने मुखौटा कंपनियों के माध्यम से लेन-देन की परतें बिछाकर अपने बेहिसाब धन को असुरक्षित ऋण और शेयर पूंजी के रूप में पेश किया है। इस समूह से जुड़े पेशेवरों ने स्वीकार किया है कि उन्होंने किसी भी सहायक दस्तावेज का सत्यापन नहीं किया था और बिना उचित परिश्रम के समूह के लेखाकार द्वारा तैयार की गई ऑडिट रिपोर्ट पर हस्ताक्षर किए थे।


आगे की जांच जारी है।


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