नई दिल्ली . कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और केरल के वायनाड से सांसद राहुल गांधी के वायनाड स्थित ऑफिस पर शुक्रवार को हमला के बाद हड़कंप मच गय...
नई दिल्ली. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और केरल के वायनाड से सांसद राहुल गांधी के वायनाड स्थित ऑफिस पर शुक्रवार को हमला के बाद हड़कंप मच गया। ये हमला स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया (SFI) की ओर से किया गया है। हालांकि इस हमले के बाद प्रदेश की सियासत गर्मा गई है। कांग्रेस समर्थकों ने राहुल गांधी के दफ्तर में तोड़फोड़ और हमले की निंदा करते हुए प्रदेश सरकार के तुरंत कार्रवाई की मांग की। वहीं केरल की पिनराई सरकार भी इस हमले के बाद तुरंत एक्शन में आई और कलपेट्टा के डीएसपी को निलंबित कर दिया है।
एक हफ्ते में मांगी रिपोर्ट
केरल सरकार ने राहुल गांधी
के ऑफिस पर हुए हमले को लेकर बड़ी कार्रवाई करते हुए एक तरफ तो डीएसपी को
सस्पेंड किया वहीं इस मामले की जांच एडीजीपी को सौंप दी है। यही नहीं
एडीजीपी से जांच की रिपोर्ट एक हफ्ते में मांगी गई है।
इसके साथ ही
मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से बयान जारी कर रहा गया कि राज्य सरकार राहुल
गांधी के कार्यालय तक मार्च और उसके बाद हुई तोड़फोड़ की घटना की उच्च
स्तरीय जांच करेगी।
ये है पूरा मामला
पिछले
दिनों देश की सर्वोच्च अदालत ने पर्यावरण को लेकर बड़ा फैसला सुनाया था।
इसके मुताबिक, संरक्षित वनों, वन्यजीव अभयारण्यों के आसपास का एक किलोमीटर
वाला पूरा इलाका पर्यावरण-संवेदनशील क्षेत्र (ESZ) रहने वाला है।
दरअसल ईएसजेड के जो भी तमाम गतिविधियां होती रहती हैं, उन्हें नियंत्रित करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने ये फैसला सुनाया था।
दरअसल केरल में विवाद इस बात को लेकर है कि अगर ये नियम वहां सख्ती से लागू कर दिया जाता है तो पर्यावरण-संवेदनशील क्षेत्र में रह रहे लोगों का क्या होगा?
इसी मुद्दे को लेकर SFI के कार्यकर्ताओं ने वायनाड में प्रदर्शन निकाला और राहुल गांधी के विचार जानने का प्रयास किया। जवाब ना मिलने पर कार्यकर्ताओं ने राहुल गांधी के दफ्तर में जमकर तोड़फोड़ की।
इस पूरे मामले पर अब तक राहुल गांधी की ओर से कई प्रतिक्रिया नहीं आई है। हालांकि पर्यावरण वाले मुद्दे को लेकर उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी को एक चिट्ठी लिखी है।
ऐसे में उन्होंने पीएम से अपील की है कि, पर्यावरण के साथ-साथ लोगों की सुविधा और उनकी आजीविका का भी पूरा ध्यान रखा जाए।