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कबीरधाम में नेशनल लोक अदालत का सफल आयोजन, बड़ी संख्या में प्रकरण निराकृत,लोक अदालत में कुल 31,877 लंबित प्रकरणों का निराकरण करते हुए 39 करोड़ 16 लाख रूपये से संबंधित वाद का किए गए निराकृत

 कवर्धा,असल बात  कवर्धा 14 दिसंबर 2025। 13 दिसम्बर 2025 को छत्तीसगढ़ राज्य में तालुका न्यायालय के स्तर से लेकर उच्च न्यायालय स्तर तक सभी न्य...

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 कवर्धा,असल बात



 कवर्धा 14 दिसंबर 2025। 13 दिसम्बर 2025 को छत्तीसगढ़ राज्य में तालुका न्यायालय के स्तर से लेकर उच्च न्यायालय स्तर तक सभी न्यायालयों में नेशनल लोक अदालत आयोजित किया गया। माननीय श्रीमती सत्यभामा अजय दुबे, प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश / अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, कबीरधाम द्वारा उक्त नेशनल लोक अदालत का शुभारंभ किया गया। 


उक्त लोक अदालत में जिले में कुल 12 खण्डपीठ गठित किया गया था, जिसमें से 11 खण्डपीठ जिला मुख्यालय कबीरधाम में तथा 01 खण्डपीठ व्यवहार न्यायालय, पण्डरिया में गठित की गई थी। जिसमें राजीनामा योग्य समस्त दाण्डिक मामले, चेक बाउन्स के प्रकरण, समस्त प्रकार के व्यवहार वाद प्रकरण, मोटर दुर्घटना से उत्पन्न दावा प्रकरण, कुटुम्ब न्यायालय में लंबित वैवाहिक विवाद से संबंधित प्रकरण, इसके साथ ही प्री-लिटिगेशन (मुकदमा पूर्व वाद प्रकरण) यथा बिजली बिल, दूरभाष, बैंक लोन, जलकर से संबंधित प्रकरण रखे गए थे।


उल्लेखनीय है कि, नेशनल लोक अदालत के खण्डपीठ क्रमांक 01 में प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश, कबीरधाम श्रीमती सत्यभामा अजय दुबे द्वारा मोटर दुर्घटना दावा प्रकरण में कुल 38,50,000/- रूपये की अवार्ड राशि तथा व्यवहार वाद में कुल 8,24,000/- रूपये का आदेश पारित किया गया। खण्डपीठ क्रमांक 02 परिवार न्यायालय कबीरधाम में पीठासीन अधिकारी श्री लीलाधर सारथी, द्वारा परिवार न्यायालय में वैवाहिक विवाद से संबंधित प्रकरण में कुल 29 प्रकरण का निराकरण करते हुए वैवाहिक संबंधो में मधुरता स्थापित करते हुए सुखद दाम्पत्य का पुर्नस्थापन किया गया। खण्डपीठ क्रमांक 03 पीठासीन अधिकारी श्रीमती योगिता विनय वासनिक द्वारा विद्युत प्रकरण में कुल 1,66,281/- रूपये राशि की वसूली करते हुए प्रकरण का निराकरण किया गया। इसी अनुक्रम में राजस्व न्यायालय में कुल 25,187 लंबित प्रकरणों का निराकरण करते हुए 25,187 लाभान्वित हितग्राहियों को कुल 32,71,05,934/- रूपये का निराकरण किया गया। इस प्रकार जिला कबीरधाम अंतर्गत परिवार न्यायालय, कबीरधाम में उक्त लोक अदालत में वैवाहिक प्रकरणों में 29 प्रकरणों का निराकरण करते हुए 6,68,000/- रूपये का निराकरण, जिला न्यायालय कबीरधाम द्वारा सिविल मामले में कुल 05 प्रकरण का निराकरण करते हुए 14,96,000/- रूपये, राजस्व न्यायालय द्वारा 25,187 प्रकरण का निराकरण करते हुए 32,71,05,934/- रूपये का निराकरण, नगर पालिका कबीरधाम द्वारा जलकर तथा दुकान किराया से संबंधित मामलो में 174 प्रकरण में 3,74,127 /- रूपये की वसूली की गई। इस प्रकार लोक अदालत में कुल 31,877 लंबित प्रकरण का निराकरण करते हुए 39,16,94,541/- रूपये से संबंधित वाद का निराकरण किया गया। उक्त नेशनल लोक अदालत के सफल आयोजन के अनुक्रम में समस्त न्यायालयीन कर्मचारीगण, अधिवक्तागण, पैरालिगल वालिन्टियर्स, जिला प्रशासन, जिला पंचायत, नगर पालिका, पुलिस विभाग, समस्त बैंको सहित अन्य समस्त विभागों का भरपूर सहयोग रहा है।


*लोक अदालत में समझौता के आधार पर तीन वर्ष पुरानी दुश्मनी को भुलाकर पड़ोसी के साथ बना सामंजस्य*


कबीरधाम न्यायालय में वर्ष 2022 को दर्ज कराये गये एक प्रकरण में प्रार्थी के गांव में एक घर छ‌ट्ठी कार्यक्रम के दौरान नाच-गाने में एक लड़के के गिर जाने से चोट आ गई थी जिससे पीड़ित पक्ष व आरोपी पक्ष के बीच वाद-विवाद बढ़ने से उनका मामला माननीय न्यायालय में संस्थित किया गया था। इस लोक अदालत में न्यायिक मजिस्ट्रेट वरिष्ठ श्रेणी कु० किरण पन्ना के द्वारा दोनों पक्षों को समझाईश देने तथा समझौता कराने से गांव में दोनों पक्षो के बीच उत्पन्न हुई दुश्मनी को भुलाकर दोनों पक्षो के द्वारा अपने बैर-भाव को भुलाकर गांव में एक सद्भाव का माहौल तैयार किया गया।


लोक अदालत में समझौते से बिखरा परिवार फिर से हुआ एक


परिवार न्यायालय, कबीरधाम में लंबित एक प्रकरण में एक दम्पत्ति के मध्य उत्पन्न अपने तथा अपने 02 वर्षीय पुत्र के भरण-पोषण हेतु संस्थित वाद में वादी महिला का विवाह वर्ष 2022 में हुआ था। विवाह के बाद से ससुराल पक्ष के द्वारा वादी महिला को दहेज के संबंध में प्रताड़ित करते हुए उसे घर से निकाल दिया गया था। जिससे परेशान होकर महिला के द्वारा वाद माननीय न्यायालय में संस्थित किया गया था। परिवार न्यायालय के पीठासीन न्यायाधीश श्री लीलाधर सारथी द्वारा उभयपक्ष को समझाईश प्रदान की गई जिससे उक्त पति-पत्नी के द्वारा एक-दूसरे की सभी शिकायतों को माफ करते हुए संयुक्त रूप से जीवन यापन करना स्वीकार किया गया। इस प्रकार लोक अदालत के द्वारा एक बिखरे हुए परिवार को समझौता के आधार पर एकीकरण कर संतान को माता-पिता के संयुक्त वात्सल्य स्नेह की प्राप्ति कराई गई।


लम्बे समय से चल रहा वृद्ध दंपत्ति का विवाद समाप्त


इसी खण्डपीठ में निराकृत एक मामले में 60-65 वर्षीय वृद्ध दम्पत्ति विगत 25 वर्षों से भरण-पोषण का मामला न्यायालय में चल रहा था, जिनकी आयु तथा सामाजिक व आर्थिक परिस्थितियों को दृष्टिगत् रखते हुए परिवार न्यायालय के पीठासीन न्यायाधीश श्री लीलाधर सारथी द्वारा उभयपक्ष को समझाईश प्रदान की गई तथा उन्हें उनके मध्य उत्पन्न विवाद को समाप्त करने के विकल्पों के बारे में बताया गया जिससे उन वृद्ध दम्पत्ति के द्वारा एकमुश्त भरण-पोषण भत्ते के विकल्प का चुनाव करते हुए वर्षों से उनके मध्य चल रहे भरण-पोषण के विवाद का अंत हुआ।


सेल्फी पॉइंट ने खींचा ध्यान


नेशनल लोक अदालत को यादगार बनाने सेल्फी प्वाइंट तथा स्वास्थ्य शिविर- नेशनल लोक अदालत की भव्यता देखते ही बन रही थी। जिला न्यायालय के प्रवेश द्वार पर यहां सेल्फी प्वाइंट बनाया गया था। जिसमें कोई भी पक्षकार अपनी मनमोहक फोटो तस्वीरों के माध्यम से जीवंत रख रहे थे। इस दौरान न्यायालय परिसर में आयोजित स्वास्थ्य शिविर में आये हुए पक्षकारों द्वारा स्वास्थ्य लाभ भी लिया जा रहा था।

असल बात,न्यूज