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संसदीय कार्य मंत्रालय सात प्रमुख डिजिटल प्लेटफार्मों का पूर्णतः उपयोग करके अपने कामकाज को कागज रहित प्रणाली में रूपांतरित कर रहा है

  नई दिल्ली. असल बात news.  संसदीय कार्य मंत्रालय ने सात प्रमुख डिजिटल प्लेटफार्मों का पूर्ण उपयोग करते हुए अपने समस्त कार्यकलापों को कागज-र...

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नई दिल्ली.
असल बात news. 

संसदीय कार्य मंत्रालय ने सात प्रमुख डिजिटल प्लेटफार्मों का पूर्ण उपयोग करते हुए अपने समस्त कार्यकलापों को कागज-रहित प्रणाली में रूपांतरित कर दिया है। इनमें सभी फाइलों की आवाजाही एवं अनुमोदन हेतु ई-ऑफिस, सेवा और मानव संसाधन मामलों के सुचारु संचालन के लिए ई-एचआरएमएस, परामर्श समिति बैठकों के पूर्ण डिजिटल प्रबंधन के उद्देश्य से परामर्श समिति प्रबंधन प्रणाली, पारदर्शी खरीद व परिसंपत्ति ट्रैकिंग में दावा एवं इन्वेंट्री प्रबंधन प्रणाली, राज्य एवं केंद्र शासित प्रदेश विधानसभाओं में विधायी डिजिटल कार्यप्रवाह हेतु राष्ट्रीय ई-विधान एप्लिकेशन (नेवा), संसदीय आश्वासनों की वास्तविक-समय निगरानी के लिए ऑनलाइन आश्वासन निगरानी प्रणाली (ओएएमएस) तथा राष्ट्रीय युवा संसद योजना हेतु समर्पित पोर्टल शामिल हैं।

इस व्यापक डिजिटल दृष्टिकोण को अपनाने के प्रत्यक्ष लाभ स्पष्ट रूप से परिलक्षित होते हैं, जिनमें लंबित कार्यों (सभी संदर्भों एवं फाइलों की स्वीकृति) का पूर्ण उन्मूलन, दस्तावेजी फाइलों के स्थानांतरण व कागज की खपत से उत्पन्न प्रशासनिक विलंब में उल्लेखनीय कमी, प्रत्येक लेनदेन की त्वरित दृश्यता एवं सुदृढ़ ऑडिट ट्रेल के माध्यम से अभूतपूर्व स्तर की पारदर्शिता, त्रुटिरहित और सहज रूप से सुलभ इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड-प्रबंधन तथा समग्र प्रसंस्करण समय में भारी गिरावट हैं।

संसदीय कार्य मंत्रालय ने विशेष अभियान 5.0 (2 से 31 अक्टूबर 2025) के दौरान, लंबित मामलों के 100 प्रतिशत निपटान, व्यापक स्वच्छता एवं अपशिष्ट पृथक्करण अभियानों के संचालन और हरित शासन के एक आदर्श के रूप में राष्ट्रीय ई-विधान एप्लिकेशन (नेवा) को बढ़ावा देकर ‘शून्य-लंबितता व शून्य-कागज’ के लक्ष्य को सफलतापूर्वक प्राप्त किया है। इससे प्रतिवर्ष लाखों पेड़ों के संरक्षण में योगदान मिलता है। इस अभियान के अंतर्गत मंत्रालय के सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने स्वच्छता की शपथ ली। स्वच्छ भारत अभियान की भावना के अनुरूप, मंत्रालय का उद्देश्य सभी राज्य एवं केंद्र शासित प्रदेश विधानसभाओं में नई व्यावसायिक गतिविधियों के लिए नेवा को पूर्ण रूप से अपनाकर तथा पुराने अभिलेखों का डिजिटलीकरण करते हुए कागज के उपयोग को लगभग शून्य स्तर तक लाना है।

मंत्रालय का भावी रोडमैप राज्य एवं केंद्र शासित प्रदेशों की विधानसभाओं के लिए राष्ट्रीय ई-विधान एप्लिकेशन (नेवा) को एक एआई-संचालित प्लेटफॉर्म के रूप में विकसित करने पर केंद्रित है। इसके अंतर्गत उपयोगकर्ताओं को उनकी पसंदीदा क्षेत्रीय भाषा में सामग्री तक पहुंच, सदन की कार्यवाही, एआई-आधारित लाइव ट्रांसक्रिप्शन, खोज योग्य डिजिटल अभिलेखागार और बुद्धिमान बहुभाषी चैटबॉट जैसी सुविधाएं प्रदान करने हेतु विभिन्न आधिकारिक भाषाओं में वास्तविक-समय बहुभाषी मशीन अनुवाद क्षमताओं—पाठ-से-पाठ, भाषण-से-पाठ, पाठ-से-भाषण एवं भाषण-से-भाषण—का एकीकरण किया जाएगा। इन उन्नत सुविधाओं से मुद्रित सामग्री के उपयोग में उल्लेखनीय कमी आएगी और भाषाई समावेशिता को सुदृढ़ किया जाएगा।”

यह जानकारी संसदीय कार्य राज्य मंत्री और विधि एवं न्याय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री अर्जुन राम मेघवाल ने लोकसभा में लिखित उत्तर में दी।