बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर रेल हादसे को लेकर CRS जांच पूरी हो गई है. रेलवे सुरक्षा आयुक्त 3 दिनों से कैंप किए हुए हैं. उन्होंने गतौर...
बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर रेल हादसे को लेकर CRS जांच पूरी हो गई है. रेलवे सुरक्षा आयुक्त 3 दिनों से कैंप किए हुए हैं. उन्होंने गतौरा रेल हादसे का पहले मौके पर जाकर निरीक्षण किया. इसके बाद दो दिनों से संबंधित कर्मचारियों से पूछताछ की जा रही है. इसके साथ ही रेल दुर्घटना की सीआरएस जांच पूरी हो गई है. फाइनल रिपोर्ट को आने में कुछ दिन लगेगा. इसका सभी को इंतजार है.
बता दें, गेवरा से बिलासपुर आ रही मेमू लोकल का गतौरा रेलवे स्टेशन के पास पहले से खड़ी मालगाड़ी से टक्कर हो गई थी. इस दुर्घटना में लोको पायलट सहित 12 लोगों की मौत हो गई और 20 यात्री घायल हो गए थे. रेल दुर्घटना की जांच जारी है.ज्वॉइनिंग फाइंडिंग कमेटी ने उक्त घटना के लिए रेल दुर्घटना में मृत रेल चालक विद्या सागर को जिम्मेदार ठहराया है. लेकिन उक्त निर्णय अंतिम नहीं है.
दुर्घटना के कारणों के सही निष्कर्ष तक सीआरएस बीके मिश्रा की जांच रिपोर्ट के बाद ही सामने आएगी. इसके लिए रेलवे सुरक्षा आयुक्त बीके मिश्रा अपनी टीम के साथ बिलासपुर में डेरा डाले हुए है. रेलवे सुरक्षा आयुक्त ने टीम के साथ बुधवार को घटना स्थल का बारिकी से निरीक्षण किया. इसके बाद 2 दिनों से डीआरएम ऑफिस में रेल दुर्घटना से संबंधित कर्मचारियों से बंद कमरे में बारी-बारी से पूछताछ की जा रही है. साथ ही उनसे आवश्यक दस्तावे भी लिए गए हैं. पहले सीआरएस ने उन्नीस कर्मचारियों को तलब किया था. तलब में उसकी संख्या बढ़ा दी गई है. दो दिनों में पूछताछ पूरी हो गई.
सीआरएस शनिवार को भी कुछ लोगों से दुर्घटना से संबंध में पूछताछ कर सकते है. इसके बाद कोलकाता रवाना हो जाएंगे. जहां पूरे मामले की विस्तृत जांच करने के बाद अपनी रिपोर्ट देंगे. उक्त रिपोर्ट आने में कुछ समय लग सकता है.
अधिकारियों के साथ पहुंचे दुर्घटना स्थल
डीआरएम राजमल खोईवाल शुक्रवार को इंजीनियरिंग, इलेल्ट्रिरकल विभाग के अधिकारियों के साथ रेल दुर्घटना वाले स्थान में पहुंचे. वहां उन्होंने घटना स्थल गतौरा रेलवे स्टेशन के आउटर में एक मेमू लोकल ट्रेन को चलाकर स्पीड का ट्रायल किया गया. गेवरा मेमू की दुर्घटना के समय स्पीड करीब 75 किलो मीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल रही थी. उसके हिसाब से मेमू को चलाकर इमरजेंसी ब्रेक लगाकर रोकने का प्रयास किया गया. वहीं सौ किलो मीटर प्रति घंटे से भी मेमू का ट्रायल हुआ. जिसमें ब्रेक लगाने पर ट्रेन आगे निकल जा रही थी.


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