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मूकबधिर बालक के साथ खून खौला देने वाला वहशियाना कृकृत्य, दोष सिद्ध होने पर आरोपी को 20 साल के ससुराल में कारावास की सजा

 दुर्ग  . असल बात news.  लगभग 14 साल के जन्म से मूकबधिर  बालक के साथ जिस तरह का वहशीयाना कृत्य  किया गया उसे सुनकर आपका भी खून खोल सकता है.न...

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 दुर्ग  .

असल बात news. 

लगभग 14 साल के जन्म से मूकबधिर  बालक के साथ जिस तरह का वहशीयाना कृत्य  किया गया उसे सुनकर आपका भी खून खोल सकता है.न्यायालय ने इस आरोपी के विरुद्ध दोषसिद्ध हो जाने पर उसे 20 साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है और अर्थदंड भी दिया है.अपर सत्र न्यायालय चतुर्थ एफटीसी दुर्ग श्री अनीष दुबे  के न्यायालय के द्वारा प्रकरण में यह सजा सुनाई गई है. पीड़ित जन्म से मूकबधिर बालक है,उसने अभियुक्त की एक झलक देखकर पहचान कर ली, न्यायालय ने इसे पर्याप्त साक्षय माना. इस घटना में यह भी महत्वपूर्ण बात है कि न्यायालय के द्वारा इस प्रकरण में 1 साल 2 महीने के भीतर निर्णय सुना दिया गया है. 

प्राप्त जानकारी के अनुसार यह घटना  स्मृति नगर चौकी सुपेला थाना क्षेत्र के अंतर्गत की है जिसमें घटना के दूसरे दिन 17 अक्टूबर 2024 को रिपोर्ट दर्ज कराई गई.अभियोजन पक्ष के अनुसार प्रकरण के तथ्य इस प्रकार है कि पीड़ित बालक जिसकी उम्र 16 वर्ष से कम है घटना के दिन दोपहर में लगभग 3:00 बजे अपने घर से सामने के मैदान में खेलने के लिए गया था और लगभग 5:30 बजे घर वापस आया. यहां उसकी मां ने देखा कि वह ठीक से चल नहीं पा रहा था. कब उसने किसी अनहोनी की आशंका से बच्चों से पूछताछ की तो मूकबधिर बालक ने उसके साथ हुए कृकृत्य के बारे में इशारे से अपनी मां को जानकारी दी. जिस पर उसकी मां के द्वारा रिपोर्ट दर्ज कराई गई.

बचाव पक्ष की ओर से तर्क लिया गया कि आरोपी और पीड़ित के चाचा के बीच पुरानी रंजिश थी जिसके चलते उन्हें इस प्रकार फसाया गया, न्यायालय ने इस तर्क को मान्य नही किया.न्यायालय ने अभियुक्त को पोकसो एक्ट की धारा 4(2) के अपराध में 20 साल के सश्रम कारावास की  सजा सुनाई है. आरोपी गिरफ्तारी के बाद से लगातार जेल में निरुद्ध है.


प्रकरण में अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक श्रीमती रूप वर्षा दिल्लीवार ने पैरवी की.