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हरित ऊर्जा अपनाकर श्रीमती गुप्ता ने दिया पर्यावरण संरक्षण का संदेश, पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना से जगमगाया श्रीमती गुप्ता का घर

कवर्धा,असल बात कवर्धा,। पर्यावरण की गुणवत्ता में गिरावट, बढ़ते प्रदूषण और पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों पर निर्भरता ने आज के समय में हरित ऊर्जा की आ...

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कवर्धा,असल बात



कवर्धा,। पर्यावरण की गुणवत्ता में गिरावट, बढ़ते प्रदूषण और पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों पर निर्भरता ने आज के समय में हरित ऊर्जा की आवश्यकता को और अधिक महत्वपूर्ण बना दिया है। ऐसे दौर में केंद्र सरकार द्वारा प्रारंभ की गई प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना न केवल नागरिकों को ऊर्जा आत्मनिर्भर बना रही है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी एक बड़ी पहल सिद्ध हो रही है। इसी योजना से प्रेरित होकर कवर्धा की कालिका नगर निवासी श्रीमती माधुरी गुप्ता ने अपने घर को हरित ऊर्जा का उदाहरण बना दिया है। उन्होंने इस योजना का लाभ उठाकर न केवल अपने बिजली खर्च को शून्य किया, बल्कि आय का नया स्रोत भी शुरू किया है।

श्रीमती गुप्ता बताती हैं कि पहले उनके घर में हर माह 2000 से 2500 तक का बिजली बिल आता था। एसी और अन्य उपकरणों के चलते खपत अधिक होने से बिल लगातार बढ़ता जा रहा था। खपत कम करने के प्रयासों के बावजूद कोई विशेष फर्क नहीं पड़ा, जिससे वे चिंतित थीं। तभी उन्हें प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना की जानकारी मिली। उन्होंने तुरंत आवेदन कर 5 किलोवाट का सोलर पैनल अपने घर की छत पर लगवाया। इसकी कुल लागत 2.90 लाख रही, जिसमें से 78,000 की राशि सरकार द्वारा सब्सिडी के रूप में सीधे उनके खाते में भेजी गई।

श्रीमती गुप्ता को बिजली बिल चुकाने की जरूरत नहीं पड़ती। बल्कि वे अतिरिक्त बिजली सरकार को बेचकर आय अर्जित कर रही हैं। इस कदम से उन्होंने न केवल अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत किया, बल्कि स्वच्छ ऊर्जा के उपयोग से पर्यावरण संरक्षण में भी योगदान दिया है। श्रीमती गुप्ता कहती हैं कि यह योजना उनके जीवन में “ऊर्जा आत्मनिर्भरता” की एक नई किरण लेकर आई है। उन्होंने अपने आसपास के लोगों को भी इस योजना से जुड़ने और हरित ऊर्जा अपनाने के लिए प्रेरित किया है। उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय और देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के प्रति आभार व्यक्त किया है, जिन्होंने आम नागरिकों के जीवन में स्थायी परिवर्तन लाने का मार्ग प्रशस्त किया है। श्रीमती माधुरी गुप्ता की यह सफलता कहानी इस बात का सशक्त प्रमाण है कि जब हर घर सूरज की किरणों से ऊर्जा पाएगा, तभी सच्चे अर्थों में भारत “ऊर्जा आत्मनिर्भर” और “पर्यावरण अनुकूल” बनेगा।


सौर ऊर्जा अपनाने पर 108000 रूपए तक की सरकारी सहायता


कबीरधाम जिले के अधीक्षण अभियंता श्री रंजीत घोष ने बताया कि छत्तीसगढ़ शासन द्वारा छत्तीसगढ़ स्टेट पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड के माध्यम से पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के तहत घरेलू उपभोक्ताओं के घरों पर सोलर रूफटॉप संयंत्र लगाने पर केंद्रीय वित्तीय सहायता के साथ-साथ राज्य की ओर से अतिरिक्त वित्तीय सहायता भी दी जाएगी, जो सोलर प्लांट की क्षमता (1) किलोवाट, 2 किलोवाट, 3 किलोवाट और उससे अधिक) के आधार पर अलग-अलग होगी। उदाहरण के लिए, 1 किलोवाट प्लांट के लिए कुल 45,000 रूपए, (30,000 रूपए केंद्रीय और 15,000 रूपए राज्य सहायता) जबकि 3 किलोवाट या उससे अधिक के प्लांट के लिए 1,08,000 रूपए (78,000 रूपए केंद्रीय और 30,000 रूपए राज्य सहायता) की मदद मिलेगी। हाउसिंग सोसाइटी/रेसिडेंशियल वेलफेयर एसोसिएशन के लिए भी इसी तरह की सहायता प्रस्तावित की गई है। यह अनुदान राशि छत्तीसगढ़ स्टेट पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड को अग्रिम रूप से मिलेगी और वही इसे लाभार्थियों को देगी। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2025-26 में 60,000 और 2026-27 में 70,000 सोलर पावर प्लांट की स्थापना का लक्ष्य रखा गया है। इससे वित्तीय वर्ष 2025-26 में 180 करोड़ एवं 2026-27 में 210 करोड़ रूपए का भार आएगा। प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना के अंतर्गत 1 से 3 किलोवाट क्षमता के सोलर प्लांट लगाने पर 45 हजार से 108000 रूपए तक की सब्सिडी सीधे लाभार्थियों के बैंक खाते में दी जा रही है। छत्तीसगढ़ सरकार के सहयोग से क्रियान्वित इस योजना में ग्रुप हाउसिंग सोसायटी एवं निवासी कल्याण संघों को भी 18 हजार रूपए प्रति किलोवाट की सहायता दी जा रही है।

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